Uttar Pradesh

StateCommission

RP/115/2015

Ansari Tractor Agencies - Complainant(s)

Versus

Sahaj Ram - Opp.Party(s)

B. K. Upadhayay

19 Aug 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/115/2015
(Arisen out of Order Dated 19/05/2015 in Case No. C/891/2011 of District Lucknow-I)
 
1. Ansari Tractor Agencies
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Sahaj Ram
Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Virendra Singh PRESIDENT
 
For the Petitioner:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

         मौखिक

पुनरीक्षण ११५/२०१५

अंसारी ट्रैक्‍टर एजेंसी, बस स्‍टैण्‍ड चौराहा, सण्‍डीला द्वारा पार्टनर।                         

                                       .............पुनरीक्षणकर्ता                                      

बनाम

  • सहजराम पुत्र श्री ईश्‍वरदीन
  • श्रीमती मोनिका पत्‍नी श्री सहजराम

निवासीगण ग्राम लीलाखेडा, पोस्‍ट काकोरी, जिला लखनऊ।                                                                                         

                                         ..............विपक्षीगण

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री वीरेन्‍द्र सिंह, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री उदय शंकर अवस्‍थी, सदस्‍य ।

3. माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य।

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री बी0के0 उपाध्‍याय विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षीगण की ओर से उपस्थित: श्री राम गोपाल विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक:१०/०९/२०१५

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री वीरेन्‍द्र सिंह, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

 यह पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी ने परिवाद सं0-८९१/२०११ सहजराम बनाम अंसारी ट्रैक्‍टर एजेंसी व अन्‍य में जिला फोरम प्रथम लखनऊ द्वारा दिनांक १९/०५/२०१५ को पारित आदेश के विरूद्ध प्रस्‍तुत किया है जिसके द्वारा जिला मंच ने परिवादी के परिवाद में संशोधन प्रार्थना पत्र को स्‍वीकार किया है और पुनश्‍य विपक्षी द्वारा आपत्तियां प्रस्‍तुत किए जाने पर विपक्षी की आपत्तियों पर सुनवाई के लिए दिनांक १६/०७/२०१५ निर्धारित की है।

  हमने पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता श्री बी0के0 उपाध्‍याय को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।

     हमारी राय में यह पुनरीण प्रार्थना पत्र अपरिपक्‍व है जो कि समय से पूर्व ही प्रस्‍तुत कर दिया गया है क्‍योंकि जब परिवादी का संशोधन प्रार्थना पत्र स्‍वीकार कर लिये जाने के विरूद्ध विपक्षी की आपत्ति पर सुनवाई के लिए तिथि नियत कर दी गयी है, तब, तब तक पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत करने का कोई औचित्‍य नहीं है, जब तक कि विपक्षी/पुनरीक्षणकर्ता की आपत्तियों का निस्‍तारण जिला फोरम द्वारा

 

2

 नहीं कर दिया जाता है। ऐसी परिस्थिति में यह पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र अपरिपक्‍व है और अस्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

  पुनरीक्षण प्रार्थना पत्र अस्‍वीकार किया जाता है।  

उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

उभयपक्षों को निर्णय की सत्‍यापित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध कराई जाए।

  

                              

(न्‍यायमूर्ति वीरेन्‍द्र सिंह)    (उदय शंकर अवस्‍थी)         (संजय कुमार)

    अध्‍यक्ष                  सदस्‍य                सदस्‍य

सत्‍येन्‍द्र कोर्ट-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Virendra Singh]
PRESIDENT

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.