Uttar Pradesh

Chanduali

MA/3/2017

Premnath Pandey - Complainant(s)

Versus

Ranjna Sao - Opp.Party(s)

ramsharan

17 Feb 2017

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum, Chanduali
Final Order
 
Miscellaneous Application No. MA/3/2017
In
00
 
1. Premnath Pandey
Viii-Iliya Pargna- Keramgrair Thana- Chakiya Chandauli
Chandauli
UP
...........Appellant(s)
Versus
1. Ranjna Sao
Vill- Tiyra Post-Shahabganj Chandauli
Chandauli
UP
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Ramjeet Singh Yadav PRESIDENT
 HON'BLE MR. Lachhaman Swaroop MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 17 Feb 2017
Final Order / Judgement

 17-2-2017
    पत्रावली पेश हुई। परिवादी के अधिवक्ता उपस्थित। ग्राह्यता के बिन्दु पर परिवादी के अधिवक्ता को सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
    परिवादी ने यह परिवाद इस अभिकथन के साथ प्रस्तुत किया है कि परिवादी कृषक है और खेती-बारी का काम करता है तथा विपक्षीगण एक संयुक्त परिवार के सदस्य है और ग्राम तियरा में विपक्षी संख्या 2 के नाम से राइस मिल लगाये है जहॉं किसानों से धान खरीद कर चावल तैयार करके आयात-निर्यात किया जाता है। विपक्षी संख्या 1 व 3  क्षेत्र के काश्तकारों से धान खरीदकर राइस मिल में लाते है। दिनांक 20-12-2015 को विपक्षी संख्या 1 परिवादी के घर जाकर वहॉं से अपने साधनों से 1300/-रू0 प्रति कुन्तल की दर से 383.8 कुन्तल धान खरीदा जिसकी कीमत रू0 4,46940/- हुई जिसमे से विपक्षी संख्या 1 ने उस समय रू0 80000/- का भुगतान किया और शेष धनराशि का कभुगतान 5 अप्रैल सन् 2016 तक करने का करार किया उक्त समय पर परिवादी ने भुगतान मांगा तो विपक्षी संख्या 1 ने जुलाई सन् 2016 तक भुगतान करने का वादा किया, पुनः उक्त समय पर भुगतान न करके 15 नवम्बर 2016 तक भुगतान करने का वादा किया लेकिन भुगतान नहीं किये और जब दिनांक 30-12-2016 को परिवादी अपनी शेष धनराशि प्राप्त करने के लिए विपक्षी के राइस मिल पर गया तो विपक्षी संख्या 1 ने अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए शेष धनराशि का भुगतान करने से इन्कार कर दिया। समय से भुगतान प्राप्त न होने के कारण परिवादी के फसलों को सही बीज,पानी आदि नहीं मिल सका जिसके कारण उसकी रू0 1,50000/- की क्षति हुई। परिवादी ने विपक्षीगण को कानूनी नोटिस भी दिया लेकिन विपक्षीगण डाकमैन से मिलकर नोटिस वापस करा दिया। अतः परिवादी ने धान के मूल्य की शेष धनराशि रू0 3,66940/- फसल की क्षति की क्षतिपूर्ति हेतु रू0 1,50000/-,भागदौड के खर्च के रूप में रू0 50000/-,वकील का खर्च रू0 5000/-,परिवाद शुल्क रू0 1000/- अर्थात कुल रू0 572940/- क्षतिपूर्ति 18 प्रतिशत वार्षिक व्याज सहित विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु यह दावा दाखिल किया है।
    इस प्रकार परिवादी के अधिवक्ता के तर्को को सुनने एवं पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि प्रस्तुत मामले में परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 को धान बेचा है जिसका बाकी पैसा न मिलने के कारण परिवादी ने यह परिवाद दाखिल किया है। यहॉं मुख्य विचारणीय प्रश्न यही है कि क्या परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में आता है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 2(डी) में उपभोक्ता की जो परिभाषा दी गयी है उसके अनुसार उपभोक्ता वही व्यक्ति माना जायेगा जिसने कोई प्रतिफल देकर कोई माल क्रय किया हो,या प्रतिफल देकर कोई सेवा भाडे पर लिया हो,या उपभोग किया हो। इस प्रकार उपभोक्ता वही व्यक्ति होगा जिसने कोई प्रतिफल देकर कोई वस्तु(माल) या सेवा प्राप्त किया हो। प्रस्तुत मामले में परिवादी ने अपना धान विपक्षी को बेचा है अतः वह विक्रेता की श्रेणी में आता है और उसे फोरम की राय में उपभोक्ता नहीं माना जा सकता है ऐसी स्थिति में फोरम की राय में प्रस्तुत परिवाद के सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस फोरम को प्राप्त नहीं है। अतः परिवादी का परिवाद निरस्त किया जाता है।

सदस्य                                                              अध्यक्ष 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Ramjeet Singh Yadav]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Lachhaman Swaroop]
MEMBER

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