Uttar Pradesh

StateCommission

A/766/2022

Bharat Sanchar Nigam Ltd. - Complainant(s)

Versus

Shitala Prasad Pandey - Opp.Party(s)

Yogesh Chandra Bhatt and Pratul Srivastava

17 Aug 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/766/2022
( Date of Filing : 10 Aug 2022 )
(Arisen out of Order Dated 18/06/2022 in Case No. Complaint Case No. C/2012/61 of District Varanasi)
 
1. Bharat Sanchar Nigam Ltd.
Shivpurwa Varanasi
...........Appellant(s)
Versus
1. Shitala Prasad Pandey
S/o Late Jokhan Pandey R/o Vill Airhe post Lamhi Dist. Varanasi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 17 Aug 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-766/2022

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, वाराणसी द्वारा परिवाद संख्‍या-61/2012 में पारित निर्णय दिनांक 18.06.2022 के विरूद्ध)

भारत संचार निगम लि0 द्वारा जनरल मैनेजर, माधोपुर, शिवापुरवा,

वाराणसी।                                   .........अपीलार्थी@विपक्षी

बनाम

 

शीतला प्रसाद पाण्‍डेय पुत्र श्री स्‍व0 जोखन पाण्‍डेय, निवासी ग्राम

ऐढ़े, पोस्‍ट लमही, जिला वाराणसी।                 .......प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलाथी की ओर से उपस्थित : श्री प्रतुल श्रीवास्‍तव, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : कोई नहीं।

दिनांक 17.08.2022

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

     प्रस्‍तुत अपील जिला उपभोक्‍ता फोरम वाराणसी द्वारा परिवाद संख्‍या 61/2012 में पारित निर्णय व आदेश दि. 18.06.2022 के विरूद्ध योजित की गई है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया गया है:-

     ‘’परिवाद अंशत: स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह इस आदेश की तिथि से 30 दिन के अंदर परिवादी को हुये आर्थिक, मानसिक, शारीरिक ह्रास हेतु मु0 20000/- प्रतिकर का भुगतान करें। ‘’

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी का टेलीफोन कनेक्‍शन नं0 2505121 वर्ष 2009 से कार्य नहीं कर रहा है। विपक्षी द्वारा कई तिथियों पर शिकायत की गई और अनुरोध किया गया कि टेलीफोन की

 

-2-

कमी को दूर करके चालू किया जाए, लेकिन इसका कोई प्रभाव विपक्षी पर नहीं पड़ा, तदनुसार उपरोक्‍त अनुतोष हेतु परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

     विपक्षी ने जिला मंच के समक्ष प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत करते हुए परिवादी के कथनों का खंडन किया गया है एवं कहा गया है कि परिवादी द्वारा गलत तथ्‍यों पर परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है। परिवादी का टेलीफोन बराबर कार्य करता रहा है। परिवादी ने कभी भी विपक्षी के यहां फोन में खराबी आने की शिकायत नहीं की है। परिवाद निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

     केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय व पत्रावली का अवलोकन किया गया।

     जिला मंच द्वारा अपने निर्णय में यह पाया गया है कि परिवादी का कनेक्‍शन विच्‍छेदित था, लेकिन विपक्षी द्वारा इसे स्‍वीकार न कर यह कहा गया है कि दि. 01.11.2010 को परिवादी का उक्‍त कनेक्‍शन विच्‍छेदित किया गया है। यदि परिवादी का उक्‍त कनेक्‍शन सही रहा होता तो उसे वर्ष 2007 से शिकायत करने की क्‍या आवश्‍यकता थी। परिवादी के जिस बिल के जमा न होने के आधार पर उसका कनेक्‍शन दि. 01.11.2010 को विच्‍छेदित किया गया, वह बिल भी परिवादी द्वारा टेलीफोन विच्‍छेदित होने के पूर्व ही यानि जुलाई, अगस्‍त, सितम्‍बर 2009 में जमा कर दिया गया था। इसके बाद भी विपक्षी द्वारा उसके कथनानुसार ही परिवादी का कनेक्‍शन दि. 01.11.2010 को काटा जाना कहा गया है। टेलीफोन कनेक्‍शन खराब होने के संबंध में परिवादी द्वारा अनेक लिखित शिकायतें करने के बावजूद भी विपक्षी द्वारा कोई ध्‍यान नहीं दिया गया है, निश्चित रूप से विपक्षी का कृत्‍य सेवा में कमी की श्रेणी में आता है।

 

-3-

     वाद के तथ्‍य एवं परिस्थितियों के आधार पर हम यह पातें हैं कि जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय विधिसम्‍मत है, उसमें हस्‍तक्षेप करने का कोई औचित्‍य नहीं है, तदनुसार अपील निरस्‍त की जाती है।

अपीलार्थी द्वारा धारा-15 के अंतर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला उपभोक्‍ता आयोग को निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

              

       (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                   (सुशील कुमार)                                                                                                                                                       अध्‍यक्ष                               सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

  कोर्ट-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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