(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-82/2011
श्रीमती श्यामादेवी बालिग पत्नी स्व0 आर0एन0 सिंह
बनाम
रिलायंस जनरल इं0कं0लि0
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री सुश्री रेहाना खान, विद्धान अधिवकता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित:- श्री आनन्द भार्गव, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :13.12.2024
माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद संख्या-754/2007, श्रीमती श्यामा देवी बनाम रिलायंस जनरल इं0कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग, कानपुर नगर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 31.08.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि दुर्घटना के समय वाहन चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसें नहीं था और डी0एल0 को बीमा कम्पनी के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया।
- परिवाद के तथ्यों के अनुसार वाहन सं0 यू0पी0 77ए 8761 का बीमा दिनांक 09.12.2006 से दिनांक 08.12.2007 की अवधि के लिए कराया गया था। बीमित अवधि के दौरान दिनांक 21.02.2007 को समय करीब 4 बजे जब चालक पेट्रोल पम्प पर वाहन खड़ा कर कानपुर जाने का रास्ता पूछ रहा था। तभी वाहन सं0 एच0आर0 45 सी 4788 ने पीछे से टक्कर मार दिया, जिसके कारण गाड़ी क्षतिग्रस्त हुई, जिसकी सूचना बीमा कम्पनी को दी गयी, परंतु क्लेम इस आधार पर नकार दिया गया कि ड्राइवर द्वारा डी0एल0 उपलब्ध नहीं कराया गया। इसी तथ्य को जिला उपभोक्ता आयोग ने स्वीकार करते हुए परिवाद खारिज किया है।
- अपील के ज्ञापन के साथ डी0एल0 प्रस्तुत किया गया, जिसकी प्रति दस्तावेज सं0 33 पर उपलब्ध है। इस डी0एल0 की प्रमाणिकता के संबंध में कोई आपत्ति नहीं की गयी है। अत: स्पष्ट है कि वाहन चालक के पास डी0एल0 मौजूद था। तदनुसार बीमा क्लेम नकारने का आधार विधिसम्मत नहीं था। बीमा कम्पनी द्वारा सर्वेयर की निुयक्ति की गयी। सर्वेयर द्वारा अंकन 69,723/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया है। अत: परिवादी इस राशि को प्राप्त करने के लिए अधिकृत है। चूंकि ब्याज अदा करने का आदेश इस आधार पर नहीं दिया जा रहा है कि बीमा क्लेम प्रस्तुत करते समय डी0एल0 बीमा कम्पनी को उपलब्ध नहीं कराया गया था।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है। परिवाद इस प्रकार स्वीकार किया जाता है कि प्रत्यर्थी/विपक्षी क्षतिपूर्ति की राशि अंकन 69,723/-रू0 अपीलार्थी/परिवादी को अदा करे।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2