राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1462/2019
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग, रायबरेली द्वारा परिवाद संख्या 46/2018 में पारित आदेश दिनांक 17.10.2019 के विरूद्ध)
सचिन कुमार यादव पुत्र अवधेश कुमार, निवासी- ग्राम बरगदही, मजरे बरूआ थाना डीह, तहसील सलोन, जिला रायबरेली
........................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1. शेखर ट्रैक्टर एजेन्सी कस्बा सलोन, जिला रायबरेली द्वारा स्वामी/प्रबन्धक
2. चोला मण्डलम् इन्वेस्टमेन्ट एण्ड फाईनेन्स कम्पनी लि0 शाखा रायबरेली, निसार बिल्डिंग हाण्डा एजेन्सी के सामने, सिविल लाईन, रायबरेली द्वारा शाखा प्रबन्धक
3. इण्टरनेशनल टैक्टर्स लिमिटेड गांव चाक मुजरान, पोस्ट पिपलान वाला जालन्धर रोड होशियारपुर पंजाब द्वारा प्रबन्धक
...................प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री प्रतीक सक्सेना,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 14.12.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री प्रतीक सक्सेना को सुना।
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, रायबरेली द्वारा परिवाद संख्या-46/2018 सचिन कुमार यादव बनाम शेखर ट्रैक्टर व दो अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 17.10.2019 के विरूद्ध योजित की गयी है।
प्रश्नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने उपरोक्त परिवाद खारिज किया है।
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संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा अपने कृषि कार्य हेतु एक ट्रैक्टर क्रय करने के लिए माह नवम्बर, 2017 में विपक्षी संख्या-1 से सम्पर्क किया गया, जिस पर विपक्षी संख्या-1 द्वारा परिवादी को विपक्षी संख्या-3 द्वारा निर्मित सोनालिका ट्रैक्टर क्रय करने का सुझाव दिया गया तथा उक्त ट्रैक्टर की कुल कीमत कल्टीवेटर सहित व आर0सी0, बीमा की धनराशि जोड़कर 7,50,000/-रू0 बतायी गयी तथा यह भी बताया गया कि 2,00,000/-रू0 नगद जमा करने पर शेष 5,50,000/-रू0 का फाइनेंस विपक्षी संख्या-2 द्वारा किया जावेगा। परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या-1 के निर्देशानुसार दिनांक 20.11.2017 को डाउन पेमेन्ट के रूप में 2,00,000/-रू0 नगद जमा किया गया तथा शेष धनराशि हेतु समस्त औपचारिकतायें पूर्ण कर विपक्षी संख्या-2 से ऋण प्राप्त किया गया।
परिवादी का कथन है कि विपक्षी संख्या-1 द्वारा उपेक्षा पूर्ण कृत्य करते हुए दिनांक 20.11.2017 को एक सोनालिका ट्रैक्टर, जिसकी इंजन संख्या-41000-73एच-66236619 व चेचिस संख्या-जे0जेड0डी0डी0टी-6689-2553 है, का बीमा परिवादी के नाम करवाकर बीमा की छायाप्रति के साथ ट्रैक्टर प्रदान किया गया तथा कल्टीवेटर बाद में उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया। विपक्षी संख्या-1 द्वारा परिवादी को सेल लेटर आर0टी0ओ0 आफिस में प्रेषित कर एक सप्ताह में ट्रैक्टर का पंजीकरण प्रमाण पत्र देने का भी आश्वासन दिया गया। परिवादी द्वारा कई बार विपक्षी संख्या-1 से सम्पर्क किया गया तथा पंजीकरण प्रमाण पत्र की मांग की गयी, परन्तु विपक्षी संख्या-1 द्वारा हीला हवाली की जाती रही, जिसके कारण परिवादी अपने कृषि कार्य को सुचारू ढंग से नहीं कर सका।
परिवादी का कथन है कि उक्त ट्रैक्टर के चारों टायर पुराने होने के कारण चटक गये तथा क्लच प्लेट भी काम करना बन्द कर दिया तथा यह कि परिवादी को विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ कि विपक्षी संख्या-1 द्वारा परिवादी को पुराने ट्रैक्टर को नया बताकर बेच दिया गया है, प्रश्नगत ट्रैक्टर पहले किसी अन्य को बेचा गया था, उसे खींचकर परिवादी को दे दिया गया है। परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या-1 से जब ट्रैक्टर खराब होने की
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शिकायत की गयी तो विपक्षी संख्या-1 द्वारा कहा गया कि परिवादी की शिकायत विपक्षी संख्या-3 के पास भेजी गयी है तथा वहॉं से दूसरा क्लच प्लेट आने पर बदल दिया जायेगा, परन्तु कोई कार्यवाही नहीं की गयी। ट्रैक्टर में तकनीकी निर्माण सम्बन्धी दोष होने के कारण ट्रैक्टर का उपयोग परिवादी नहीं कर सका, जिससे उसे क्षति पहुँची।
परिवादी का कथन है कि उक्त ट्रैक्टर सुचारू रूप से नहीं चलने तथा पंजीयन नहीं होने के कारण परिवादी विपक्षी संख्या-2 को ऋण की दूसरी किश्त का भुगतान नहीं कर सका तथा माह जुलाई, 2018 में विपक्षी संख्या-2 के कर्मचारीगण परिवादी के घर आये तथा बल पूर्वक ट्रैक्टर अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया। परिवादी द्वारा ऋण सम्बन्धी विवरण मांगने पर विपक्षी संख्या-2 द्वारा घोर उपेक्षा पूर्ण कृत्य करते हुए ऋण राशि 5,50,000/-रू0 के स्थान पर 5,56,257/-रू0 कर दिया तथा ब्याज की धनराशि 8 प्रतिशत के स्थान पर 13 प्रतिशत कर दिया।
परिवादी का कथन है कि वारण्टी अवधि में ट्रैक्टर की त्रुटियों को दूर करने तथा खराब पुर्जों को बदलने का उत्तरदायित्व विपक्षी संख्या-3 का है तथा यह कि विपक्षी संख्या-1 द्वारा किये गये कार्यकलाप के संबंध में भी विपक्षी संख्या-3 समान रूप से उत्तरदायी है।
परिवादी का कथन है कि विपक्षीगण द्वारा किये गये उपेक्षा पूर्ण कृत्य के परिणामस्वरूप परिवादी को आर्थिक, मानसिक व सामाजिक क्षति पहुँची है। अत: क्षुब्ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख विपक्षी संख्या-1 व 2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। अत: विपक्षी संख्या-1 व 2 के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गयी।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख विपक्षी संख्या-3 द्वारा लिखित कथन प्रस्तुत किया गया तथा कथन किया गया कि विपक्षी संख्या-3 निर्माता कम्पनी है तथा उसका प्रत्यक्ष रूप से ग्राहक से कोई संबंध नहीं होता है, इस कारण उसकी कोई संविदा ग्राहक से नहीं होती है।
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परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या-3 के विरूद्ध पोषणीय नहीं है तथा उसके विरूद्ध कोई भी वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ है। परिवादी द्वारा सही व तात्विक तथ्यों को गलत ढंग से लाभ प्राप्त करने हेतु छिपाया गया है, इसलिए परिवादी विपक्षी संख्या-3 से कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। ट्रैक्टर वाणिज्यिक प्रयोजन हेतु खरीदा गया है, इसलिए परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत उपभोक्ता नहीं है तथा जिला फोरम को कोई क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है।
विपक्षी संख्या-3 का कथन है कि टायर, ईंधन, पम्प, स्टार्टर, मोटर, अल्टीनेटर व बैटरी इत्यादि की वारंटी Original Equipment Manufacturer (OEM) द्वारा दी जाती है तथा उनके नियम व शर्तों के अनुसार रहती है। विपक्षी संख्या-3 कल्टीवेटर का निर्माण नहीं करता है तथा इसका संबंध परिवादी का विपक्षी संख्या-1 से है। विपक्षी संख्या-3 का कोई संबंध विपक्षी संख्या-2 से नहीं है तथा न ही प्रश्नगत ट्रैक्टर के फाइनेंस से सम्बन्धित उसका कोई संबंध है तथा न ही उसका कोई संबंध ट्रैक्टर के आर0सी0 व इंश्योरेंस से है। परिवादी का यह कथन गलत है कि ट्रैक्टर सही ढंग से काम नहीं कर रहा है तथा टायर क्रेक हो चुका है तथा क्लच प्लेट काम नहीं कर रहा है। ट्रैक्टर डीलर को सही परीक्षण व क्वालिटी चेक करने के बाद दिया गया है तथा क्लच प्लेट वारण्टी से आच्छादित नहीं है। परिवादी का यह कथन गलत है कि उसे पुराना ट्रैक्टर बेचा गया है। ट्रैक्टर में निर्माण सम्बन्धी कोई भी त्रुटि नहीं है। विपक्षी संख्या-3 द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। परिवाद निरस्त होने योग्य है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्त समस्त तथ्यों की विस्तृत रूप से विवेचना की गयी तथा यह पाया गया कि परिवादी प्रश्नगत ट्रैक्टर से सम्बन्धित त्रुटियों को साबित करने में असफल रहा, इस कारण परिवादी विपक्षी संख्या-1 व 3 से प्रश्नगत ट्रैक्टर को बदलकर दूसरा ट्रैक्टर पाने का अधिकारी नहीं है तथा यह कि परिवादी द्वारा कल्टीवेटर से सम्बन्धित बातों को साबित न कर पाने के कारण परिवादी
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विपक्षी संख्या-1 व 3 से कल्टीवेटर पाने का भी अधिकारी नहीं है तथा परिवादी विपक्षी संख्या-1 व 3 से रजिस्ट्रेशन से सम्बन्धित प्रपत्र भी पाने का अधिकारी नहीं है। इस प्रकार विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया कि परिवादी विपक्षीगण से कोई भी अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। तदनुसार विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद खारिज किया गया।
सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त मेरे विचार से प्रस्तुत अपील में कोई बल नहीं है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है, वह पूर्णत: सुसंगत है, जिसमें किसी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं प्रतीत होती है।
अतएव, प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1