(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील सं0 :- 2202/2015
(जिला उपभोक्ता आयोग, (द्वितीय) लखनऊ द्वारा परिवाद सं0- 95/2014 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22/08/2015 के विरूद्ध)
Executive Engineer, Electricity Distribution Division, Baxi ka talab, LESA, GPRA, Jankiuram UPKENDRA Lucknow.
- Appellant
-
Ram Vilas Mahto (Senior Citizen) R/O Yaman, 13/30, Sahara Estate, jankipuram Lucknow.
समक्ष
- मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
- मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य
उपस्थिति:
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- श्री इसार हुसैन
प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- कोई नहीं
दिनांक:-14.12.2022
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- जिला उपभोक्ता आयोग, (द्वितीय) लखनऊ द्वारा परिवाद सं0 95/2014 राम विलास महतो बनाम अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 22.08.2015 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गयी है। जिला उपभोक्ता मंच ने अंकन 18,587/- यूनिट बिजली की राशि को समायोजित करने के साथ-साथ, मानसिक प्रताड़ना के मद 10,000/- रू0 तथा परिवाद व्यय के रूप में 5,000/- अदा करने का आदेश दिया है।
- अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि परिवादी द्वारा जमा राशि को परिवाद फाइल होने से पूर्व ही समायोजित कर दिया गया। इस तर्क के समर्थन में दस्तावेज सं0 22 व 23 पर मौजूद परिवादी के विद्युत कनेक्शन खाते से संबंधित विवरण की ओर बेंच का ध्यान आकृष्ट किया गया है। इन दस्तावेजों के अवलोकन से जाहिर होता है कि दस्तावेज सं0 22 पर 20,701/- रू0 का बिल था एवं दस्तावेज सं0 23 के अनुसार 6,122/- रू0 हो चुका है। अत: इस प्रकार परिवाद पत्र में वर्णित राशि का समायोजन हो चुका है, इसलिए क्षतिपूर्ति अधिरोपित करने का कोई औचित्य नहीं है। अत: क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय का आदेश अपास्त किया जाना न्यायोचित होगा। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित आदेश इस सीमा तक संशोधित किया जाता है कि मानसिक क्लेश हेतु क्षतिपूर्ति के रूप में 10,000/- रू0 तथा 5,000/- रू0 वाद व्यय की अदायगी का आदेश अपास्त किया जाता है। शेष निर्णय व आदेश की पुष्टि की जाती है।
धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित जिला उपभोक्ता आयोग को नियमानुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाये।
उभय पक्ष अपीलीय वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप आशु0 कोर्ट 2