Uttar Pradesh

StateCommission

A/842/2018

National Tractor - Complainant(s)

Versus

Shambhu Nath Pandey - Opp.Party(s)

Alok Sinha

09 Aug 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/842/2018
( Date of Filing : 09 May 2018 )
(Arisen out of Order Dated 06/04/2018 in Case No. C/76/2012 of District Azamgarh)
 
1. National Tractor
Azamgarh
...........Appellant(s)
Versus
1. Shambhu Nath Pandey
Azamgarh
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MR. Mahesh Chand MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 09 Aug 2018
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील सं0- 842/2018

                                   (सुरक्षित)

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, आजमगढ़ द्वारा परिवाद सं0- 76/2012 में पारित आदेश दि0 06.04.2018 के विरूद्ध)                                                                              

National tractors Head office: Near Roadways, Civil lines, Azamgarh. Through its Proprietor Shri Parvez ahmad.

                                                                                ………Appellant

Versus

Shambhu nath pandey S/o Late Uma Shankar pandey, R/o Sakin Village-Kanaila Karanhat, Taptaa-tarhi, Pargana- Kariyat Mittu, Tehsil-Sadar, District- Azamgarh.

                                                                     ………..Respondent 

समक्ष:-                       

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

माननीय श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य।   

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित           : श्री आलोक सिन्‍हा,

                                     विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी  की ओर से उपस्थित           :  श्री वीर राघव चौबे,

                                  विद्वान अधिवक्‍ता।   

दिनांक:-    24.09.2018

 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष  द्वारा उद्घोषित

                                                 

निर्णय

          परिवाद सं0- 76/2012 शम्‍भूनाथ पाण्‍डेय बनाम नेशनल ट्रैक्‍टर्स, प्रधान कार्यालय निकट रोडवेज सिविल लाइन्‍स आजमगढ़ में जिला फोरम, आजमगढ़ द्वारा पारित निर्णय और आदेश दि0 06.04.2018 के विरूद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

          आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद  स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

          याचना स्‍वीकार की जाती है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह याची को 1,76,320/- (एक लाख छिहत्‍तर हजार तीन सौ बीस) रूपये वापस करें और विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह याची को याचना प्रस्‍तुत करने की तिथि दि0 16.08.2012 से उपरोक्‍त धनराशि पर 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भी अन्‍दर चार सप्‍ताह वापस करें।

          जिला फोरम के निर्णय और आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी नेशनल ट्रैक्‍टर्स ने यह अपील प्रस्‍तुत की है।     

          अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री आलोक सिन्‍हा और प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री वीर राघव चौबे उपस्थित आये हैं।

          हमने उभयपक्ष के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।    

          अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने उपरोक्‍त परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसने विपक्षी के संस्‍थान में ट्रैक्‍टर क्रय करने हेतु सम्‍पर्क किया तो विपक्षी ने ट्रैक्‍टर का दाम मय एक्‍सेसरीज के 7,79,000/-रू0 बताया और फाइल तैयार करवाने एवं गाड़ी के पंजीयन व बीमा के मद में 38,000/-रू0 की मांग की तब प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने 38,000/-रू0 नकद अपीलार्थी/विपक्षी को अदा कर दिया और उसके बाद दि0 23.03.2012 को 10,000/-रू0 व दि0 20.04.2012 को 80,000/-रू0 उसे दिया जिसकी रसीद अपीलार्थी/विपक्षी ने उसे दी। परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/विपक्षी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी के पुराना इंटरनेशनल सोनालिका ट्रैक्‍टर का दाम 2,79,000/-रू0 लगाकर लिया और पुराने ट्रैक्‍टर की कीमत नये ट्रैक्‍टर में समावेश करने की बात कही। अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने यूनियन बैंक शाखा बेलइसा, आजमगढ़ से 5,06,320/-रू0 का ऋण स्‍वीकृत कराया और उसके लिए आवश्‍यक कागजात उपलब्‍ध कराये तथा उपरोक्‍त अपीलार्थी/विपक्षी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दि0 13.04.2012 को महिन्‍द्रा ट्रैक्‍टर 605 अर्जुन मय एक्‍सेसरीज के उपलब्‍ध करा दिया जिसे लेकर वह घर चला गया, परन्‍तु जब उसे बीमा पॉलिसी की कॉपी प्राप्‍त हुई तो उसे ज्ञात हुआ कि ट्रैक्‍टर का दाम मात्र 6,95,000/-रू0 बीमा पॉलिसी में लिखा है तब उसने अपीलार्थी/विपक्षी से सम्‍पर्क किया तो वह उसे उल्‍टा-सीधा बताने लगा। उसके बाद प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने बैंक से सम्‍पर्क किया तो उसे ज्ञात हुआ कि दि0 25.04.2012 को उसके खाते में 2,00,000/-रू0 नकद जमा किया गया है और उसी दिन आफिस के नाम पर 1,99,000/-रू0 अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा निकाल लिया गया है।

          परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अपीलार्थी/विपक्षी ने जो रसीद दी है उस पर सामान का मूल्‍य अंकित नहीं है और जब उसने अपीलार्थी/विपक्षी से हिसाब करने को कहा तो वह टाल-मटोल करता रहा। अत: विवश होकर प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने दि0 21.07.2012 को अपीलार्थी/विपक्षी को लिखित नोटिस द्वारा अधिवक्‍ता भेजा, परन्‍तु उसे कोई हिसाब नहीं दिया गया, अत: विवश होकर उसने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है।

          प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद की धारा 10 में अपीलार्थी/विपक्षी को दी गई धनराशि का निम्‍न विवरण प्रस्‍तुत किया है:-

1- स्‍वीकृत ऋण के रूप में देय              :    5,06,320.00

2- पुराना ट्रैक्‍टर का मूल्‍य                  :    2,79,000.00

3. बीमा हेतु दिया गया धनराशि             :    11,100.00

4. पंजीयन हेतु दिया गया धनराशि                :    2,000.00

5. प्रक्रिया शुल्‍क हेतु दिया गया धनराशि            :    58,500.00

6. ड्राफ्ट कमीशन हेतु दिया गया धनराशि           :    2,100.00

7. बैंक कमीशन हेतु दिया गया धनराशि       :    10,000.00

8. फाइल खर्च हेतु दिया गया धनराशि         :    6,500.00

9. दिनांक 23.03.2012 को जरिए रसीद            :    10,000.00

10. दिनांक 20.04.2012 को जरिए रसीद          :    80,000.00

                                                         कुल योग- 9,13,520.00

प्राप्‍त सामान ट्रैक्‍टर नया मय एसेसरीज        :    6,95,000.00

बीमा                                   :    11,100.00

पंजीयन शुल्‍क                            :    2,000.00

                                         

                                         कुल योग- 7,08,100.00

                                      :        9,13,520.00

                                      :        7,08,100.00

                                       

                                        देय राशि – 2,05,420.00

                                       

          जिला फोरम के समक्ष अपीलार्थी/विपक्षी ने लिखित कथन प्रस्‍तुत कर परिवाद का विरोध किया है और कहा है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने महत्‍वपूर्ण तथ्‍य को छिपाते हुए गलत कथन के साथ परिवाद प्रस्‍तुत किया है। लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से कहा गया है कि दि0 13.04.2012 को प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा बेलइसा, जनपद आजमगढ़ के माध्‍यम से वित्‍तीय सहायता प्राप्‍त कर ट्रैक्‍टर और उससे सम्‍बन्धित अन्‍य आवश्‍यक उपकरण प्राप्‍त कर उसी दिन अपने साथ ले गया और संतुष्टि पत्र अपीलार्थी/विपक्षी के प्रतिष्‍ठान पर उपलब्‍ध कराया। उसने ट्रैक्‍टर का भरपूर उपयोग किया है उसे कभी कोई शिकायत नहीं रही है। लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से कहा गया है कि याची का पुराना इंटरनेशनल सोनालिका ट्रैक्‍टर पंजीयन सं0- यू0पी0 50 एल08218 था जिसको उसने नया ट्रैक्‍टर लेते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को हस्‍तगत किया और उसका मूल्‍य 2,75,000/-रू0 नये ट्रैक्‍टर में समायोजित किया गया और सम्‍पूर्ण हिसाब-किताब बनाकर प्रत्‍यर्थी/परिवादी को उसी समय उपलब्‍ध करा दिया गया था।

          लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत उपभोक्‍ता नहीं है और उसके द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद जिला फोरम के समक्ष ग्राह्य नहीं है। लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से यह भी कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद हिसाब-किताब में गड़बड़ी की बात करते हुए किया है जो पूर्णत: निराधार है।

          जिला फोरम ने उभयपक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरांत अपने निर्णय में यह उल्‍लेख किया है कि विपक्षी द्वारा ट्रैक्‍टर का कुल मूल्‍य 8,71,320/-रू0 याची से वसूल किया गया है, जब कि ट्रैक्‍टर की बीमा पॉलिसी में ट्रैक्‍टर की कुल कीमत 6,95,000/-रू0 दर्शित की गई है और इसी आधार पर जिला फोरम ने यह निष्‍कर्ष अंकित किया है कि परिवादी से 1,76,320/-रू0 अपीलार्थी/विपक्षी ने अधिक लिया है। अत: जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए आदेश उपरोक्‍त प्रकार से पारित किया है।

          अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के विरुद्ध है और निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

          प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम का निष्‍कर्ष साक्ष्‍य और विधि के अनुकूल है और इसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

          हमने उभयपक्ष के तर्क पर विचार किया है।

          परिवाद पत्र की धारा 2 में प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने स्‍पष्‍ट रूप से कहा है कि अपीलार्थी/विपक्षी ने ट्रैक्‍टर का दाम मय एक्‍सेसरीज 7,79,000/-रू0 बताया था। अपीलार्थी/विपक्षी ने लिखित कथन में कहा कि परिवाद पत्र की धारा 2 जिस प्रकार तहरीर है स्‍वीकार होने योग्‍य नहीं है। अपीलार्थी/विपक्षी ने परिवाद पत्र की धारा 2 के कथन से स्‍पष्‍ट इनकार लिखित कथन में नहीं किया है। इसके विपरीत अपीलार्थी/विपक्षी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी को ट्रैक्‍टर के मूल्‍य एवं अन्‍य व्‍यय का जो विवरण दिया है उसकी प्रति अपील की पत्रावली में पृष्‍ठ 26 पर संलग्‍न है जिसमें ट्रैक्‍टर का दाम 7,79,000/-रू0 अंकित है अपील की पत्रावली में पृष्‍ठ 28 व 29 पर अपीलार्थी ने प्रत्‍यर्थी को ट्रैक्‍टर व उसके एक्‍सेसरीज के सम्‍बन्‍ध में जो कोटेशन/चालान दिया है संलग्‍न है उसमें ट्रैक्‍टर व एक्‍सेसरीज की कीमत अंकित नहीं है। अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी का यह कथन कि अपीलार्थी/विपक्षी ने उसे जो रसीद दी उस पर सामान का मूल्‍य अंकित नहीं है। अपीलार्थी द्वारा प्रस्‍तुत कोटेशन/चालान की प्रतियों से प्रमाणित होता है। ट्रैक्‍टर व एक्‍सेसरीज की चालान व रसीद में मूल्‍य दर्शित न किया जाना अनुचित व्‍यापार पद्धति है।

          उल्‍लेखनीय है कि ट्रैक्‍टर का मूल्‍य अपीलार्थी/विपक्षी ने लिखित कथन में भी उल्लिखित नहीं किया है और न ही ट्रैक्‍टर की कम्‍पनी की Price list प्रस्‍तुत कर ट्रैक्‍टर का मूल्‍य साबित किया है। ट्रैक्‍टर का बीमा अपीलार्थी/विपक्षी ने कराया है और बीमा हेतु ट्रैक्‍टर का मूल्‍य 6,95,000/-रू0 घोषित है। अत: उपरोक्‍त वर्णित परिस्थितियों में जिला फोरम ने ट्रैक्‍टर का मूल्‍य जो बीमा पॉलिसी के आधार पर 6,95,000/-रू0 माना है वह अनुचित एवं आधार रहित नहीं कहा जा सकता है। अत: अपीलार्थी द्वारा ट्रैक्‍टर मूल्‍य के रूप में ली गई धनराशि 7,79,000/- से 6,95,000/-रू0 घटाकर अवशेष धनराशि 84,000/-रू0 प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अपीलार्थी/विपक्षी से वापस दिलाया जाना उचित है। जिला फोरम ने जो 8,71,320/-रू0 से ट्रैक्‍टर का मूल्‍य 6,95,000/-रू0 घटाकर अवशेष धनराशि 1,76,320/-रू0 प्रत्‍यर्थी/परिवादी को वापस करने हेतु आदेशित किया है वह उचित नहीं है, क्‍योंकि 8,71,320/-रू0 की धनराशि में ट्रैक्‍टर के मूल्‍य के अतिरिक्‍त अन्‍य धनराशि भी शामिल है।

          उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम का आक्षेपित निर्णय व आदेश संशोधित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह प्रत्‍यर्थी/परिवादी को 84,000/-रू0 परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि दिनांक 16.08.2012 से अदायगी की तिथि तक 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ अदा करे।

          अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

          धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपील में जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला फोरम को इस निर्णय के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाये।                   

                        

 

       (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)             (महेश चन्‍द)                                  

                             अध्‍यक्ष                         सदस्‍य            

शेर सिंह आशु0,

कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Mahesh Chand]
MEMBER

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