राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-1215/2002
(जिला फोरम, प्रथम, आगरा द्वारा परिवाद संख्या-174/2000 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 31-12-2001 के विरूद्ध)
1-The Senior General Manager (Customer Service), M/s Sterling Holiday Resort (India) Limited at Head Office-217, T.T.K, Road, Chennai-600 018 (Tamil Nadu).
2- The Senior Manager, M/s Sterling Holiday Resort (India) Limited, (Regional Office) R-23, Ist Foor, Greater Kailash, Part-I, New Delhi-110 048.
3- The Manager, M/s Sterling Holiday Resort (India) Limited, No.8, Block No-8, Block No.33, Ist Floor, Sanjay Place, Agra.
Appellants No. 1,2 and 3 through General Power of Attorney Holder, Mr. Mukesh Pahwa, Deputy Zonal Manager Sales, R-23 Greater Kailash Part-I, New Dilhi-110 048.
अपीलार्थी/विपक्षीगण
बनाम्
Raj Kumar Agarwal, S/o Late S.P. Agarwal, (Advocate), R/o E-215, Kamla Nagar, Agra-5.
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष :-
1- मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2- मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
1- अपीलार्थी की ओर से उपस्थित – कोई नहीं।
2- प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित - श्री आर0 के0 गुप्ता।
दिनांक : 02-12-2015
मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय :
अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री आर0 के0 गुप्ता उपस्थित।
मौजूदा केस में जिला मंच ने यह आदेश किया है कि परिवादी ने 13,500/-रू0 जो जमा किया है उसको 15 प्रतिशत ब्याज सहित दिलाया है और 2,000/-रू0 क्षतिपूर्ति भी दिलायी है और यह कहा कि यदि 45 दिन के अंदर आदेश का अनुपालन नहीं होता है तो विपक्षीगण 18 प्रतिशत उक्त रकम पर ब्याज अदा करेंगे।
इस संबंध में प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुनने के उपरांत हम यह पाते हैं कि जिला मंच के द्वारा जो 13,500/-रू0 पर 15 प्रतिशत ब्याज दिलाया गया है वह न्यायोचित है किन्तु जो हर्जाना जो लगाया गया है वह समाप्त होने योग्य है एवं समय से अनुपालन न करने की स्थिति में जो 18 प्रतिशत ब्याज लगाया गया है वह भी समाप्त किये जाने योग्य है।
तद्नुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्धान जिला मंच द्वारा जो 13,500/-रू0 पर 15 प्रतिशत ब्याज लगाया गया है वह पुष्टि किये जाने योग्य है। किन्तु उक्त धनराशि समय से अदा न करने पर जो 18 प्रतिशत ब्याज दिलाये जाने का आदेश जो पारित किया गया है वह निरस्त किया जाता है एवं क्षतिपूर्ति 2000/-रू0 दिलाये जाने के आदेश को भी निरस्त किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वयं वहन करेंगे।
( राम चरन चौधरी ) ( बाल कुमारी )
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट नं0-5 प्रदीप मिश्रा