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Shri Pawan Kumar Sharma filed a consumer case on 21 Nov 2020 against Royal Sundram General Insurance Com Ltd. in the Muradabad-II Consumer Court. The case no is CC/10/2017 and the judgment uploaded on 03 Dec 2020.
न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग-द्वितीय, मुरादाबाद
परिवाद संख्या-10/2017
पवन कुमार वर्मा पुत्र श्री नरेन्द्र वर्मा निवासी म.नं.-14 कटघर बीच आंशिक, मुरादाबाद। ..........परिवादी
बनाम
1-रायल सुन्दरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि0 कॉपरेट आफिस विश्रंधी, मेलाराम टॉवर नं.-2/319, राजीव गांधी सलाई (ओएमआर) कारापक्काम, चेन्नई-600097 द्वारा प्रबन्धक।
2-मैसर्स मैग्मा फिनकार्प लि0 ओम काम्प्लेक्स, फर्स्ट फ्लोर, एक्सिस बैंक व साईं हास्पिटल के पास दिल्ली रोड मुरादाबाद-244001 …....... विपक्षी
वाद दायरा तिथि: 03-02-2017 निर्णय तिथि: 21-11-2020
(श्रीमती अलका श्रीवास्तव, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
निर्णय
1-परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध चोरी गये बीमित ट्रक की बीमा राशि 4,83,550/-रूपये मय 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज, मानसिक व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति 1,00,000/-रूपये एवं 25,000/-रूपये वाद व्यये दिलाये जाने हेतु योजित किया है।
2-संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी का ट्रक सं0-यूपी-21बीएन 1510 विपक्षी-1 बीमा कंपनी के यहां अंकन-4,83,550/-रूपये की धनराशि के लिए दिनांक 31-12-2014 से 30-12-2015 की अवधि के लिए बीमित था। दिनांक 05-10-2015 की शाम को परिवादी का ड्राईवर विकास सक्सैना व हैल्पर बब्लू जब उक्त वाहन से करूला जयन्तीपुर मंदिर वाली गली से लोहे की शीट डालकर घर आ रहे थे तो रात्रि 10 बजे प्रभात मार्केट फिलैक्सी फैक्ट्र, थाना कटघर, मुरादाबाद के पास ढलान पर अचानक तकनीकी कमी आ जाने के कारण ट्रक बन्द हो गया और बार-बार स्टार्ट करने पर भी चालू नहीं हुआ और मिस्त्री के न मिलने पर ड्राईवर व हैल्पर ने गाड़ी रात्रि 10 बजे वहीं साइड में सुरक्षित लॉक करके खड़ी की थी और जब परिवादी दिनांक 06-10-2015 की सुबह मिस्त्री को लेकर वहां गया तो परिवादी की उक्त गाड़ी वहां पर खड़ी हुई नहीं थी। परिवादी ने इसकी सूचना तत्काल थाना कटघर पुलिस को तथा विपक्षी-1 को टोल फ्री नम्बर पर दी, पुलिस ने पहले वाहन को सर्च करने के लिए कहा और बाद में दिनांक 07-10-2015 को रिपोर्ट दर्ज कर ली। परिवादी की सूचना पर विपक्षीगण ने सर्वेयर भेजा। परिवादी ने मांगे गये दस्तावेज सर्वेयर व बीमा कंपनी को उपलब्ध कराये तथा गाड़ी की दोनों चाबी भी दे दी। परिवादी ने प्रथम सूचना रिपोर्ट, अंतिम आख्या व अंतिम आख्या पर न्यायालय के आदेश आदि प्रपत्र विपक्षी बीमा कंपनी को उपलब्ध कराये और क्लेम भुगतान हेतु अनेक चक्कर बीमा कंपनी के कार्यालय में लगाये लेकिन दिनांक 07-11-2016 को विपक्षी ने क्लेम का भुगतान करने से इंकार कर दिया। विपक्षी-2 ऋण अदायगी के लिए परिवादी पर दबाव बना रहा है। अतएव वांछित अनुतोष हेतु यह परिवाद योजित किया गया।
3-परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में मय शपथपत्र 3/4, पालिसी शैड्यूल 3/7, प्रीमियम कम्प्यूटेशन टेबिल 3/8, बीमा प्रमाण पत्र 3/9, वाहन का पंजीकरण प्रमाण पत्र 3/10, प्रथम सूचना रिपोर्ट 3/11ता12, अंतिम आख्या 3/13ता14 व क्लेम निरस्तीकरण पत्र 3/15 की छायाप्रतियों एवं अपने शपथपत्रीय साक्ष्य कागज सं.-12क के साथ प्रथम सूचना रिपोर्ट, अंतिम आख्या तथा 12क/9 न्यायालय द्वारा अंतिम आख्या स्वीकार किये जाने संबंधी आदेश प्रस्तुत किया है।
4-विपक्षी-1 ने अपना प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें वाद का विरोध मुख्य रूप से इस आधार पर किया है कि उक्त बीमा पालिसी कॉमर्शियल व्हीकल पैकेज के तहत प्रमाण पत्र नं.-वीजीसी0362767000100 से जारी की गई थी। गाड़ी की चोरी प्रभात मार्केट, मुरादाबाद के पास होना बताया है। जिसकी सूचना मिलते ही सर्वेयर श्री संजय द्विवेदी को दिनांक 12-10-2015 को नियुक्त किया गया था। परिवादी को कई पत्र भेजे गये, जिनके प्राप्त होने पर परिवादी की ओर से घोर लापरवाही पायी गई। एक सामान्य व विवेकपूर्ण व्यक्ति से यह आशा नहीं की जाती है कि वह अपने वाहन को बिना पर्याप्त सुरक्षा के छोड़े। वाहन की सुरक्षा हेतु उचित सावधानी व सतर्कता न बरने के कारण ही पालिसी की शर्त-5 के अधीन परिवादी का क्लेम निरस्त किया गया है।
मा0 राष्ट्रीय आयोग द्वारा केशव नाटू माथ्रे बनाम न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लि0 के मामले में यह व्यवस्था दी गई है कि वाहन को करीब 5.30 घण्टे अरक्षित, अकेला अर्थात बिना किसी रखवाले के ताला लगाकर छोड़ना उचित देखभाल या सावधानी की श्रेणी में नहीं आता है। एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन आफ इंडिया लि0 बनाम गर्ग सन्स इंटरनेशनल 2013(1) स्केल 410 में मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा यह अभिकथित किया गया है कि बीमा पालिसी की शर्तों का अनुपालन दोनों पक्षों द्वारा किया जाना आवश्यक है। जनरल एश्योरंस सोशायटी लि0 बनाम चन्दूमल जैन व अन्य (1996) 3 एससीआर 500 में मा0 न्यायालय द्वारा यह कथन किया गया है कि बीमा की संविदा को दस्तावेज के निर्वचन के संदर्भ में यथायोग्य शब्दों का अर्थ जो कि उचित व सामान्य विवेकपूर्ण व्यक्ति द्वारा समझा जावेगा, उसी प्रकार किया जाना चाहिए। अतएव परिवादी ने वाहन को असुरक्षित छोड़कर स्वयं बीमा पालिसी की शर्तों का उल्लंघन किया है, जिसके कारण उसका दावा सही निरस्त किया गया है।
5-विपक्षी-1 ने अपने कथन के समर्थन में दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में 9/7 पालिसी शैड्यूल, 9/8 प्रीमियम कम्प्यूटेशन टेबिल, 9/9 बीमा प्रमाण पत्र,9/10ता13 बीमा पालिसी, 9/14ता15 क्लेम फार्म, परिवादी को बीमा कंपनी द्वारा भेजे गये पत्र, 9/24 क्लेम निरस्तीकरण पत्र आदि को दाखिल किया गया है और अपने कथन के समर्थन में अपने एक्जीक्यूटिव लीगल श्री वी. हरिशंकर का शपथपत्र दाखिल किया है। जिसके साथ उक्त अभिलेखों को पुन: दाखिल किया गया है।
6-विपक्षी-2 पर्याप्त तामील के बावजूद भी उपस्थित नहीं आया। अतएव विपक्षी-2 के विरूद्ध दिनांक 14-11-2017 को एकपक्षीय सुनवाई का आदेश पारित किया गया।
7-हमने पक्षकारान के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी और पत्रावली का पूर्ण रूप से परिशीलन किया।
8-परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने अपनी बहस में परिवाद पत्र को दोहराते हुए मुख्य तर्क दिया है कि परिवादी का उक्त वाहन प्रभात मार्केट के पास खराब हो जाने के कारण उसके सभी खिड़की व शीशे बन्द करते हुए लॉक करके रोड की साईड में खड़ा किया गया था, जिसको असुरक्षित रूप से छोड़ना या उसकी सुरक्षा हेतु सावधानी न बरता जाना नहीं माना जा सकता है। विपक्षी बीमा कंपनी ने गलत आधार पर परिवादी का क्लेम निरस्त करके सेवा में कमी की है। अतएव परिवादी का दावा स्वीकार किया जावे।
9-विपक्षी-1 के विद्वान अधिवक्ता ने उपरोक्त तर्कों के विरोध में अपने प्रतिवाद पत्र को दोहराते हुए मुख्य तर्क दिया है कि परिवादी ने अपने वाहन की सुरक्षा में लापरवाही बरती है। परिवादी ने ट्रक को बिना चालक या हैल्पर अर्थात वगैर किसी रखवाले के सड़क की साईड में अकेला ही खड़ा कर दिया और बीमा पालिसी की शर्त सं.-5 के अनुसार परिवादी ने बीमित वाहन की पर्याप्त सुरक्षा नहीं की, जिसकी एक सामान्य व विवेकपूर्ण व्यक्ति से अपेक्षा की जाती है। बीमा पालिसी की शर्त सं.-5 निम्नवत है-
इस शर्त के अनुसार परिवादी से यह अपेक्षित था कि वह ट्रक को किसी प्रकार के नुकसान से बचाने के लिए ड्राईवर या अपने हैल्पर के बिना असुरक्षित नहीं छोड़ेगा तथा पर्याप्त देखभाल वाहन के नुकसान से बचाने के लिए करनी होगी अन्यथा वाहन बीमाधारक के जोखिम पर रहेगा। परिवादी कोई अनुतोष पाने का हकदार नहीं है, परिवाद खारिज किया जावे।
10- परिवादी का कथन है कि उसका दावा गलत आधार पर निरस्त किया गया है चूंकि उपरोक्त कथित शर्त जो कि कई पृष्ठों में थी, परिवादी को अलग से नहीं दी गई थी और न ही उपरोक्त शर्तों के संदर्भ में अलग से सहमति ली गई थी, इस प्रकार टाईपशुदा शर्तें जो कि बीमा कर्ता के पक्ष में थीं, उपरोक्त को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। वस्तुत: वाहन चोरी के संदर्भ में यदि व्यक्ति द्वारा पर्याप्त सुरक्षा व सावधानी बरती गई थी, जो कि एक विवेकपूर्ण व्यक्ति से अपेक्षित है, यदि ली जाती है तो यह नहीं कहा जा सकता है कि उसके ट्रक में अचानक तकनीकी कमी कैस आयी अथवा उसकी चोरी हो जाने पर बीमा कर्ता को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है किन्तु इस संदर्भ में अपकृत्य विधि के अन्तर्गत यह अपेक्षित है कि जितनी अधिक मूल्यवान वस्तु है, उसके लिए सुरक्षा भी उसी प्रकृति की होनी चाहिए। जिस संदर्भ में परिवादी द्वारा यह कथन किया गया है कि जब ट्रक लोहा डालकर वापस आ रहा था तो रास्ते में प्रभात मार्केट के पास ट्रक बन्द हो गया, यानि कि उक्त ट्रक मुरादाबाद जिले के अंदर ही था, कहीं सुनसान जगह या एकान्त स्थान पर खराब नहीं हुआ था। यद्यपि परिवादी द्वारा शपथपत्र पर घर का पता नहीं दर्शाया गया है किन्तु मुकदमा अपराध सं.-657/2015 धारा-379 आईपीसी में परिवादी द्वारा कटघर बीच निकट हनुमान मंदिर चौराहा कटघर मुरादाबाद अंकित किया है। परिवादी का यह कथन है कि ड्राईवर व हैल्पर गाड़ी पर मौजूद थे किन्तु किसी कारणवश कथित स्थान पर गाड़ी खड़ी करके उक्त स्थान से हट गये, उपरोक्त सावधानी ट्रक के संदर्भ में उचित, विवेकपूर्ण व पर्याप्त नहीं समझी जा सकती है, जबकि हैल्पर भी साथ में था। प्रथम सूचना रिपोर्ट में मात्र यह कथन किया गया है कि परिवादी का ड्राईवर दूसरे दिन मिस्त्री लेकर पहुंचा तो गाड़ी उक्त स्थान पर मौजूद नहीं थी, कोई समय इस संदर्भ में अंकित नहीं किया गया है। न ही साक्ष्य से स्पष्ट किया गया है कि इस संदर्भ में आसपास बाजार, दुकाने अथवा फैक्ट्री आदि मौजूद थी, उनके गार्ड या चौकीदार आसपास थे अथवा नहीं, जबकि शहर के अंदर की घटना बतायी गई है, पर्याप्त सुरक्षा व सावधानी बरतना नहीं समझा जावेगा। इस संदर्भ में IV(2011) सीपीजे 135 (एनसी) केशव नाटू महात्रे बनाम न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लि0 में मा0 राष्ट्रीय आयोग द्वारा यह व्यवस्था दी गई है कि मात्र गाड़ी लॉक करके छोड़ना पर्याप्त सुरक्षा नहीं कही जा सकती है। III(2018) सीपीजे 189 (एनसी), सलीम बनाम इफको टोक्यो इंश्योरेंस कंपनी लि0 में जहां कि क्लेम इस इस आधार पर निरस्त किया गया था कि लॉक कार्य नहीं कर रहा था और लॉक खराब था और गाड़ी को बिना ड्राईवर के अथवा अकेला छोड़ने से गाड़ी चोरी होने पर उसकी पर्याप्त सुरक्षा या सावधानी नहीं मानी जा सकती है। सर्वेयर की रिपोर्ट में यह अंकित नहीं है कि उपरोक्त स्थान पर गाड़ी बिना रखवाले के छोड़ी गई और बीमा शर्तों का उल्लंघन किया गया है। वस्तुत इस संदर्भ में कि पालिसी में अलग से परिवादी का ध्यान आकर्षित कराया जाना चाहिए था। उपरोक्त शर्त सं.-5 साधारण शर्त है न कि एक्सक्लूजन क्लॉज। उपरोक्त शर्त बीम कंपनी के दायित्व को उन्मोचित नहीं करती बल्कि मात्र इस संदर्भ में है कि जब वाहन की सुरक्षा के संदर्भ में पर्याप्त सावधानी, जो कि एक सामान्य विवेकपूर्ण व्यक्ति द्वारा बरती जानी चाहिए, का लिया जाना ही अपेक्षित है। अतएव उपरोक्त शर्त के अन्तर्गत जो कि अपकृत्य विधि के उपेक्षा के संदर्भ में है, सामान्य सावधानी नहीं ली है। परिवादी द्वारा तत्काल सूचना दिये जाने की कोई तिथि परिवाद पत्र अथवा साक्ष्य में नहीं दी गई है, जबकि विपक्षी द्वारा उपरोक्त सूचना 12-10-2015 को देना बताया है, जो कि तत्काल नहीं है।
11-सर्वेयर रिपोर्ट में यद्यपि घटना सही बतायी गई है किन्तु सामान्य व्यक्ति व शर्त की कोई एक्सट्रीम नहीं है।
12-उपरोक्त विवेचन, समस्त तथ्यों व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर यही निष्कर्ष निकलता है कि परिवादी द्वारा अपने उक्त बीमित वाहन की सुरक्षा हेतु उचित सावधानी नहीं बरती गई है, जिसके संदर्भ में परिवादी का परिवाद खारिज होने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है। वाद व्यय उभयपक्ष स्वयं वहन करेंगे।
(रूचिका सारस्वत) (चन्द किरन सिंह) (अलका श्रीवास्तव)
सदस्य, सदस्य, अध्यक्ष,
आज यह निर्णय हमारे द्वारा हस्ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(रूचिका सारस्वत) (चन्द किरन सिंह) (अलका श्रीवास्तव)
सदस्य, सदस्य, अध्यक्ष,
दिनांक: 21-11-2020
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