Ravishankar Mudgal filed a consumer case on 17 Apr 2015 against Sanjeev badega in the Kota Consumer Court. The case no is CC/16/2007 and the judgment uploaded on 20 Apr 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )
पीठासीनः- अध्यक्ष, श्री नंदलाल शर्मा, मेम्बर श्री महावीर तंवर
परिवाद संख्या:- 16/07
रविशंकर मुद्गल आयु 44 साल पुत्र रधुनंदन शर्मा निवासी वात्सल्य, 9-ए, इन्द्रा कालोनी, माला रेाड कोटा जंक्शन कोटा राजस्थान। परिवादी
बनाम
01. श्रीसंजीव बढेरा, मालिक किचन क्राफ्ट, 234 शाॅपिंग सेन्टर, मोहसिन मंजिल के पीछे, कोटा राजस्थान।
02. श्री कपिल देवमालिक किचन क्राफ्ट, 234, शाॅपिंग सेन्टर मोहसिन मंजिल के पीछे, कोटा राजस्थान। अप्रार्थीगण
प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति:-
01. श्री नरेश शर्मा, अधिवक्ता, परिवादी की ओर से ।
02. श्री के डी दाधीच, अधिवक्ता, अप्रार्थीगण की ओर से।
निर्णय दिनांक 17.04.2015
परिवादी का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, उसने अप्रार्थीगण से उसके निवास स्थान पर मोड्यूलर किचन बनवाने हेतु कोटेशन मांगा जिस पर दिनांक 30.12.05 को 19,946.60/- रूपये का दिया। परिवादी ने उक्त कोटेशन प्राप्त करने से पहले इलेक्ट्रिक चिमनी लगाने हेतु भी कहा था। परिवादी अप्रार्थीगण से उक्त कार्य के संपूर्ण बिल काटेशन के अनुसार कार्य पूरा होने पर प्राप्त करने के लिये भी कहा था। परिवादी को अप्रार्थीगण ने काटेशन से अधिक राशि 29,900/- रूपये का बिल दे दिया, उक्त राशि परिवादी से अप्रार्थीगण ने प्राप्त कर ली। इस प्रकार अप्रार्थीगण ने परिवादी से 9,489/- रूपये अधिक प्राप्त कर लिये जिसकी परिवादी ने दिनांक 21.09.07 को मांग की तो उसने देने से इंकार कर दिया तथा जो राशि अप्रार्थीगण ने परिवादी से काटेशन से भी अधिक प्राप्त की थी उसके असत्य बिल बनाकर परिवादी को दे दिये, इस प्रकार अप्रार्थीगण परिवादी से अधिक राशि वसूल कर उसकी सेवा में कमी की है। परिवादी को अप्रार्थीगण से उसके द्वारा वसूली की गई अधिक राशि,मानसिक संताप, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।
अप्रार्थीगण ने परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवादी द्वारा मांगा गया काटेशन उसने दिया था। उसने परिवादी से जितनी राशि ली उसके बिल दिये थे। अप्रार्थीगण द्वारा परिवादी को बिल संख्या 62 से 65 तक के दिये थे, परन्तु परिवादी बिल सं. 65 का मिलना स्वीकार नहीं करता। परिवादी के नोटिस के जवाब मे बिल नं. 65 का विवरण दिया था, चिमनी की कीमत का बिल दिया, लेबर चार्जेज, चिमनी का पाईप, बैण्ड की कीमत अलग से प्राप्त की गई है जो चिमनी के बिल में शामिल नहीं है। परिवादी को कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ। अप्रार्थीगण ने परिवादी से जितना माल लगा उसकी राशि प्राप्त की है, इस प्रकार अप्रार्थीगण ने परिवादी की सेवा में कोई कमी नहीं की है। परिवादी का परिवाद सव्यय खारिज किया जावे।
उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-
01. आया परिवादी, अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?
परिवादी के परिवाद, शपथ-पत्र, तथा अप्रार्थीगण के जवाब से परिवादी, अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है।
02. आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?
उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली का अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि अप्रार्थीगण ने परिवादी के घर में मोड्यूल किचन क्राफ्ट का काम किया, इस पर परिवादी का यह आरोप है कि अप्रार्थीगण ने काटेशन से ज्यादा रकम प्राप्त कर ली। काटेशन 20,000/- रूपये का था और अप्रार्थीगण ने परिवादी से 29,900/- रूपये प्राप्त कर लिये, इस प्रकार 9,489/- रूपये को प्राप्त करने की मांग करता है। पत्रावली में सलग्न काटेशन तथा बिलों के देखने से अप्रार्थीगण द्वारा किया गया काम का बिल 29,900/- रूपये का प्रमाणित है। चिमनी का कार्य किया, चिमनी की कीमत का बिल दिया है जिसमे लेबर चार्जेज चिमनी का पईप, बैन्ड का काटेशन नहीं दिया। जो माल परिवादी ने डिमांड किया वही अप्रार्थीगण ने सप्लाई किया और उसी को स्टाल किया। यदि माल गुणवत्ता के अनुसार नहीं होता तो सेवादोष माना जा सकता था। परन्तु परिवादी के माल को चैक कर मंगवाया, परिवादी की पसंद का माल खरीदा, इसमें अप्राथी्रगण का कोई सेवा दोष नहीं है। माल में कोई कमी नहीं है। मोड्यूल किचन में कोई डिफेक्ट नहीं है तो परिवादी बिल नं. 65 से नहीं देना बताता है लेकिन पत्रावली में बिल नं.त्र 65 दिनांक 14.01.06 बताता है 4050/- रूपये का संलग्न है , इस संबंध में परिवादी जवाब मिलना तो कहता है लेकिन रकम पर कोई विवाद नहीं करता। ऐसी स्थिति में जब परिवादी ने चाहा वैसा मोड्यूल किचन में सामान लगाया तथा सामान में गुणवत्ता है तथा परिवादी ने स्टालेशन में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं बताई । अप्रार्थीगण ने परिवादी की मोड्यूल कीचन में मार्केट में जो उपलब्ध था वह माल लगाया, इसमें अप्रार्थीगण ने कोई सेवा दोष नहीं किया।
03. अनुतोष ?
परिवादी का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी रविशंकर मुद्गल का परिवाद अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। परिवाद खर्च पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।
(महावीर तंवर) (नंदलाल शर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
निर्णय आज दिनांक 17.04.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
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