मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
पुनरीक्षण संख्या-140/2018
मैनेजिंग डायरेक्टर, टाटा मोटर्स फाइनेन्स लि0, 10th फ्लोर, 106ए मेकर्स चैम्बर, 111 नरिमन प्वाइंट, मुम्बई 400021, ब्रांच आफिस 263/1, हनी हाइट्स, मंगल पाण्डेय नगर, मेरठ।
पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी
बनाम्
सलीम अहमद पुत्र श्री मो0 अलीमुद्दीन, निवासी 51/1 मोहम्मदीगंज 1, जलालाबाद, थाना थानाभवन, तहसील व जिला शामली।
विपक्षी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से : श्री राजेश चड्ढा, विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी की ओर से : कोई नहीं।
दिनांक: 10.08.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-25/2017, सलीम अहमद बनाम टाटा मोटर फाइनेंस लि0 में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, शामली पारित आदेश दिनांक 14.08.2018 के विरूद्ध यह पुनरीक्षण आवेदन इस आधार पर प्रस्तुत किया गया है कि मध्यस्थ कार्यवाही में अवार्ड पारित होने के पश्चात स्वंय परिवादी द्वारा ट्रक पुनरीक्षणकर्ता को समर्पित कर दिया गया है, जिसका पुनरीक्षणकर्ता द्वारा विक्रय भी किया जा चुका है, इसलिए ट्रक को वापस लौटाने का आदेश अवैधानिक है।
2. पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए। विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। केवल पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान
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अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
3. लिखित कथन में पुनरीक्षणकर्ता द्वारा स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि मध्यस्थ द्वारा अवार्ड पारित होने के पश्चात स्वंय परिवादी द्वारा ट्रक को समर्पित कर दिया गया, परन्तु अपने आदेश में इस तथ्य का कोई उल्लेख विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा नहीं किया गया, इसलिए परिवाद के अंतरिम स्तर पर दोनों पक्षकारों के अधिकार एवं दायित्वों को सुनिश्चित किए बिना ट्रक वापस लौटाने का आदेश देना विधि विरूद्ध है, जो अपास्त होने योग्य है। तदुनसार प्रस्तुत पुनरीक्षण स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत पुनरीक्षण स्वीकार किया जाता है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 14.08.2018 अपास्त किया जाता है तथा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग को निर्देशित किया जाता है कि वह 03 माह की अवधि में परिवाद का निस्तारण गुणदोष के आधार पर करते हुए प्रश्नगत ट्रक के संबंध में स्पष्ट निष्कर्ष पारित करें।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय स्वंय वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (विकास सक्सेना)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2