Uttar Pradesh

StateCommission

A/2008/1481

Sunit Kumar - Complainant(s)

Versus

Ram Eesh Institute - Opp.Party(s)

S K Sharma

16 Feb 2018

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2008/1481
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Sunit Kumar
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Ram Eesh Institute
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 16 Feb 2018
Final Order / Judgement

मौखिक

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ

 

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम,  गौतमबुद्धनगर द्वारा परिवाद संख्‍या 148 सन 2006 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 10.06.2008  के विरूद्ध)

 

अपील संख्‍या 1481 सन 2008

 

सुनीत कुमार पुत्र श्री आर0पी0 सिह निवासी ग्राम काजीपुर तहसील गाजियाबाद जिला गाजियाबाद ।                                            .......अपीलार्थी/प्रत्‍यर्थी

-बनाम-

 

1. चेयरमैन रामईश इंस्‍टीटयूट आफ इजूकेशन, ग्रेटर नोएडा, जिला गौतमबुद्धनगर।

2.    मैनेजिंग डाइरेक्‍टर रामईश इंस्‍टीटयूट आफ इजूकेशन 3, नालेज पार्क-1, ग्रेटर नोएडा, गौतमबुद्धनगर ।                . .........प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण

 

 

समक्ष:-

मा0   श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन  सदस्‍य।

मा0    श्री गोवर्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  श्री सर्वेश कुमार शर्मा।

प्रत्‍यर्थी   की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  श्री आलोक रंजन।

 

दिनांक:-16.02.2018

 

श्री उदय शंकर अवस्‍थी, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

 

निर्णय

 

     प्रस्‍तुत अपील, जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम गौतमबुद्धनगर द्वारा परिवाद संख्‍या 148 सन 2006 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 10.06.2008 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है।

संक्षेप में, तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी/अपीलकर्ता के कथनानुसार उसने वी0पी0एड0 कोर्स में अध्‍ययन हेतु प्रत्‍यर्थी के विद्यालय में प्रवेश लिया तथा 22040.00 रू0 प्रवेश शुल्‍क के रूप में जमा किए। परिवादी को 36400.00रू0 अतिरिक्‍त जमा करने के लिए कहा गया । परिवादी ने दि0 19.05.2006 को फीस की दूसरी किस्‍त 16400.00 रू0 जमा की किंतु परिवादी को क्‍लास में प्रवेश से रोक दिया गया । परिवादी को 20 हजार रू0 हास्‍टल फीस जमा करने के लिए भी कहा गया इस पर परिवादी ने आपत्ति की कि वह हास्‍टल में नहीं रहता है, अत: हास्‍टल फीस जमा करने का कोई औचित्‍य नहीं है। परिवादी को परीक्षा में सम्मिलित होने हेतु प्रवेश पत्र भी जारी नहीं किया गया। इससे परिवादी का भविष्‍य  प्रभावित हुआ अत: जमा की गयी फीस तथा क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु परिवादी ने जिला मंच के समक्ष परिवाद योजित किया गया।

प्रत्‍यर्थीगण के कथनानुसार परिवादी द्वारा वर्ष 2005-06 में वी0पी0एड कोर्स के लिए पंजीयन शुल्‍क के रूप में 20 हजार रू0 जमा किए थे किंतु कई बार निर्देश के बावजूद परिवादी ने निर्धारित तिथि 30.01.2006 तक अवशेष शुल्‍क 16400.00 रू0 जमा नहीं किए जिसके कारण वह प्रवेश के लिए अपात्र हो गया। परिवादी के लिए वर्ष 2005-06 हेतु 36400.00 रू0 फीस निर्धारित थी। परिवादी कक्षा में भी प्राय: अनुपसित रहा और 118 दिनों की उपस्थिति के स्‍थान पर परिवादी मात्र 06 दिवस ही उपस्थित रहा। परिवादी प्रक्टिकल परीक्षा में भी सम्मिलित नही हुआ। प्रत्‍यर्थी का यह भी कथन है कि पक्षकारों के मध्‍य इकरार नामे के अन्‍तर्गत प्रवेश के उपरांत जमा शुल्‍क वापस पाने के लिए अपीलकर्ता परिवादी अधिकारी नहीं है। जिला मंच ने प्रश्‍नगत निर्णय द्वारा अपीलकर्ता परिवादी का परिवाद निरस्‍त कर दिया ।

हमने अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता श्री सर्वेश कुमार शर्मा तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आलोक रंजन के तर्क सुने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य का अवलोकन किया।

प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता ने टी0कोशी व अन्‍य बनाम लेन चेरिटेबुल ट्रस्‍ट के मामले में मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा दिए गए निर्णय दिनांक 19.04.2012 पर विश्‍वास व्‍यक्‍त किया गया तथा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा दिए गए इस निर्णय के आलोक में प्रश्‍नगत परिवाद सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला मंच को प्राप्‍त नहीं था। उनके द्वारा यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि विद्वान जिला मंच ने पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य का उचित परिशीलन करते हुए तर्कसंगत आधर पर प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया है।

प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा संदर्भित मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा पारित उपरोक्‍त निर्णय के अनुसार शिक्षण संस्‍थाओं में प्रवेश अथवा फीस से संबंधित मामला सेवा में त्रुटि की श्रेणी में नहीं माने जा सकते हैं। शिक्षण संस्‍थायें सेवा प्रदाता नहीं है। ऐसे प्रकरण उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत पोषणीय नहीं है।

मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय पारित उपरोक्‍त निर्णय के आलोक में हमारे विचार से प्रस्‍तुत अपील में बल नहीं है और अपील निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

 

आदेश

 

       प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

उभय पक्ष इस अपील का अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेगें।

      इस निर्णय की प्रति नियमानुसार पक्षकारों को उपलब्‍ध करा दी जाए ।

 

 

 

     

 

(उदय शंकर अवस्‍थी)                         (गोवर्धन यादव)

  पीठासीन सदस्‍य                                                             सदस्‍य

    कोर्ट-3

 (S.K.Srivastav,PA)

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER

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