राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-254/2022
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग-प्रथम, आगरा द्वारा परिवाद संख्या 23/2022 में पारित आदेश दिनांक 28.02.2022 के विरूद्ध)
अनूप, पुत्र स्व0 सतीश चन्द्र, हाल पता-18, अमर विहार कालोनी, दयालबाग, थाना-न्यू आगरा, जिला-आगरा स्थायी पता-145 गांधी नगर, फिरोजाबाद जनपद-फिरोजाबाद उ0प्र0
........................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1. श्रीमान प्रबन्धक, सरीन एण्ड सरीन कम्पनी गोल्ड मोहर फैक्ट्री पता- 21/क्यू/2 चन्द्रा एण्ड के0 वाली गली, फ्रीगंज, आगरा
2. डा0 वजीर सिंह सरीन पता-17/15, छिली ईट घटिया, जिला-आगरा, उ0प्र0
...................प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री मिथलेश कुमार शर्मा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 08.07.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी अनूप द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग-प्रथम, आगरा द्वारा परिवाद संख्या-23/2022 अनूप बनाम सरीन एण्ड सरीन कं0 गोल्ड मोहर व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 28.02.2022 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी।
प्रश्नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने उपरोक्त परिवाद ग्राह्य न होने के कारण अंगीकरण के स्तर पर खारिज किया है।
हमारे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता
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श्री मिथलेश कुमार शर्मा को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा 02 वर्ष से गोल्ड मोहर पान मसाला का सेवन किया जा रहा है, जो छूट नहीं रहा है तथा यह कि अपीलार्थी/परिवादी के पिता स्व0 सतीश चन्द्र की गोल्ड मोहर पान मसाला खाने से कैंसर के कारण अगस्त 2016 को मृत्यु हो गयी थी। ऐसी स्थिति में अपीलार्थी/परिवादी को आशंका हुई कि उसके गले में शिकायत है तब उसके द्वारा गोल्ड मोहर पान मसाला के 5/-रू0, 10/-रू0, एवं 20/-रू0 के पाउच का परीक्षण हाइडिल लैब्रोटरी प्रा0लि0 गाजियाबाद से कराया गया तथा उक्त टेस्ट रिपोर्ट दिनांकित 15.01.2022 में उपरोक्त पाउच में निकोटीन 0.2, 0.22 व 1.4 पायी गयी।
अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि विपक्षी कम्पनी द्वारा पाउच के ऊपर 0 प्रतिशत तम्बाकू तथा 0 प्रतिशत निकोटीन का दावा किया गया है, परन्तु इसके बावजूद भी लैब परीक्षण दिनांकित 15.01.2022 में उपरोक्त पाउच में निकोटीन 0.2, 0.22 व 1.4 पायी गयी तथा इसके अतिरिक्त Moisture Content, Totalash, Acid Insolubleash, PH, Magnesium Carbonate, Menthol, Calcium Carbonate (Caco3) आदि हानिकारक तत्व भी पाये गये, जिससे क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा अपने निर्णय में निम्न तथ्य अंकित किये गये हैं:-
''हमने परिवाद में वर्णित तथ्यों एवं परिवाद के साथ लैब रिपोर्ट दिनांकित 15.01.2022 एवं गोल्ड मोहर पान मसाला के पाउच ए बी सी मूल प्रपत्रों का अवलोकन किया। यह उल्लेखनीय है कि पान मसाला के ऊपर यह अंकित किया गया है कि ''पान मसाला चबाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, अवयस्को के लिए नही है'' तथा 0 प्रतिशत टोबेको एवं 0 प्रतिशत निकोटीन पाउच के ऊपर अंकित किया गया है। परिवादी के पिता की मृत्यु गोल्ड मोहर पान मसाला खाने से उत्पन्न हुआ कैंसर से हुई है, इस बात का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है। परिवादी के गले में क्या शिकायत या क्या बीमारी है इसका भी किसी डाक्टर द्वारा प्रमाण पत्र संलग्न नहीं किया गया है।
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परिवादी कथित गोल्ड मोहर का सेवन वैधानिक चेतावनी के बावजूद क्यों कर रहा है? यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है। यदि परिवादी ने 05, 10 व 20 रू0 के पान मसाला (ए बी सी) को परीक्षण कराने हेतु हाइडिल लैब्रोटरी गाजियाबाद भेजा तो इसके लिए किस सक्षम अधिकारी के समक्ष द्वारा नमूने लिए गये तथा गोल्ड मोहर पान मसाला उत्पादक प्रतिपक्षीगण के विरूद्ध सक्षम प्राधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज क्यों नहीं करायी? परिवादी द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अन्तर्गत सी सी पी ए (केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण)/जिला कलक्टर के समक्ष अनुचित व्यापार व्यवहार के संबंध में कोई शिकायत भी नहीं की गयी। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अन्तर्गत धारा 10, 16, 17 के अन्तर्गत यदि कोई व्यक्ति अनुचित व्यापार व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वस्तुओं का गलत तरीके से प्रचार करके विज्ञापित करता है तो उपरोक्त प्राधिकरण ऐसे व्यक्ति अथवा फैक्ट्री के उत्पादकों के विरूद्ध कार्यवाही कर सकता है तथा फैक्ट्री को सील करने की भी अधिकारिता प्राप्त है। परिवाद पत्र में वर्णित तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुये परिवादी की ओर से कथित गोल्ड मोहर पान मसाला खरीदने व प्रयोग करने का कोई दस्तावेजी प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में परिवादी एवं प्रतिपक्षीगण के विरूद्ध उपभोक्ता एवं सेवा प्रदाता अथवा सेवा में कमी का प्रथम दृष्टया कोई मामला बनता प्रतीत नहीं होता है। प्रस्तुत परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अन्तर्गत सुनवायी के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत नहीं आता है। ऐसी स्थिति में प्रस्तुत उपरोक्त परिवाद ग्राह्य न होने के कारण प्रस्तुत अंगीकरण के स्तर पर खारिज किये जाने योग्य है।''
सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त हम इस मत के हैं कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा समस्त तथ्यों का सम्यक
अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया, जिसमें हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं हैं।
अपीलार्थी/परिवादी द्वारा यह भी साबित नहीं किया जा सका कि उसके द्वारा कब किस दुकान से अथवा प्रतिष्ठान से उपरोक्त पान मसाला खरीदा गया अथवा खरीद के सम्बन्ध में कोई क्रय बिल इत्यादि भी प्रस्तुत नहीं किया जा सका।
अतएव, प्रस्तुत अपील अंगीकरण के स्तर पर निरस्त की जाती है।
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आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1