Uttar Pradesh

StateCommission

A/2335/2014

Tractor & Farm Equip. - Complainant(s)

Versus

Ramashanker Rao - Opp.Party(s)

Arun tandan

10 Feb 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2335/2014
( Date of Filing : 12 Nov 2014 )
(Arisen out of Order Dated 02/06/2014 in Case No. C/146/2012 of District Kushinagar)
 
1. Tractor & Farm Equip.
Chennei
...........Appellant(s)
Versus
1. Ramashanker Rao
Kushinagar
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/2015/2014
( Date of Filing : 30 Sep 2014 )
(Arisen out of Order Dated 02/06/2014 in Case No. C/146/2012 of District Kushinagar)
 
1. Om Sai Aouto Mobiles
Kushinagar
...........Appellant(s)
Versus
1. Ramashanker Rao
Kushinagar
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 10 Feb 2021
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-2335/2014

ट्रैक्‍टर एण्‍ड फार्म इक्विपमेन्‍ट लि0 77 ननगमबक्‍कम हाई रोड

ननगमबक्‍कम चेन्‍नई 600034 द्वारा अथराइज सिगनेचरी।

                                       ...........अपीलार्थी@विपक्षी

बनाम

1.रमाशंकर राव पुत्र नथुनी राव, निवासी रहसू जनाबीपट्टी,

पो0 सरैया महन्‍थपट्टी जिला कुशीनगर।

2. ओम साईं आटो मोबाईल्‍स, एन0एच0 29, फाजिल नगर, पोस्‍ट

फाजिल नगर जिला कुशीनगर द्वारा प्रोपेराइटर।

3.भारतीय स्‍टेट बैंक कृषि विकास शाखा कसया जिला कुशीनगर

द्वारा शाखा प्रबंधक।                        .......प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी

अपील संख्‍या-2015/2014

ओम साईं आटो मोबाईल्‍स, एन0एच0 29, फाजिल नगर, पोस्‍ट

फाजिल नगर जिला कुशीनगर द्वारा प्रोपेराइटर।

                                      ...........अपीलार्थी@विपक्षी

बनाम

1.रमाशंकर राव पुत्र नथुनी राव, निवासी रहसू जनाबीपट्टी,

पो0 सरैया महन्‍थपट्टी जिला कुशीनगर।

2.ट्रैक्‍टर एण्‍ड फार्म इक्विपमेन्‍ट लि0, हुजूर गार्डेन सेमबीमान,

चेन्‍नई द्वारा मैनेजिंग डायरेक्‍टर।

3.भारतीय स्‍टेट बैंक कृषि विकास शाखा कसया जिला कुशीनगर

द्वारा शाखा प्रबंधक।                         .......प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी

 

समक्ष:-

1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अरूण टंडन, विद्वान

                             अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0 1 की ओर से उपस्थित :  श्री आर0के0 मिश्रा, विद्वान

                                अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0 2 की ओर से उपस्थित :  श्री बी0के0 उपाध्‍याय, विद्वान

                                अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0 3 की ओर से उपस्थित :  श्री अंशूमाली सूद, विद्वान

                                अधिवक्‍ता।

-2-

 

 

दिनांक 03.03.2021

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या 146/12 राम शंकर राव बनाम ओेम साईं आटोमोबाइल्‍स कुशीनगर तथा दो अन्‍य में पारित निर्णय/आदेश दि. 02.06.2014 के विरूद्ध अपील संख्‍या 2335/14 ओम साईं आटोमोबाइल्‍स द्वारा प्रस्‍तुत की गई है। जबकि अपील संख्‍या 2015/14 ट्रैक्‍टर एण्‍ड फार्म इक्विपमेंट लि0 यानी विपक्षी संख्‍या 2 द्वारा प्रस्‍तुत की गई है। अत: दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक ही निर्णय से किया जा रहा है। प्रत्‍येक पत्रावली में निर्णय की एक प्रति रखी जाए।

2.   परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 3 से टैफे मेसी फार्गूशन 5245 डी.आई. महामहान ट्रैक्‍टर क्रय करने के लिए चार लाख रूपये का ऋण प्राप्‍त किया था और विपक्षी संख्‍या 1 के पास रू. 668000/- जमा किया। विपक्षी संख्‍या 1 ने 5445 डी.आई. के स्‍थान पर 7250 मेसी फार्गूशन ट्रैक्‍टर परिवादी को उपलब्‍ध कराया। आपत्ति पर विपक्षी संख्‍या 1 ने कहा कि 10-15 दिन के अंदर ट्रैक्‍टर बदल देगा, लेकिन विपक्षी संख्‍या 1 ने ट्रैक्‍टर नहीं बदला और बाद में ट्रैक्‍टर पुराना कहकर बदलने से इंकार कर दिया। दोनों ट्रैक्‍टर की कीमत का अंतर अंकन रू. 108000/- परिवादी को अदा करने के लिए कहा, लेकिन यह धनराशि भी अदा नहीं की गई। दि. 21.06.12 को ट्रैक्‍टर खराब हो गया। परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 1 को इसकी सूचना दी तब विपक्षी संख्‍या 1 ने आश्‍वासन दिया कि रोटरी पम्‍प बदल देगा, क्‍योंकि वह गारंटी पीरियड में है, परन्‍तु रोटरी पम्‍प नहीं बदला गया और उसकी कीमत रू. 81000/- अदा करने पर ही पम्‍प बदलने के लिए कहा गया।

-3-

3.   विपक्षी संख्‍या 1 ने नोटिस प्राप्‍त करने से इंकार कर दिया। विपक्षी संख्‍या 2 की ओर से कोई लिखित कथन प्रस्‍तुत नहीं किया गया। विपक्षी संख्‍या 3 ने कथन किया कि उसका कार्य केवल बैंकिंग से संबंधित है ट्रैक्‍टर की त्रूटि को दूर करने का काम उसका नहीं है।

4.   परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत की गई साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा विपक्षी संख्‍या 1 व 2 को निर्देशित किया गया कि दोनों ट्रैक्‍टर के अंतर का मूल्‍य अंकन रू. 180000/- 6 प्रतिशत ब्‍याज सहित परिवादी को अदा किया जाए। साथ ही रू. 5000/- क्षतिपूर्ति के रूप में अदा करने का भी आदेश दिया गया। इस निर्णय व आदेश को अपीलार्थीगण द्वारा इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विपक्षी संख्‍या 1 ने अपनी स्‍वेच्‍छा से 7250 मेसी फार्गूशन ट्रैक्‍टर खरीदा है। टैफे मेसी फार्गूशन 5245 डी.आई. तथा 7250 डी.आई. के मूल्‍य में कोई अंतर नहीं है। परिवादी द्वारा क्रय किए गए ट्रैक्‍टर का ही पंजीयन का बीमा कराया गया है और बैंक में संतुष्टि पत्र दिया गया है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा दोनों ट्रैक्‍टर के मूल्‍य सूची का अवलोकन किए बिना अंकन रू. 108000/- का अंतर मानकर 6 प्रतिशत ब्‍याज सहित अदा करने का आदेश अवैधानिक रूप से दिया है।

5.   दोनों पक्षकारों को सुना तथा प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश का अवलोकन किया गया।

6.   परिवाद पत्र में वर्णित तथ्‍यों के अनुसार परिवादी ने जो ट्रैक्‍टर क्रय करना स्‍वीकार किया था उसका नाम 5425 डी.आई. महामहान था। इसी ट्रैक्‍टर का कोटेशन प्राप्‍त किया था, परन्‍तु विपक्षी संख्‍या 1 द्वारा 5245 डी.आई. के स्‍थान पर 7250 उपलब्‍ध कराया। इन दोनों ट्रैक्‍टर के मूल्‍य में

-4-

क्‍या अंतर था इस तथ्‍य को जिला उपभोक्‍ता मंच के समक्ष साबित नहीं किया गया है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा सरसरी तौर पर यह निष्‍कर्ष दे दिया गया कि दोनों ट्रैक्‍टर के मूल्‍य में रू. 108000/- का अंतर था।

7.   अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि परिवादी ने जो ट्रैक्‍टर क्रय किया उसका पंजीयन अपने नाम कराया, बीमा कराया, बैंक को पूर्ण संतुष्टि का पत्र दिया, इसलिए यह नहीं माना जाना चाहिए था कि कोई अन्‍य ट्रैक्‍टर क्रय करना तय हुआ। इस पीठ के समक्ष भी दोनों ट्रैक्‍टरों में कीमत का क्‍या अंतर था, यह तथ्‍य साबित नहीं है। यदि परिवादी को सही ट्रैक्‍टर नहीं दिया गया था तब उस ट्रैक्‍टर का बीमा कराने, पंजीयन कराने की आवश्‍यकता नहीं थी।

8.   परिवादी द्वारा गलत ट्रैक्‍टर देने के संबंध में एक प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है, जिस पर अपराध संख्‍या 226/2015 पंजीकरण हुआ, परन्‍तु विवेचना के पश्‍चात क्‍या परिणाम निकला इसके बारे में आयोग को अवगत नहीं कराया गया, अत: माना जा सकता है कि विवेचना के पश्‍चात यह नहीं पाया गया कि परिवादी को जो ट्रैक्‍टर विक्रय किया गया उस ट्रैक्‍टर को क्रय करने का करार नहीं हुआ था और किसी अन्‍य ट्रैक्‍टर को क्रय करने का करार हुआ था।

9.   परिवादी/प्रत्‍यर्थी संख्‍या 1 की ओर से अपने लिखित बहस के साथ दस्‍तावेज संख्‍या 5 प्रस्‍तुत किया गया है, जिसके अवलोकन से ज्ञात होता है कि दि. 25.09.11 को बम्‍पर प्राइज लकी ड्रा रजिस्‍ट्रेशन फार्म भरा गया है, जिसमें बुक किए गए ट्रैक्‍टर का माडल एम.एफ 5245 अंकित है तथा अंकन रू. 11000/- मार्जिन मनी के रूप में दर्शाए गए हैं। इस दस्‍तावेज से यथार्थ में यह तथ्‍य साबित नहीं होता कि दोनों पक्षकारों के मध्‍य एम.एफ. 5245

-5-

माडल के क्रय-विक्रय का करार हुआ हा। दोनों पक्षकारों के मध्‍य क्रय-विक्रय का करार उस ट्रैक्‍टर के लिए माना जाएगा, जिस ट्रैक्‍टर को क्रय करने के पश्‍चात परिवादी द्वारा अपने नाम पंजीकृत करा लिया गया और बीमा करा लिया गया। यदि यथार्थ में दोनों ट्रैक्‍टर की कीमत में अंतर होता है तब परिवादी द्वारा संपूर्ण कीमत अदा नहीं की जाती और यदि संपूर्ण कीमत अदा करने के पश्‍चात भी ट्रैक्‍टर बदलकर दिया जाना था तब दोनों ट्रैक्‍टर की कीमत का अंतर जिला उपभोक्‍ता मंच परिवादी के समक्ष साबित किया जाना चाहिए था।

10.  पीठ द्वारा दोनों ट्रैक्‍टर की कीमत का आन लाइन चेक किया गया और यह पाया कि दोनों ट्रैक्‍टर की कीमत में अंतर नहीं है और यथार्थ में 7250, 5245 डी.आई. से रू. 108000/- सस्‍ता नहीं है, अत: स्‍पष्‍ट है कि जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा बगैर समुचित आधार के यह निष्‍कर्ष दिया गया कि परिवादी द्वारा मेसी फार्गूशन ट्रैक्‍टर 5245 डी.आई. के स्‍थान पर 7250 उपलब्‍ध कराया गया और इनकी कीमत में रू. 108000/- का अंतर था, अत: इस बिन्‍दु पर जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा दिया गया निष्‍कर्ष अपास्‍त होने योग्‍य है।

11.  जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा यह भी निष्‍कर्ष दिया गया है कि रोटरी पम्‍प को बदलकर नया रोटरी पम्‍प विपक्षीगण द्वारा लगवाया जाए। परिवादी ने सशपथ साबित किया गया है कि वारंटी समयावधि के अंदर रोटरी पम्‍प खराब हुआ है। इस तथ्‍य का कोई खंडन पत्रावली पर मौजूद नहीं है, अत: इस संबंध में दिया गया निष्‍कर्ष विधिसम्‍मत है। तदनुसार उपरोक्‍त अपीलें आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।  

 

-6-

आदेश

12.  उपरोक्‍त अपीलें आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि अपीलार्थीगण द्वारा अंकन रू. 108000/- परिवादी को अदा नहीं किए जाएंगे। इस संबंध में दिया गया निर्णय/आदेश अपास्‍त किया जाता है। शेष निर्णय पुष्‍ट किया जाता है।

उभय पक्ष अपना-अपना अपील-व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

     इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाए।

 

         

     (विकास सक्‍सेना)                     (सुशील कुमार)                                                                                                                                                 सदस्‍य                             सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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