(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0 2147/2010
Agriculture Insurance Company of India
Versus
Raj Kumar Son of Late Raghav Ram & others
एवं
अपील संख्या-1337/2010
Raj Kumar aged about 59 years & others
Versus
Prabhandak, Allahabad U.P. Gramin Bank & others
समक्ष:-
1. माननीय सुशील कुमार, सदस्य
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :श्री आनंद भार्गव, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री ए0के0 मिश्रा, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :13.12.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-19/2006, राजकुमार व कृष्ण कन्हैया व अन्य बनाम प्रबन्धक त्रिवेणी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक व अन्य में विद्वान जिला आयोग, मीरजापुर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 25.06.2010 के विरूद्ध अपील सं0 2147/2010 बीमा की ओर से प्रस्तुत की गयी है, जबकि अपील सं0 1337/2010 स्वयं परिवादीगण की ओर से प्रस्तुत की गयी है। चूंकि दोनों अपीलों एक ही निर्णय से प्रभावित हैं। अत: दोनों अपीलों का निस्तारण एक साथ किया जा रहा है। अपीलार्थी एवं प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। पत्रावली एवं प्रश्नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता आयोग ने तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर फसल में 50 प्रतिशत की हानि मानते हुए क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है।
3. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि उनके द्वारा फसल की हानि होने पर अंकन 1,68,47,681.70/-रू0 बैंक में जमा कराये जा चुके हैं, इसलिए परिवादी बैंक से अपने अनुपात के अनुसार क्षतिपूर्ति की राशि प्राप्त कर सकता है, चूंकि बीमा कम्पनी द्वारा क्षेत्र में फसल के नुकसान के मद में अंकन 1,68,47,681.70/-रू0 बैंक में जमा कराये जा चुके हैं। अत: परिवादी को जो क्षति कारित हुई है, बैंक उस क्षति को इस निर्णय में पारित आदेश के अनुसार समायोजित करे। तदनुसार अपील सं0 2147/2010 आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है। परिवादी द्वारा अपील सं0 1337/2010 मे पूर्ण राहत हेतु अपील प्रस्तुत की गयी है, परंतु पूर्ण राहत हेतु बढ़ोत्तरी का कोई आधार नहीं है। तदनुसार अपील सं0 1337/2010 खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपील सं0-2147/2010 आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि बीमा कम्पनी द्वारा उनके बैंक मे जो 1,68,47,681.70/-रू0 जमा कराये गये हैं, उस राशि मे से आनुपातिक रूप से परिवादी को जो क्षति कारित हुई है, उस क्षति की पूर्ति करते हुए परिवादी के ऋण खाते में समायोजित किया जाए।
अपील सं0-1337/2010 खारिज की जाती है।
इस निर्णय व आदेश की मूल प्रति अपील सं0-2147/2010 में रखी जाये एवं इसकी प्रमाणित प्रतिलिपि सम्बंधित अपील सं0-1337/2010 में रखी जाये।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
उपरोक्त अपीलों में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट नं0-2