Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/2094

Sharad Singh - Complainant(s)

Versus

Ram Khelawan - Opp.Party(s)

Nitin Khanna

18 Dec 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/2094
( Date of Filing : 15 Dec 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Sharad Singh
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Ram Khelawan
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 Dec 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-2094/2010

Sharad Singh S/O Ram Dev

Versus

Ram Khelawan Son of Late Sri Suraj Bali & others

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री नि‍तिन खन्‍ना, विद्धान अधिवक्‍ता    

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित: कोई नहीं

दिनांक :18.12.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.          परिवाद संख्‍या-125/2009, शरद सिंह सुत रामदेव सिंह बनाम रामखेलावन व अन्‍य में विद्धान जिला उपभोक्‍ता आयोग, सुलतानपुर में पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 03.11.2010 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.          जिला उपभोक्‍ता ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि विपक्षी के साथ किसी प्रकार का संविदा होना साबि‍त नहीं है क्‍योंकि यह करार पंजीकृत नहीं है।

3.         परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी वायुसेना का सेवानिवृत्‍त अधिकारी है। परिवादी ने अपने निवास स्‍थान मौजा जहाजपुरी में एक दुर्गा मंदिर बनवाने के लिए विपक्षी शिल्‍पकार से सम्‍पर्क किया। दिनांक 02.03.2009 को एक करार निष्‍पादित हुआ और विपक्षी द्वारा मंदिर निर्माण का पूर्ण ठेका अंकन 1,10,000/-रू0 में परिवादी से लिया। विपक्षी का पूरा दायित्‍व मय पत्‍थर मंदिर कार्य 45 दिन में पूर्ण करने का था। परिवादी को अंकन 20,000/-रू0 अग्रिम पत्‍थर लाने के लिए दिया गया था। शेष धनराशि निर्माण के समय दी जानी थी, परंतु विपक्षी द्वारा कोई कार्य नहीं किया न ही धनराशि वापस लौटायी गयी।

4.          अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि विपक्षी द्वारा अंकन 20,000/-रू0 लेना स्‍वीकार किया गया है। प्रश्‍नगत अनुबंध के लिए पंजीकरण आवश्‍यक नहीं था। यह अनुबंध मौखिक भी हो सकता है। विधि के अंतर्गत स्‍पष्‍ट व्‍यवस्‍था है कि संविदा का लिखित में व्‍यवस्‍था होना आवश्‍यक नहीं है। संविदा मौखिक हो सकती है तथा पंजीकरण केवल अचल सम्‍पत्ति के विक्रय के लिए आवश्‍यक है। ठेके पर कराने के लिए पंजीकरण आवश्‍यक नहीं है। यद्यपि स्‍वैच्‍छा से पंजीकरण कराया जा सकता है, इसलिए पंजीकरण न कराने के आधार पर परिवाद खारिज करने का आदेश अवैधानिक है। परिवादी ने सशपथ साबित किया है कि अंकन 20,000/-रू0 विपक्षी को अदा किये गये थे। इस तथ्‍य को साबित करने के लिए मौखिक साक्ष्‍य भी प्रस्‍तुत किये गये हैं, जिसका उल्‍लेख स्‍वयं जिला उपभोक्‍ता आयोग ने अपने निर्णय में किया है। अनुबंध की प्रति पत्रावली पर एनेक्‍जर सं0 1 के रूप में मौजूद है। अत: इस अनुबंध के अनुसार विपक्षी ने मंदिर निर्माण कार्य नहीं किया, इसलिए अग्रिम राशि परिवादी ब्‍याज सहित वापस प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है। 

आदेश

           अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त किया जाता है। परिवाद इस प्रकार स्‍वीकार किया जाता है कि प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण, अपीलार्थी/परिवादी को अंकन 20,000/-रू0 09 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 60 दिन के अंदर अदा करे। इस अवधि के अंदर अदा न करने की स्थिति में ब्‍याज 12 प्रतिशत की दर से देय होगा।  

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 

   संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

 

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.