Uttar Pradesh

StateCommission

A/1958/2017

M/S Vodafone Mobile Services Ltd - Complainant(s)

Versus

Ravi Kumar - Opp.Party(s)

Shuchita Singh

07 Feb 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1958/2017
( Date of Filing : 31 Oct 2017 )
(Arisen out of Order Dated 02/08/2017 in Case No. C/36/2016 of District Allahabad)
 
1. M/S Vodafone Mobile Services Ltd
Office U.P. East Shalimar Titanium Plot No. T.C. /G-1/1 Vibhuti Khand Gomti Nagar Lucknow 226010 Through it's Authorized Signatory
...........Appellant(s)
Versus
1. Ravi Kumar
S/O Shri Ram Lakhan R/O Vill. Ledhraj POst Jhunsi Tehsil Phoolpur Distt. Allahabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MR. Mahesh Chand MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 07 Feb 2018
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-1958/2017

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, इलाहाबाद द्धारा परिवाद सं0-36/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 02.8.2017 के विरूद्ध)

1-    M/s Vodafone Mobile Service Ltd. Office- U.P. East, Shalimar Titanium Plot No. T.C./G-1/1, Vibhuti Khand, Gomti Nagar, Lucknow- 226010 Through it’s authorized Signatory.

2     Vodafone Care Center, Mahindra Complex, 5 Algin Road, Civil Lines, Allahabad.

                                              ........... Appellants/Opp. Parties

Versus    

1-    Ravi Kumar S/o Shri Ram Lakhan, R/o Village Lekhraj, Post Jhunsi, Tehsil Phoolpur, District Allahabad.

……..…. Respondent/ Complainant

2-    Yogesh Mobiles, Shiv Baran Lal Road, District Allahabad.

3-    M/s R.U. Enterprises, 138-G, 30 M.G. Marg, Civil Lines, Allahabad.

4-    Micromax Informatics Ltd., 21/14A, Phase-II, Narayana Industrial Area, Delhi- 110028.

……..…. Respondents/ Opp. Parties

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष

मा0 श्री महेश चन्‍द, सदस्‍य

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता        : सुश्री सुचिता सिंह

प्रत्‍यर्थी सं0-2 के अधिवक्‍ता     : श्री गौरव श्रीवास्‍तव

दिनांक :-16.7.2018                                           

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय   

परिवाद संख्‍या-36/2016 रवि कुमार बनाम योगेश मोबाइल्‍स व चार अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता प्रतितोष फोरम, इलाहाबाद द्वारा पारित

-2-

निर्णय और आदेश दिनांक 02.8.2017 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

 “परिवादी का परिवाद निम्‍नांकित रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को संयुक्‍त एवं एकांकी रूप से आदेशित किया जाता है कि वह 1 माह के अन्‍दर परिवादी को पुराने मोबाइल को बदलकर नया मोबाइल दें अथवा उक्‍त मोबाइल का मूल्‍य अदा करें। परिवादी विपक्षीगण से मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 1000.00 रू0 तथा वाद व्‍यय के रूप में 1000.00 रू0 पाने का भी अधिकारी है।”

 जिला फोरम के निर्णय से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षीगण मेसर्स वोडाफोन मोबाइल सर्विस सेन्‍टर और वोडाफोन केयर सेन्‍टर की ओर से यह अपील प्रस्‍तुत की गई है।

अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता सुश्री सुचिता सिंह उपस्थित आयी। प्रत्‍यर्थी सं0-2 योगेश मोबाइल्‍स की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री गौरव श्रीवास्‍तव उपस्थित आये। प्रत्‍यर्थीगण सं0-1, 3 व 4 की ओर से नोटिस तामीला के बावजूद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है।

हमने अपीलार्थीगण एवं प्रत्‍यर्थी सं0-2 के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी रवि कुमार ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसने दिनांक 23.6.2015 को माइक्रोमैक्‍स X2411 1250.00 रू0 में विपक्षी से क्रय किया और क्रय करने के बाद उसमें वोडाफोन का सिम कार्ड नम्‍बर 9554897430

-3-

लगाया। सिम लगाने के बाद से प्रत्‍यर्थी/परिवादी के फोन पर स्‍वत: इण्‍टरनेशनल कॉल का चार्ज कटने का मैसेज कभी 14.00 रू0, कभी 20.00 रू0, कभी 28.00 रू0 आता रहा और प्रत्‍यर्थी/परिवादी के बैलेन्‍स से उक्‍त धनराशि कट जाती थी। तब प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने विपक्षी सं0-4 वोडाफोन कस्‍टमर केयर सेंटर को सूचना दी और फोन से विपक्षी सं0-5 सर्किल हेड ऑफिस वोडाफोन को सूचना दी, तो उसे हैण्‍ड सेट चेक कराने की सलाह दी गई। तब दिनांक 28.9.2015 को उसने विपक्षी सं0-2 मेसर्स आर0यू0 इण्‍टर प्राइजेज के यहॉ जो माइक्रोमैक्‍स का अधिकृत सुधारक है, हैण्‍डसेट चेक कराया और उपरोक्‍त घटना बतायी तब उसने हैण्‍डसेट दिल्‍ली भेजने की बात कही और 45 दिन के बाद आने को कहा 45 दिन के बाद जब प्रत्‍यर्थी/परिवादी उसके यहॉ गया तो उसने विपक्षी सं0-3 माइक्रोमैक्‍स इन्‍फोरमेटिक्‍स के द्वारा मोबाइल बदल कर नया मोबाइल देने की बात कही और परिवादी को नया मोबाइल दे दिया।

परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दूसरा मोबाइल जो विपक्षी सं0-3 के द्वारा दिया गया पुन: उसमें इण्‍टरनेशनल कॉल के चार्ज कटने लगे तो इसकी शिकायत पुन: प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने विपक्षी सं0-1 योगेश मोबाइल्‍स, विपक्षी सं0-2 मेसर्स आर0यू0 इण्‍टर प्राइजेज, विपक्षी सं0-4 वोडाफोन दूर संचार/वोडाफोन केयरसेन्‍टर और विपक्षी सं0-5 सर्किल हेड ऑफिस वोडाफोन डिजीलिंग लि0 से की तो उनके कर्मचारी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी को प्‍लान बदलने की बात कहकर वोडाफोन पर केस करने की सलाह दी। अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया।

विपक्षीगण की ओर से जिला फोरम के समक्ष कोई लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं किया गया। अत: जिला फोरम ने परिवाद पत्र के कथन एवं परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरांत यह निष्‍कर्ष निकाला है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी विपक्षी का सद्भावी उपभोक्‍ता है

-4-

और उसके द्वारा क्रय किए गये मोबाइल पर इण्‍टरनेशनल कॉल का चार्ज स्‍वत: बैलेन्‍स से कट जाता है, जो सेवा में कमी है। अत: जिला फोरम ने यह माना है कि परिवादी को पुराना मोबाइल बदलकर नया मोबाइल अथवा मोबाइल का मूल्‍य दिया जाना न्‍याय संगत होगा। अत: जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए उपरोक्‍त प्रकार से आदेश पारित किया है।

जिला फोरम के निर्णय से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षीगण सं04 व 5 वोडाफोन दूर संचार/वोडाफोन केयर सेण्‍टर और सर्किल हेड ऑफिस वोडाफोन डिजीलिंग लिमिटेड, लखनऊ द्वारा अपील प्रस्‍तुत की गई है।

अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि मोबाइल सेट के निर्माता माइक्रोमैक्‍स इन्‍फोरमेटिक्‍स लिमिटेड है। अपीलार्थीगण/विपक्षीगण मोबाइल सेट के निर्मात नहीं हैं। अत: जिला फोरम ने जो मोबाइल सेट बदलकर दूसरा मोबाइल देने का आदेश अपीलार्थी/विपक्षीगण को अन्‍य विपक्षीगण के साथ संयुक्‍त रूप से और एकांकी रूप से दिया है वह उचित नहीं है।

प्रत्‍यर्थी सं0-2 योगेश मोबाइल्‍स के विद्वान अधिवक्‍ता ने अपील का विरोध नहीं किया है।

निर्विवाद रूप से प्रश्‍नगत मोबाइल प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा क्रय किया गया मोबाइल माइक्रोमैक्‍स कम्‍पनी का है, जिसका निर्माता परिवाद का विपक्षी सं0-3 माइक्रोमैक्‍स इन्‍फोमेटिक्‍स लिमिटेड है और विक्रेता प्रत्‍यर्थी/विपक्षी सं0-1 योगेश मोबाइल्‍स है। अपीलार्थी/विपक्षीगण मोबाइल के निर्मात नहीं हैं वे सिम प्रोवाइडर है व उनका कार्य सिम की सेवा से है। परिवाद के अन्‍य विपक्षीगण ने आक्षेपित निर्णय के विरूद्ध कोई अपील नहीं की है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी रवि कुमार ने भी आक्षेपित निर्णय के विरूद्ध कोई अपील नहीं की है। अत: सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरांत हम इस मत के हैं कि जिला फोरम

-5-

ने अपीलार्थी/विपक्षीगण को जो सेट प्रत्‍यर्थी/परिवादी का वर्तमान माइक्रोमैक्‍स सेट बदलकर देने हेतु आदेशित किया है वह उचित नहीं है, परन्‍तु परिवाद पत्र के कथन से स्‍पष्‍ट है कि परिवादी के सिम से इण्‍टरनेशनल कॉल के चार्ज बिना किसी कॉल के कटते रहे है, जो सिम व सम्‍बन्धित मोबाइल कम्‍पनी की सेवा की त्रुटि हो सकती है। अत: जिला फोरम ने जो 1,000.00 रू0 क्षतिपूर्ति और 1,000.00 वाद व्‍यय सभी विपक्षीगण से प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दिलाया है, वह उचित प्रतीत होता है। अपीलार्थी/विपक्षीगण को मानसिक कष्‍ट हेतु क्षतिपूर्ति की इस धनराशि और वाद व्‍यय की इस धनराशि से बरी किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है।

उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपीलार्थी/विपक्षीगण द्वारा प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश आंशिक रूप से इस प्रकार संधोशित किया जाता है कि परिवाद के विपक्षीगण सं0-1, 2 और 3 प्रत्‍यर्थी/परिवादी को उसके पुराने मोबाइल को बदलकर नया मोबाइल दे अथवा उसका मूल्‍य उसे अदा करें। इसके साथ ही अपीलार्थी/विपक्षीगण एवं परिवाद के उपरोक्‍त विपक्षीगण को संयुक्‍त रूप से और एकांकी रूप से आदेशित किया जाता है कि वे जिला फोरम द्वारा आदेशित मानसिक क्षतिपूर्ति की धनराशि 1,000.00 रू0 और वाद व्‍यय की धनराशि 1,000.00 रू0 प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अदा करें।

अपीलार्थीगण/विपक्षीगण को प्रत्‍यर्थी/परिवादी का सेट बदलकर नया सेट या उसका मूल्‍य देने के दायित्‍व से मुक्‍त किया जाता है।

उभय पक्ष अपील में अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

 

     (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)                (महेश चन्‍द)

              अध्‍यक्ष                            सदस्‍य

हरीश आशु.,

कोर्ट सं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Mahesh Chand]
MEMBER

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