जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 376/2021 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-16.11.2021
परिवाद के निर्णय की तारीख:- 20.12.2023
Bandana Singh W/o Ran Vijay Singh Proprietor M/s Biostar Remedies Phase-1, F-245, Transport Nagar, LDA Colony, Kanpur Road, Sarojini Nagar, Lucknow, Uttar Pradesh-226009.
..............Applicant.
VERSUS
M/s Shri Sidhivinayak Transport, Associates: Shukla Transport Company Head Office:F-371, Transport Nagar, Lucknow.
............Opposite Party.
परिवादी के अधिवक्ता का नाम:-श्री आशुतोष कुमार मिश्रा।
विपक्षी के अधिवक्ता का नाम:-मितेश कुमार।
आदेश द्वारा-श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
निर्णय
1. परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-35 के अन्तर्गत योजित किया गया है। परिवादिनी ने परिवाद पत्र में विपक्षी से कोरियर के द्वारा धनराशि 90,826.00 रूपये मूल्य की दवाओं, कोरियर चार्ज 880.00 रूपये मय 18 प्रतिशत ब्याज के साथ, 50,000.00 रूपये मानसिक कष्ट हेतु एवं 25,000.00 रूपये वाद व्यय दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया गया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार है कि परिवादिनी M/s Biostar Remedies नामक फर्म संचालित करती है जो दिनॉंक 22.08.2018 से संचालित है। यह फर्म दवाओं का थोक व्यापार करती है।
3. विपक्षी मै0 श्री सिद्धि विनायक ट्रांसपोर्ट कम्पनी एक कोरियर कम्पनी है जो एफ-371 ट्रांसपोर्ट नगर, लखनऊ में स्थित है। यह कम्पनी मै0 शुक्ला ट्रांसपोर्ट कम्पनी पता उपरोक्त के साथ मिलकर काफी दिनों से कोरियर सर्विस का संचालन कर रही है।
4. परिवादिनी ने दिनॉंक 28.04.2020 को मै0 श्री सिद्धि विनायक ट्रांसपोर्ट कम्पनी से कुछ दवाओं का आर्डर रिटेलर्स यथा-साकेत सेंट्रल डृग हाउस, जी0एस0 टावर, रायबरेली रोड, पहाड़गंज नाका फैजाबाद उत्तर प्रदेश-224001 एवं मै0 रिषभ फार्मा, नई सड़क, शहजादपुर निकट एच0डी0एफ0सी0 बैंक, अकबरपुर, अम्बेडकर नगर उत्तर प्रदेश को बुक करवाया। बुकिंग शिपमेंट चार्ज 880.00 रूपये परिवादिनी द्वारा विपक्षी को भुगतान कर दिया गया। सामान्यतया बुकिंग का सामान तीन दिनों में पहुँच जाता है। दिनॉंक-01.05.2020 को उक्त दोनों फुटकर व्यापारियों द्वारा परिवादिनी को अवगत कराया गया कि माल अभी तक डिलीवर्ड नहीं किया गया है।
5. ऐसा प्रतीत होता है कि विपक्षी द्वारा उक्त दवाओं को या तो बेंच दिया गया या ब्लैकमेल कर दिया गया। परिवादिनी ने बताया है कि दवाओं में कोविड-19 से संबंधित दवाऍं थी जिसकी तत्काल आवश्यकता थी। परिवादिनी ने विपक्षी को फोन करके पता लगाने हेतु कहा कि वे दवाऍं कहॉं रह गयी है। इस पर विपक्षी ने डिमाण्ड के खोने के कारण दवाओं की डिलीवरी तत्काल करने में अस्मर्थता बतायी तथा आश्वासन दिया कि वह डिमाण्ड लेटर ढॅूंढकर दवाऍं उन फर्मों को भेजेगा यदि नहीं संभव हुआ तो क्षतिपूर्ति देगा। परन्तु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी विपक्षी द्वारा न तो डिमांडेड दवाऍं भेजी गयी और न ही क्षतिपूर्ति दी गयी। दिए गए दोनों आर्डर की दवाओं की कुल कीमत 40102 + 47724 = 90,826.00 रूपये थी।
6. उसके बाद परिवादिनी द्वारा विपक्षी को कई बार फोन से स्मरण पत्र, ई-मेल से संपर्क करने की कोशिश की गयी, परन्तु कोई भी उत्तर विपक्षी की ओर से नहीं प्राप्त हुआ। इससे यह प्रमाणित होता है कि विपक्षी की नीयत साफ नहीं है। उसने जानबूझकर एडवान्स पेड दवाओं के आर्डर की सप्लाई इसना समय बीत जाने के बाद भी नहीं की गयी और न ही पैसा वापस किया गया। परिवादिनी ने कथन किया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि विपक्षी ने कदाचित उक्त दवाओं को या तो बेंच दिया है या ब्लैक कर दिया है। उसमें कोविड-19 की उपचार से संबंधित दवाऍं थी, जिनकी उस समय अत्यधिक मॉंग थी। वे जीवन रक्षक दवाऍं होने के कारण लोग निर्धारित मूल्य से अधिक पर दवाऍं खरीद रहे थे, जिसका पूरा फायदा विपक्षी ने उठाया।
7. दवाओं की डिलीवरी न होने से कई गंभीर मरीजों की मृत्यु भी हो रही थी। इसकी भी विपक्षी ने परवाह नहीं करते हुए अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी है। अंत में थक हार कर परिवादिनी ने एक विधिक नोटिस विपक्षी को दिनॉंक 08.10.2020 को भेजा जिसका कोई जवाब विपक्षी द्वारा आज तक नहीं दिया गया, तथा धनराशि रू0-90826.00 तथा कोरियर चार्ज रू0-880.00 की हानि की है। विपक्षी द्वारा परिवादिनी के साथ कपटपूर्ण व विश्वासघात का कार्य किया गया है। परिवादिनी के दशकों से अच्छे व्यवहार से लोगों में विश्वास और रेपुटेशन का भी हानि पहुचाई है तथा मानसिक व आर्थिक हानि पहुचाई है।
8. परिवादिनी ने एक शिकायती पत्र सरोजनी नगर पुलिस स्टेशन लखनऊ को दिनॉंक 02.02.2021 को दिया गया। उसमें भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस प्रकार स्पष्ट है कि विपक्षी द्वारा सेवा में अत्यंत कमी की गयी है और दोषपूर्ण कृत्य किया गया है जिसके फलस्वरूप कोविड-19 ग्रस्त मरीजों के जान से खिलवाड़ किया गया है तथा अनुचित व्यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है। विपक्षी के ऐसे दूषित कृत्य से परिवादिनी को गहन मानसिक पीड़ा व क्षति पहुँची है, व्यापार में 10 सालों के अच्छे रिकार्ड भी खराब हुए हैं। अत: परिवादिनी को समुचित क्षतिपूर्ति दिलायी जाए।
9. परिवाद का नोटिस विपक्षी को भेजा गया, परन्तु विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही कोई उत्तर पत्र दाखिल किया गया। अत: दिनॉंक-19.10.2022 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी। विपक्षी का कोई कथन/साक्ष्य पत्रावली पर उपलब्ध नहीं है। अत: परिवादिनी के कथनों व साक्ष्य के आधार पर मामले का निस्तारण किया जाना है।
10. परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र एवं दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में कोरियर स्लिप, बिल, विधिक नोटिस, पुलिस कम्पलेन्ट, आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल की गयी हैं।
11. आयोग द्वारा परिवादिनी के अधिवक्ता के तर्कों को सुना गया तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया।
12. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत निम्नलिखित दो आवश्यक तथ्यों को साबित करना होता है। यह कि परिवादिनी उपभोक्ता की श्रेणी में आती हो, तथा दूसरा विपक्षी द्वारा सेवा में कमी की गयी हो। परिवादिनी द्वारा परिवाद पत्र के प्रस्तर-01 में ही यह कथन किया गया है कि परिवादिनी दवाओं का थोक व्यापार करती है। उसके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों व रिसीप्ट पर भी जी0एस0टी0एन0 नम्बर अंकित है। इस प्रकार स्पष्ट है कि परिवादिनी दवाओं की एक थोक व्यापारी है। अत: वह उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आ सकती है। ऐसी स्थिति में परिवादिनी का परिवाद उपभोक्ता आयोग के क्षेत्राधिकार में न होने के कारण पोषणीय नहीं है। परिवादिनी चाहे तो इसे सक्षम न्यायालय में दाखिल कर अनुतोष प्राप्त कर सकती है। अत: परिवादिनी का परिवाद पोषणीय न होने के कारण खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद पोषणीय न होने के कारण खारिज किया जाता है। परिवादिनी चाहे तो इसे सक्षम न्यायालय में दाखिल कर अनुतोष प्राप्त कर सकती है।
पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रार्थना पत्र निस्तारित किये जाते हैं।
निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाए।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक:-20.12.2023