
View 5098 Cases Against Samsung
View 3540 Cases Against Samsung India
Mr. Mayur Advocate filed a consumer case on 04 Nov 2020 against Samsung India Electronics in the Muradabad-II Consumer Court. The case no is CC/57/2018 and the judgment uploaded on 17 Nov 2020.
न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग-द्वितीय, मुरादाबाद
परिवाद संख्या-57/2018
मयूर (एडवोकेट) आयु लगभग 35 वर्ष पुत्र श्री प्रेम चंद, निवासी डी-12 साईं मंदिर रोड, दीन दयाल नगर, मुरादाबाद। …..परिवादी
बनाम
1-सैमसंग इंडिया इलेक्ट्रोनिक प्रा. लि. पंजीकृत कार्यालय ए-25 ग्राउण्ड फ्लोर फ्रन्ट टावर, महोन कारपोरेट इण्डस्ट्रीयल स्टेट सैदाबार, नई दिल्ली-110044 फोन नं.-011-43661234 द्वारा इसके मैनेजिंग डायरेक्टर।
2-सैमसंग सर्विस सेंटर श्री साईं ट्रेडर्स सी-8 पं. शंकर दत्त शर्मा, सिविल लाइन्स, मुरादाबाद द्वारा इसके प्रोपराइटर।
3-न्यू यू0सी0 एण्ड सन्स मण्डी समीति के सामने मझोला लाइन पार मुरादाबाद द्वारा इसके प्रोपराइटर। …...विपक्षीगण
वाद दायरा तिथि: 01-08-2018 निर्णय तिथि: 04-11-2020
(श्रीमती अलका श्रीवास्तव, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
निर्णय
1-परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध प्रश्नगत खराब मोबाइल के बदले में नया मोबाइल दिलाये जाने अथवा उसकी कीमत 11,500/-रूपये दिलाये जाने और 10,000/-रूपये मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति एवं 10,000/-रूपये वाद व्यय आदि दिलाये जाने हेतु योजित किया है।
2-संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दिनांक 18-8-2017 को विपक्षी-1 द्वारा निर्मित एक मोबाइल सैट मॉडल सैमसंग-जे7 विपक्षी-3 से 11,500/-रूपये में क्रय किया था, जिसकी वारंटी एक वर्ष की थी। सितम्बर, 2017 से ही उक्त सैट में नैटवर्क न आना, चार्जिंग न करना, हैंग हो जाना, आवाज रूक-रूक कर आना, मोबाइल गरम हो जाना एवं पैनल टच ठीक से काम न करना इत्यादि कमियां उत्पन्न हो गईं। जिस पर परिवादी नवम्बर, 2017 में उक्त मोबाइल को विपक्षी-2 सर्विस सेंटर पर लेकर गया तो विपक्षी-2 ने बताया कि मोबाइल में कई कमियां है, इसे छोड़ना पड़ेगा और 10 दिन के बाद आकर ले जाना परिवादी ने मोबाइल विपक्षी-2 के पास जमा कर दिया लेकिन मांगने पर भी विपक्षी-2 ने मोबाइल की कोई जमा रसीद परिवादी को नहीं दी और कहा कि इतना बड़ा सर्विस सेंटर लेकर बैठे हैं क्या आपका मोबाइल लेकर भाग जायेंगे। परिवादी ने 15 दिन बाद विपक्षी-2 से उक्त मोबाइल प्राप्त किया लेकिन मोबाइल ठीक से कार्य नहीं कर रहा था और इसके पश्चात भी कई बार परिवादी ने उक्त मोबाइल विपक्षी-2 को दिखाया लेकिन मोबाइल ठीक नहीं हुआ और मोबाइल में अब भी उक्त कमियां विद्यमान हैं। परिवादी का मोबाइल ठीक न करके विपक्षीगण ने सेवा में कमी की है, जिससे परिवादी को मानसिक, शारीरिकि व आर्थिक हानि हुई। अतएव यह परिवाद उक्त अनुतोष पाने के लिए विरूद्ध विपक्षीगण योजित किया गया है।
3-परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में उक्त मोबाइल क्रय करने की रसीद कागज सं.-4 व अपना शपथपत्रीय साक्ष्य प्रस्तुत किया है।
4-विपक्षी-1 व 2 ने अपना प्रतिवाद पत्र 11क प्रस्तुत किया। जिसमें वाद का विरोध इस आधार पर किया है कि परिवादी स्वच्छ हाथों से नहीं आया है। परिवादी ने सर्विस सेंटर पर मोबाइल दिखाने का कथन किया है लेकिन कोई जॉबशीट आदि प्रस्तुत नहीं की है। अतएव परिवादी कभी भी मोबाइल सही कराने सर्विस सेंटर पर नहीं गया और परिवादी का मोबाइल सुचारू रूप से सही काम कर रहा है। परिवादी जबरदस्ती दवाब देकर नफा-नाजायज प्राप्त करना चाहता है। यदि मोबाइल में कोई कमी थी तो उसे मरम्मत से ठीक किया जा सकता था, बदले में नये मोबाइल की मांग सर्वथा अनुचित है। परिवादी ने कोई ऐसी विशेषज्ञ साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं की है, जिससे यह पता चलता हो कि प्रश्नगत मोबाइल में कोई त्रुटि या कमी थी
5-विपक्षी-1 व 2 ने अपने कथन के समर्थन में 13क/6 वारंटी कार्ड व 13क शपथपत्र श्री अनूप कुमार माथुर, डायरेक्टर टेक्निकल सपोर्ट का प्रस्तुत किया है।
6-विपक्षी-3 की ओर से कोई प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। अन्तत: विपक्षी-3 के विरूद्ध दिनांक 23-10-2019 को एकपक्षीय कार्यवाही अमल में लायी गई।
7-हमने पक्षकारान के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी और पत्रावली का पूर्ण रूप से अवलोकन किया।
8-परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने अपनी बहस में परिवाद पत्र को दोहराते हुए तर्क दिया है कि विपक्षीगण ने परिवादी के प्रश्नगत मोबाइल को ठीक न करके अथवा उसको बदलकर नया मोबाइल न देकर सेवा में कमी की है। अतएव उसकी क्षतिपूर्ति करायी जावे।
9-विपक्षी-1 व 2 के विद्वान अधिवक्ता ने उपरोक्त तर्कों के विरोध में अपने प्रतिवाद पत्र को दोहराते हुए तर्क दिया है कि परिवादी के मोबाइल में कोई कमी या त्रुटि नहीं थी। परिवादी का मोबाइल ठीक प्रकार से कार्य कर रहा है। मोबाइल में कोई कमी थी तो परिवादी सर्विस सेंटर पर जाकर उसे दूर करा सकता था लेकिन परिवादी सर्विस सेंटर पर नहीं गया और न ही इस संबंध में उसने कोई जॉबकार्ड दाखिल किया है। परिवादी ने कोई एक्सपर्ट की रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की है, जिससे यह माना जा सके कि प्रश्नगत मोबाइल खराब था या ठीक से काम नहीं कर रहा था। अतएव परिवाद असत्य कथनों पर आधारित है, जो सव्यय खण्डित होने योग्य है।
10-पत्रावली पर ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है, जिससे यह माना जाये कि परिवादी ने मोबाइल की शिकायत विपक्षीगण से की हो या मोबाइल ठीक कराने वह विपक्षी के सर्विस सेंटर पर गया हो अथवा उसने अपना मोबाइल जॉबकार्ड प्राप्त करके सर्विस सेंटर पर जमा किया हो। मोबाइल खराबी के संबंध में परिवादी ने किसी अन्य मोबाइल मैकेनिक की रिपोर्ट आदि भी प्रस्तुत नहीं की है। जिससे यह साबित नहीं होता है कि परिवादी का मोबाइल सुचारू रूप से काम नहीं कर रहा है अथवा मोबाइल में कोई कमी या त्रुटि है। परिवादी ने उक्त मोबाइल सैट दिनांक 18-8-2017 को क्रय करने के कुछ समय बाद ही मोबाइल में कमिया आना बताया है और यह परिवाद इसके लगभग एक साल बाद दिनांक 01-8-2018 को योजित किया गया है और इस संबंध में कोई स्पष्ट कथन नहीं किया है कि उक्त अवधि में मोबाइल ने ठीक से कार्य किया या नहीं और यदि ठीक से कार्य नहीं किया तो परिवादी ने लिखित में कोई शिकायत विपक्षीगण से क्यों नहीं की।
11-परिवाद में परिवादी द्वारा कथन किया गया है कि मोबाइल को विपक्षी के सर्विस सेंटर पर ले जाने पर उनके द्वारा जमा करने के लिए कहा गया तथा 15 दिन बाद सर्विस सेंटर से मोबाइल उसे मिला किन्तु कोई जॉबकार्ड जमा करने का प्रपत्र आदि प्रस्तुत नहीं किया है, जबकि विपक्षी के द्वारा यह कथन किया गया है कि मोबाइल 10-15 दिन सर्विस सेंटर पर नहीं रखा जाता है जबकि शपथपत्रीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा 10 दिन बाद मोबाइल सर्विस सेंटर से ठीक कराकर विपक्षी के द्वारा वापस करने के संदर्भ में कथन किया है किन्तु स्वयं परिवादी द्वारा यह कथन किया गया है कि वह 15 दिन बाद मोबाइल लेने गया था। यदि लगातार मोबाइल में समस्यायें बनी रहीं जो कि मोबाइल के कार्य करने से सीधी संबंधित थीं, जैसा कि शपथपत्र पर परिवादी द्वारा साक्ष्य पर कथन किया है कि उसने कई बार मोबाइल सर्विस सेंटर पर दिखाने के लिए बाद में भी भिजवाया किन्तु ठीक न होने पर कहीं भी शिकायत की गई हो, स्पष्ट नहीं किया है, जबकि परिवादी पढ़ा-लिखा है और पेशे से वकील है। यदि मोबाइल सितम्बर-अक्टूबर, 2017 से कार्य नहीं कर रहा था तो इस संदर्भ में अगस्त, 2018 तक कोई कार्यवाही न किया जाना परिवादी के मोबाइल के खराब होने के कथन को इतनी देरी से वर्तमान कार्यवाही किये जाने के संदर्भ में पर्याप्त स्पष्टीकरण नहीं दिया है। इसके अतिरिक्त भी यदि सर्विस सेंटर पर बाद में मोबाइल ठीक कराने भेजा गया तो उसकी कोई तिथि अथवा भेजने वाले का विवरण अथवा किस माह तक तथा कितनी बार सर्विस सेंटर पर कार्यवाही की गई हो, कोई कथन स्पष्ट नहीं किया है, जिससे यही निष्कर्ष निकलता हो कि विपक्षी के द्वारा दी गई सेवाओं में कमी की गई है, जबकि यदि कोई निर्माण संबंधी दोष है तभी उत्पाद का बदलवाया जाना संभव है किन्तु निर्माण संबंधी दोष के संबंध में तथ्य साबित नहीं है और विपक्षी द्वारा सेवा में कमी के संदर्भ में भी साक्ष्य परिवादी अस्पष्ट व अपर्याप्त है। न ही दिया गया साक्ष्य परिवादी के वास्तविक परेशानी अथवा कमियों को साबित करता है। अतएव परिवादी का परिवाद निरस्त होने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद निरस्त किया जाता है। वाद व्यय उभयपक्ष स्वयं वहन करेंगे।
(रूचिका सारस्वत) (चन्द किरन सिंह) (अलका श्रीवास्तव)
सदस्य, सदस्य, अध्यक्ष,
आज यह निर्णय हमारे द्वारा हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(रूचिका सारस्वत) (चन्द किरन सिंह) (अलका श्रीवास्तव)
सदस्य, सदस्य, अध्यक्ष,
दिनांक: 04-11-2020
Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes
Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.