
ASHOK PRATAP SINGH filed a consumer case on 20 Dec 2021 against SBI in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/237/2014 and the judgment uploaded on 28 Dec 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 237 सन् 2014
प्रस्तुति दिनांक 18.12.2014
निर्णय दिनांक 20.12.2021
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह विपक्षीगण के एजेन्ट चित्रसेन शाही के माध्यम से एस.बी.आई. लाइफ इन्श्योरेन्स का प्रोडक्ट एस.बी.आई. लाइफ इन्श्योरेन्स की यूनिट प्लस II पेन्शन ऑप्शन I प्योर पेन्शन दिनांक 13.03.2009 को लिया था। उसका कस्टमर नं. 18857085 दिया गया जिसका पॉलिसी नं. 28034656807, एक मुश्त प्रीमियम 50,000/- लेकर विपक्षीगण द्वारा बीमा कराकर याची को दे दिया गया। पॉलिसी देने के समय विपक्षीगण के उपरोक्त एजेन्ट द्वारा बताया गया कि पांच वर्षों में पॉलिसी परिपक्व हो जाएगी और तब परिवादी को परिपक्वता की पूरी धनराशि मिल जाएगी। विपक्षीगण द्वारा परिवादी को मार्च 2014 के तृतीय सप्ताह में बताया गया कि परिवादी की उपरोक्त पॉलिसी दिनांक 13.03.2014 को परिपक्व हो गयी है। परिपक्वता की धनराशि 99,200/- रुपया है, उसे प्राप्त करने हेतु बैंक खाता की छायाप्रति, पहचान पत्र व मूल पॉलिसी लेकर विपक्षी संख्या 01 से मिले और धन प्राप्त करें। परिवादी बताए गए प्रपत्रों को लेकर अविलम्ब विपक्षी संख्या 01 के यहाँ गया तब विपक्षी संख्या 01 ने कहा कि बजाय धन लेने के परिवादी की उनकी अन्य किसी स्कीम में वही धन लगाकर लाभ ले, पर परिवादी को नकद धन की आवश्यकता थी लेहाजा धन दे देने का आग्रह किया तब विपक्षी संख्या 01 कहने लगे कि इसके लिए उच्च कार्यालय व अधिकारी से अनुमति लेनी पड़ेगी, जिसमें काफी समय लगेगा और तब परिवादी वापस चला गया। दिनांक 21.04.2014 को विपक्षीगण की तरफ से पुनः एक टाईप पत्र कुछ ही दिन बाद परिवादी को प्राप्त हुआ कि क्लेम प्राप्त कर लें पर विपक्षी संख्या 01 से सम्पर्क करने पर पुनः पैसा देने के लिए उच्च अधिकारियों से अनुमति लेने का हवाला दिया गया। उसके बाद भी परिवादी को एक के बाद एक तीन पत्र पोस्ट कार्ड विपक्षी संख्या 01 द्वारा भेजकर धन प्राप्त करने को कहा गया और हर बार परिवादी जब विपक्षी संख्या 01 से मिला तो अभी अनुमति प्राप्त न होने का हवाला दिया गया। बार-बार परिवादी के दौड़ने पर माह अक्टूबर 2014 के तृतीय सप्ताह में विपक्षी संख्या 01 ने कहा कि धन नहीं मिल सकता, केवल दूसरी स्कीम की पॉलिसी ही मिल सकती है क्योंकि अनुमति नहीं मिल रही है। परेशान होकर याची ने विपक्षीगण को नोटिस दिया। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को उसकी पॉलिसी की पूरी परिपक्वता धनराशि मुo 99,200/- मय ब्याज भुगतान करे और साथ ही हर्जे के रूप में 20,000/- रुपए अदा करे।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 7/1 एस.बी.आई. लाइफ इन्श्योरेन्स कम्पनी लिo की छायाप्रति, कागज संख्या 7/2 पेंशन मेच्योरिटी के बारे में सर्टिफिकेट की छायाप्रति, कागज संख्या 7/3व4 नोटिस की छायाप्रति, कागज संख्या 7/5 रजिस्ट्री रसीद, कागज संख्या 7/6 एस.बी.आई. की ओर से याची को दिए गए पत्र की छायाप्रति तथा कागज संख्या 7/7 नोटिस के जवाब प्रपत्र प्रस्तुत किया है।
कागज संख्या 10क विपक्षीगण द्वारा प्रस्तुत जवाबदावा है, जिसमें उनसे परिवादी के परिवाद पत्र के पैरा 01, 02, 03 के कथनों को स्वीकार किया है। प्रारम्भिक आपत्ति में यह कहा गया है कि याची का पैसा इन्श्योरेन्स कम्पनी में लगाया गया है, लेकिन याची उस पर आपत्ति कर रहा है। परिवादी ने गलत आधार पर परिवाद दाखिल किया है। अतः परिवाद निरस्त किया जाए।
विपक्षीगण द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षीगण द्वारा कागज संख्या 12/1ता12/8 एस.बी. आई.लाइफ यूनिट प्लस II पेन्शन प्रपोजल की छायाप्रति, कागज संख्या 13/1 ता 13/4 एस.बी.आई. लाइफ द्वारा याची को दिए गए प्रपत्र की छायाप्रति, इसके पश्चात् ऐनुइटी क्लेम इन्टीमेशन पत्र तथा ट्रान्जेक्शन-कम-यूनिट स्टेटमेन्ट प्रपत्र प्रस्तुत किया गया है।
बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए तथा उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं ने अपना-अपना बहस सुनाया। बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षीगण द्वारा कागज संख्या 26ए² अतिरिक्त कथन प्रस्तुत किया गया है, जिसके पैरा 03 में यह कहा गया है कि उत्तरदाता याची को उसका रुपया देने के लिए तैयार है। चूंकि विपक्षीगण द्वारा यह स्वीकार कर लिया गया है कि वे याची की धनराशि देने के लिए तैयार हैं। अतः ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादी के पॉलिसी की पूरी परिपक्वता धनराशि मुo 99,200/- (रु.निन्यानवे हजार दो सौ मात्र) अन्दर 30 दिन परिवाद दाखिला की तिथि से अन्तिम भुगतान कि तिथि तक 09% वार्षिक ब्याज के साथ परिवादी को अदा करें।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 20.12.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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