Uttar Pradesh

StateCommission

R/2013/145

Sunder Deep Collage Of Hotel Management - Complainant(s)

Versus

Ravi Singh - Opp.Party(s)

Alok Kumar Singh

19 Sep 2013

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. R/2013/145
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Sunder Deep Collage Of Hotel Management
a
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. JUSTICE Virendra Singh PRESIDENT
 HON'ABLE MR. Chandra Bhal Srivastava MEMBER
 HON'ABLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Petitioner:
For the Respondent:
ORDER

सुरक्षित

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

पुनरीक्षण  संख्‍या- 145 सन 2013

 सुन्‍दरदीप कालेज आफ होटल मैनेजमेंट, एन0एच0-24, दसाना, जिला गाजियाबाद । द्वारा डाइरेक्‍टर ।

                                     ...........पुनरीक्षणकर्ता

बनाम

                               

रवी सिंह, पुत्र श्री ओम सिंह, निवासी- ई-10/276, ईस्‍ट गोकुलपुर, नई दिल्‍ली  110094

     ........प्रत्‍यर्थी

समक्ष:-

1. मा0 न्‍यायमूर्ति श्री वीरेन्‍द्र सिंह, अध्‍यक्ष ।

2. मा0 श्री, चन्‍द्रभाल श्रीवास्‍तव, न्‍यायिक सदस्‍य।

 

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री आलोक कुमार सिंह, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित          :कोई नहीं ।

दिनांक- 09;10;2014

 

मा0 श्री चन्‍द्रभाल श्रीवास्‍तव, न्‍यायिक सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

     

 

      यह पुनरीक्षण, जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, द्वितीय गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या 658/12 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 06.8.2013 के विरुद्ध प्रस्‍तुत किया गया है, जिसके द्वारा जिला फोरम ने संबंधित परिवाद को कालबाधित न पाते हुए विपक्षी के प्रार्थना पत्र को निरस्‍त करते हुए लिखित कथन हेतु 08.10.2013 की तिथि नियत की है।

      उक्‍त प्रश्‍नगत आदेश से विक्षुब्‍ध होकर विपक्षी द्वारा यह पुनरीक्षण इस आधार पर प्रस्‍तुत किया गया है कि अवधि की गणना फीस जमा करने के  दिनांक 28.8.2009 से करनी चाहिए और इस गणना के अनुसार संस्थित किया गया परिवाद स्‍वयं ही कालबाधित हो जाता है।

      हमने पुनरीक्षणकर्ता की बहस सुन ली है । प्रत्‍यर्थी की ओर से बहस की तिथि पर कोई उपस्थित नहीं हुआ है। हमने स्‍वत: अभिलेख का भी अनुशीलन किया।

      अभिलेख के अनुशीलन से स्‍पष्‍ट है कि यद्यपि परिवादी द्वारा 28.8.2009 को फीस जमा की गयी थी, किन्‍तु वास्‍तव में वाद कारण तब उत्‍पन्‍न हुआ जबकि विपक्षी द्वारा फीस वापस नहीं की गयी और 09.10.2012 को परिवादी द्वारा इस आशय की व‍िधिक नोटिस विपक्षी को दी गयी।  उक्‍त नोटिस के दो वर्ष के भीतर ही जिला फोरम में परिवाद प्रस्‍तुत कर दिया गया है। अवधि की गणना वाद कारण उत्‍पन्‍न होने की तिथि से ही की जानी विधिपूर्ण है, ऐसी स्थिति में हमारे विचार से जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया परिवाद कालबाधित नहीं है। जिला फोरम द्वारा पारित प्रश्‍नगत आदेश विधिपूर्ण है।

      परिणामत:, इस पुनरीक्षण में कोई बल नहीं है और यह पुनरीक्षण निरस्‍त किए जाने योग्‍य है। 

 

आदेश

      प्रस्‍तुत पुनरीक्षण निरस्‍त किया जाता है।

      उभय पक्ष इस पुनरीक्षण का अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

      इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार नि:शुल्‍क उपलब्‍ध करा दी जाए।

 

 

(न्‍यायमूर्ति वीरेन्‍द्र सिंह)                        (चन्‍द्र भाल श्रीवास्‍तव)

   अध्‍यक्ष                                                                            सदस्‍य(न्‍यायिक)

    कोर्ट-1

(S.K.Srivastav,PA-2)

 

 

 

 
 
[HON'ABLE MR. JUSTICE Virendra Singh]
PRESIDENT
 
[HON'ABLE MR. Chandra Bhal Srivastava]
MEMBER
 
[HON'ABLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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