Uttar Pradesh

StateCommission

CC/395/2018

Naseem - Complainant(s)

Versus

Shakha Prabandhak Allahabad Bank - Opp.Party(s)

R K Mishra

10 Jan 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/395/2018
( Date of Filing : 26 Nov 2018 )
 
1. Naseem
S/O Mubarak Ali R/O Gram Jasar Sultan Nagar Rehsil SArdhana Distt. Meerut
...........Complainant(s)
Versus
1. Shakha Prabandhak Allahabad Bank
SGPGI Degree College Branch Sarurpur Block Srurpur Distt. Meerut
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MR. Mahesh Chand MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 10 Jan 2019
Final Order / Judgement

मौखिक

परिवाद संख्‍या-395/2018

नसीम बनाम शाखा प्रबन्‍धक इलाहाबाद बैंक व अन्‍य

10.01.2019

परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आर0के0 मिश्रा उपस्थित आये। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया और परिवाद पत्र का अवलोकन किया गया।

परिवादी ने वर्तमान परिवाद विपक्षीगण शाखा प्रबन्‍धक इलाहाबाद बैंक, क्षेत्रीय प्रबन्‍धक इलाहाबाद बैंक और महा प्रबन्‍धक इलाहाबाद बैंक के विरूद्ध प्रस्‍तुत कर निम्‍न अनुतोष चाहा है:-

''अत: श्रीमान जी से निवेदन है कि ब्‍याज की सही गणना की जावे तथा याची की हालत व डेयरी में हुई भैंसों की चोरी व भैसे मरने के हालातों को देखते हुए माननीय फोरम से प्रार्थना है कि ब्‍याज की गलत गणना को दुरूस्‍त करने धनराशि को महावार दिये जाने के आदेश करने एवं अन्‍य उचित आदेश पारित करने की कृपा करें।

परिवादी को विपक्षीगण से ऋण अनुबंध पत्र एवं विपक्षी के ऋण खाते से संबंधित Statement of account की प्रति दिलाये जाने हेतु आदेशित किया जाये, क्‍योंकि परिवादी द्वारा जब मुख्‍यमंत्री उत्‍तर प्रदेश सरकार तथा प्रधानमंत्री भारत सरकार को पत्र के माध्‍यम से विपक्षीगण के विरूद्ध शिकायत की तो विपक्षीगण ने दिनांक 27.11.2018 को मु0 रू0 32,40,000/- वसूली की धमकी दी है, जो कि निहायत ही स्‍वेच्‍छाचारी आचरण है एवं न्‍याय के सिद्धान्‍तों के विरूद्ध है।''

परिवाद पत्र में याचित उपरोक्‍त अनुतोष को देखते हुए परिवादी का परिवाद इस स्‍तर पर विपक्षीगण को इस निर्देश के साथ अन्तिम रूप से निस्‍तारित किया जाता है कि वे परिवादी के प्रश्‍नगत ऋण खाते का पूर्ण Statement of account उसे उपलब्‍ध करा दें और यदि परिवादी द्वारा Statement of account के विरूद्ध ब्‍याज गणना आदि के सम्‍बन्‍ध में कोई आपत्ति प्रस्‍तुत की जाती है तो उस पर विचार कर विधि के अनुसार उसका निस्‍तारण स्‍पष्‍ट आदेश के द्वारा तीन माह के अन्‍दर कर दें।

 

          (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)          (महेश चन्‍द)       

             अध्‍यक्ष                    सदस्‍य           

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Mahesh Chand]
MEMBER

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