(मौखिक)
प्रकीर्णवाद सं0- 18/2022
न्यू ओखला डेवलपमेंट अथारिटी बनाम श्री रंजन कुमार
22.02.2022
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
यह प्रकीर्णवाद आवेदन अपील सं0- 2581/2000 न्यू ओखला इण्डस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी को अदम पैरवी में खारिज करने के आदेश को वापस लेने के लिए प्रस्तुत किया गया है।
आवेदक के विद्वान अधिवक्ता श्री अशोक शुक्ला उपस्थित हैं। विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। आवेदक के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
यह सही है कि गुण-दोष के आधार पर पारित निर्णय के पुनर्विलोकन की कोई व्यवस्था उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत नहीं है, परन्तु विचारण के दौरान प्रक्रियात्मक आदेश को वापस लिया जा सकता है। अदम पैरवी में अपील को खारिज करने का आदेश भी गुण-दोष पर पारित आदेश नहीं है, अपितु प्रक्रियात्मक आदेश है। अत: अपील मूल नम्बर पर पुनर्स्थापित की जा सकती है।
आवेदक द्वारा आवेदन में अनुपस्थिति का यह आधार लिया गया है कि आवेदक के विद्वान अधिवक्ता को यह ज्ञान नहीं था कि प्रकरण पुराने वादों की श्रेणी में अंकित है। यह आधार निश्चित रूप से आवेदक के विद्वान अधिवक्ता की लापरवाही को दर्शित करता है, अत: अपील को मूल नम्बर पर पुनर्स्थापित करने के लिए प्रस्तुत किया गया प्रकीर्णवाद आवेदन 15,000/-रू0 हर्जाना पर स्वीकार किए जाने योग्य है।
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आदेश
यह प्रकीर्णवाद आवेदन 15,000/-रू0 हर्जाना पर स्वीकार किया जाता है। मूल अपील सं0- 2581/2000 में पारित प्रश्नगत आदेश दि0 03.01.2022 निरस्त किया जाता है। हर्जाना की धनराशि आवेदक/अपीलार्थी द्वारा आल यू0पी0 कंज्यूमर प्रोटेक्शन बार एसोसिएशन, लखनऊ के खाता सं0- 10616665442 में 07 दिन में जमा कर जमा पर्ची प्रस्तुत की जाए, अन्यथा यह आदेश स्वत: निरस्त समझा जायेगा। हर्जाना जमा होने के बाद मूल अपील सं0- 2581/2000 को अपने मूल नम्बर पर पुनर्स्थापित करते हुए पत्रावली गुण-दोष के आधार पर सुनवाई हेतु दि0 06.04.2022 को सूचीबद्ध की जाए। इस आदेश की एक प्रमाणित प्रति मूल अपील सं0- 2581/2000 में भी रखी जाए।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 2