( मौखिक )
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :3243/2017
अनूप कुमार शर्मा पुत्र श्री नरेन्द्र कुमार शर्मा निवासी 30/2 महावीर नगर, फिरोजाबाद, उ0प्र0।
अपीलार्थी/परिवादी
1-एस0एन0जी0 डेवलपर्स लिमिटेड, रजि0 कार्यालय 112, इन्द्र प्रकाश 21 खाभा रोड, नई दिल्ली पिन नं0-110001 द्वारा निदेशक/संबंधित अधिकारी।
2-एस0एन0जी0 डेवलपर्स लिमिटेड, प्रथम तल, रतन बिहार, कॉमर्शियल काम्प्लेक्स, सुहागनगर फिरोजाबाद द्वारा प्रबन्धक/संबंधित अधिकारी।
3-एस0एन0जी0 डेवलपर्स लिमिटेड, विभव नगर, पुलिस चौकी के पास फिरोजाबाद द्वारा इंचार्ज/संबंधित अधिकारी।
4-मैसर्स वीनस व्हीकल्स सर्विस प्रा0लि0 नियर वर्मा पेट्रोल पम्प, कोटला चुंगी, आगरा रोड, फिरोजाबाद।
प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष :-
1-मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री आलोक रंजन।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- कोई नहीं।
दिनांक : 19-01-2023
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवाद संख्या-38/2017 अनूप कुमार शर्मा बनाम एस0एन0जी0 डेवलपर्स लिमिटेड व तीन अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, फिरोजाबाद द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 22-11-2017 में बढ़ोत्तरी किये जाने हेतु
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यह अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत की गयी है।
आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्वारा विद्धान जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है :-
‘’परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि वह दिनांक 04-04-2009 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 20,000/-रू0 मय ब्याज, दिनांक 08-05-2010 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 1,30,600/-रू0 मय ब्याज, दिनांक 07-08-2010 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 1,50,720/-रू0 मय ब्याज, दिनांक 15-11-2010 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 1,50,660/-रू0 मय ब्याज, दिनांक 22-02-2011 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 1,62,299/-रू0 मय ब्याज, दिनांक 03-07-2011 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 1,50,000/-रू0 मय ब्याज, दिनांक 19-08-2011 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 1,50,000/-रू0 मय ब्याज, दिनांक 07-07-2012 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से 1,50,000/-रू0 मय ब्याज परिवादी को दो माह के अन्तर्गत भुगतान करें। ब्याज की गणना वसूली की तिथि तक होगी। विपक्षी 5,000/-रू0 बतौर परिवार व्यय परिवादी को पृथक रूप से देगा।‘’
जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश में बढ़ोत्तरी किये जाने हेतु यह अपील परिवादी/अपीलार्थी की ओर से प्रस्तुत की है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी को विपक्षीगण द्वारा फिरोजाबाद स्थित विभव नगर में एक आवासीय कालोनी
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फ्लैट्स बनाने व निर्माण करने का आश्वासन दिया गया था। परिवादी द्वारा फ्लैट लेने के बावत विपक्षीगण से सम्पर्क किया गया। विपक्षी संख्या-2 द्वारा एक माडल के रूप से बने निर्माण को दिखाया गया और समस्त आधुनिक सुविधाऍं प्रदान किये जाने का आश्वासन दिया गया। विपक्षीगण के अधिकृत कर्मचारी द्वारा परिवादी के निवास पर सम्पर्क किया गया तथा सभी कार्य परिवादी के निवास स्थान पर विपक्षीगण के अधिकृत कर्मचारी द्वारा कराये गये। परिवादी द्वारा टी-2/503, जो कि प्रथम तल पर टी-2 ब्लाक में सुपर एरिया 103.67 वर्ग मीटर (1116 वर्ग फुट) में तीन बेडरूम का फ्लैट 15,06,600/-रू0 में बुक कराया गया, जिसमें मु0 1,50,600/-रू0 विपक्षीगण द्वारा परिवादी से जमा कराया गया, जिसकी रसीद परिवादी को विपक्षीगण द्वारा प्रदान की गयी। उक्त फ्लैट को बुक कराते समय विपक्षीगण की मांग के अनुसार भिन्न-भिन्न तिथियों पर परिवादी द्वारा कुल 10,64,279/-रू0 विभिन्न चेकों के माध्यम से विपक्षीगण के यहॉं जमा कर दिये गये। विपक्षीगण व परिवादी के मध्य एक अनुबंध पत्र दिनांक 29-10-2010 को निष्पादित हुआ, जिसके अनुसार विपक्षीगण ने परिवादी को 36 माह की अवधि में समस्त आधुनिक सुविधाओं के साथ कब्जा देने का आश्वासन दिया, किन्तु काफी समय व्यतीत होने के पश्चात भी परिवादी को कब्जा प्रदान नहीं किया गया है। इस संबंध में परिवादी, विपक्षीगण से निरंतर सम्पर्क करता रहा किन्तु विपक्षीगण द्वारा टालमटोल किया जाता रहा और विपक्षीगण द्वारा फ्लैट का कब्जा परिवादी को नहीं दिया गया। परिवादी ने द्वारा अधिवक्ता एक सूचना पत्र दिनांक 08-03-2017 को विपक्षीगण को
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रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेजी, जिसका कोई जवाब विपक्षीगण द्वारा नहीं दिया गया। अत: विवश होकर परिवादी ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया है।
विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र दाखिल कर परिवाद के प्रस्तर-1 लगायत 12 का सिद्धभार परिवादी पर अधिरोपित करते हुए अतिरिक्त कथन में कहा है कि परिवाद गलत तथ्यों के आधार पर विपक्षीगण को तंग करने व परेशान करने की नियत से दाखिल किया गया है। उभयपक्ष के मध्य वाद का कोई कारण उत्पन्न नहीं हुआ है न ही परिवादी द्वारा उल्लेख किया गया है। परिवादी ने उपरोक्त फ्लैट दिनांक 29-10-2010 को बुक कराया था और 36 माह के अंदर कब्जा दिलाये का आश्वासन दिलाया था, लेकिन परिवादी द्वारा परिवाद वर्ष 2017 में दाखिल किया गया है जो कालबाधित है। विपक्षीगण द्वारा यह कथन भी किया गया कि परिवाद आरबीटेशन के प्राविधानों से बाधित है एवं परिवाद सव्यय निरस्त होने योग्य है।
विद्धान जिला आयोग द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्ता को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का परिशीलन करने के उपरान्त विपक्षीगण के स्तर पर सेवा में कमी पाते हुए परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री आलोक रंजन उपस्थित आए। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
अपीलार्थी की विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विपक्षीगण एस0एन0जी0 डेवलपर्स लिमिटेड द्वारा भी एक परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया गया था। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं
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आदेश दिनांक 22-11-2017 के विरूद्ध अपील संख्या-1159/2018 इस न्यायालय के सम्मुख योजित की गयी थी जो इस न्यायालय द्वारा अदम पैरवी में दिनांक 26-04-2022 को निरस्त की जा चुकी है। अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा जो अनुतोष प्रदान किये गये है वह कम है अत: उसमें बढ़ोत्तरी की जावे।
मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का भली-भॉंति परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।
अत: समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए मेरे विचार से विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्य एवं विधि के अनुसार है, जिसमें हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। तदनुसार अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है। विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।
अपील में उभयपक्ष पक्ष अपना अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1