(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1383/2016
ट्रैक्टर एण्ड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड, 77, ननगमबक्कम हाई रोड ननगमबक्कम चेन्नई, द्वारा अथराइज्ड सिगनेचरी।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1
बनाम्
1. शिव चरन लाल पुत्र श्री कंचन लाल।
1/1. शैलेन्द्र कुमार पुत्र राम शिरोमनी, निवासी ग्राम बैदुरिया, पोस्ट औसेर, जिला कन्नौज।
2. वर्मा आटोमोबाइल्स, जी.टी. रोड छिबरामऊ, जिला कन्नौज, द्वारा प्रोपराइटर, श्री कुलदीप वर्मा।
3. ग्रामीण बैंक, ब्रांच औसेर, जिला कन्नौज।
प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी संख्या-2 एवं 3
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अरूण टण्डन।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 02.11.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-278/2004 / के. 255/2008, शिवचरन लाल तथा अन्य बनाम ट्रैक्टर एण्ड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड तथा अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, कन्नौज द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 22.06.2009 के विरूद्ध यह अपील विपक्षी संख्या-1 द्वारा प्रस्तुत की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए विपक्षी संख्या-1 को निर्देशित किया है कि वह परिवादीगण को अंकन 20 हजार रूपये अदा करें।
2. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अरूण टण्डन उपस्थित आए। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। केवल अपीलार्थी के विद्वान
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अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि स्वंय निर्णय में यह निष्कर्ष आया है कि परिवादीगण ट्रैक्टर लेने के लिए उपस्थित नहीं आए, इसलिए परिवादीगण के पक्ष में किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति का आदेश देने का कोई औचित्य नहीं था।
4. निर्णय एवं आदेश के अवलोकन से जाहिर होता है कि जिन तिथियों पर परिवादीगण ट्रैक्टर लेने नहीं आए, उस अवधि के संबंध में किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति का आदेश नहीं दिया गया है, अपितु ट्रैक्टर खराब होने के पश्चात मरम्मत के बीच जो समय व्यतीत हुआ है, उस अवधि के लिए क्षतिपूर्ति का आदेश दिया गया है, जिसमें किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं है। अत: प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगें।
अपीलार्थी द्वारा अपील प्रस्तुत करते समय अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित विधि अनुसार एक माह में संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को निस्तारण हेतु भेजी जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2