Uttar Pradesh

StateCommission

A/2001/2880

Bank of Baroda - Complainant(s)

Versus

Ram Karan - Opp.Party(s)

B. L . Jaiswal, Rajve Jaiswal

15 Mar 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2001/2880
( Date of Filing : 27 Nov 2001 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Bank of Baroda
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Ram Karan
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 15 Mar 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील सं0 :-2880/2001

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, फतेहपुर द्वारा परिवाद सं0-92/1999 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.10.2001 के विरूद्ध)

 

     Branch Manager, Bank of Baroda, Branch Bindki, District Fatehpur.

                                                                                ……….Appellant  

Versus   

  1. Ram Karan, S/O Mohan Lal R/O Janta Block Malwan, Post-Bindki, District Fatehpur.
  2. Branch Manager, United India Insurance Company Ltd. Branch Fatehpur, 4, Collectorganj, Fatehpur, U.P.
  3.                                                                              Respondents  

     समक्ष

  1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य
  2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य

उपस्थिति:

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:- श्री राजीव जायसवाल

प्रत्‍यर्थी सं0 1 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-  कोई नहीं

प्रत्‍यर्थी सं0 2 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-  सुश्री अलका सक्‍सेना

दिनांक:-15.03.2023

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.           परिवाद सं0 92/1999 राम करन बनाम ब्रांच मैनेजर, बैंक आफ बड़ौदा व अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, फतेहपुर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 22.10.2001 के विरूद्ध यह अपील बैंक आफ बड़ौदा द्वारा इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गयी है कि बैंक द्वारा बीमा कम्‍पनी को बीमा क्‍लेम प्रेषित कर दिया गया था तथा दिनांक 26.03.1999 को इस संबंध में पत्र भी लिखा गया, जो पंजीकृत डाक द्वारा प्रेषित किया गया था। प्रत्‍यर्थी सं0 1 खुद लापरवाह रहा है। बैंक के स्‍तर से कोई लापरवाही नहीं हुई है। स्‍वयं प्रत्‍यर्थी सं0 1 ने टैग के साथ क्‍लेम प्रस्‍तुत नहीं किया, इसलिए स्‍वयं परिवादी बीमा क्‍लेम प्राप्‍त करने के लिए लापरवाह रहा है। इसमें बैंक का कोई दोष नहीं है इसलिए जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश के संबंध में अपास्‍त होने योग्‍य है।
  2.           उभय पक्ष को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।
  3.           परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी द्वारा ऋण प्राप्‍त करके एक भैंस क्रय की गयी थी, जिसका बीमा स्‍वयं बैंक द्वारा कराया गया था। इस भैंस की मृत्‍यु होने पर बीमा क्‍लेम प्राप्‍त करने के लिए अनुरोध किया गया, परंतु बैंक द्वारा बीमा क्‍लेम अनुसरित नहीं किया गया, जिसको उपभोक्‍ता मंच ने निष्‍कर्ष दिया है कि बैंक के स्‍तर से सेवा में कमी की गयी है इसलिए बीमित धनराशि पर ब्‍याज बैंक द्वारा वसूल नहीं किया जायेगा। यद्यपि बीमित धनराशि  का भुगतान बीमा कम्‍पनी द्वारा किया जायेगा। अपीलार्थी बैंक के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि प्रत्‍यर्थी सं0 1/परिवादी राम चरन द्वारा हमें कुछ भी उपलब्‍ध नहीं कराया गया, इसलिए प्रकरण बीमा कम्‍पनी को प्रेषित नहीं किया गया। संलग्‍नक सं0 4 के अवलोकन से जाहिर होता है कि बैंक द्वारा प्रत्‍यर्थी सं0 1/परिवादी को एक पत्र लिखा गया, जिसमें उल्‍लेख है कि बीमा क्‍लेम प्राप्‍त करने के लिए संबंधित प्रपत्र टैग आदि बैंक में जमा नहीं कर रहे हैं, इस कारण बैंक बीमा कम्‍पनी को बीमा क्‍लेम अग्रसारित करने में असमर्थ है। पत्रावली पर ऐसा कोई साक्ष्‍य मौजूद नहीं है, जिससे जाहिर होता हो कि बैंक के इस आदेश का अनुपालन किया गया हो। अत: बैंक को सेवा में कमी के लिए उत्‍तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। तदनुसार बैंक द्वारा प्रस्‍तुत की गयी अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।
  4.  

अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को इस प्रकार संशोधित किया जाता है कि बैंक पर अधिरोपित शर्त अपास्‍त की जाती है, परंतु यदि प्रत्‍यर्थी सं0 1/परिवादी द्वारा बीमा क्‍लेम के प्रपत्र टैग सहित बैंक में उपलब्‍ध कराये जाते हैं तब बैंक द्वारा यह क्‍लेम बीमा कम्‍पनी को अग्रसारित किया जायेगा और तदनुसार बीमा कम्‍पनी द्वारा जिला उपभोक्‍ता मंच के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। निर्णय का शेष भाग पुष्‍ट रहेगा।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

(विकास सक्‍सेना)(सुशील कुमार)

  •  

 

     संदीप आशु0कोर्ट नं0 3

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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