राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
पुनरीक्षण संख्या-114/2015
(जिला उपभोक्ता फोरम, वाराणसी द्वारा परिवाद संख्या-210/2014 में पारित आदेश दिनांक 16.04.2015 के विरूद्ध)
टाटा मोटर्स फाइनेन्स लिमिटेड, जी0टी0 रोड, अलीपुर, वाराणसी, द्वारा मैनेजर।
पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी
बनाम
शीतला प्रसाद, निवासी मकान नं0 बी 24/149, काश्मीरीगंज, खोंजवा, वाराणसी।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री वीरेन्द्र सिंह, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री जुगुल किशोर, सदस्य।
3. माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री राजेश चड्ढा, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 15.12.2015
माननीय न्यायमूर्ति श्री वीरेन्द्र सिंह, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी द्वारा परिवाद सं0-210/2014 में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, वारायणसी द्वारा दिनांक 16.04.2015 को पारित किये गये उस आदेश के विरूद्ध प्रस्तुत किया गया है, जिसके द्वारा जिला फोरम ने आदेश दिनांक 11.07.2014 में इस आशय का संशोधन किया है कि जहां दिनांक 11.07.2014 के आदेश में परिवादी को मु0 62,200/- बकाया किस्त विपक्षी को अदा करने का आदेश दिया गया था, उसे दिनांक 16.04.2015 के आदेश में मु0 25,000/- परिवादी यदि जमा करता है, से संशोधित कर दिया गया है। हमारी राय में प्रश्नगत आदेश किसी भी प्रकार से विधि सम्मत आदेश नहीं है, क्योंकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राजीव
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हितेन्द्र पाठक व अन्य बनाम अच्युत काशीनाथ कारेकर व अन्य IV (2011) सी0पी0जे0 35 (एस0सी0) में यह अवधारित है कि जिला फोरम को अपने आदेश में किसी भी प्रकार का कोई संशोधन, परिवर्धन करने का अधिकार नहीं है। ऐसी स्थिति में यह पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र उपरोक्त स्वीकार किया जाता है। प्रश्नगत आदेश दिनांक 16.04.2015 अपास्त किया जाता है।
(न्यायमूर्ति वीरेन्द्र सिंह) (जुगुल किशोर) (बाल कुमारी)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0
कोर्ट-1