Uttar Pradesh

StateCommission

A/2011/507

N I A Co - Complainant(s)

Versus

R V Singh - Opp.Party(s)

Harpal Singh Chaddha

04 May 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2011/507
( Date of Filing : 24 Mar 2011 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. N I A Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. R V Singh
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 04 May 2022
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील सं0- 507/2011

The New India Assurance Co. Ltd. having its Registered Office at The New India Assurance Building, 87- Mahatma Gandhi Marg, Ford, Mumbai, Branch Office at 26/41-43, Thapar House, Birhana Road, Kanpur & having its Legal Cell at 94- M/G. Marg, Opposite Raj Bhawan, Hazratganj, Lucknow.  

                                                                                              ………..Appellant

 

                                                        Versus

R.V. Singh, Son of Late Sri Ramvrat singh, resident of House No. 222-A, Adarsh Nagar, Jajmau, Kanpur Nagar.

                                                                                       …………Respondent

समक्ष:-

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से : श्री आई0पी0एस0 चड्ढा, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से   : श्री आलोक सिन्‍हा, विद्वान अधिवक्‍ता।   

                       

दिनांक:- 04.05.2022

 

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

 

निर्णय

1.        परिवाद सं0- 489/2008ए आर0बी0 सिंह बनाम दि न्‍यू इंडिया एश्‍योरेंस कं0लि0 में जिला उपभोक्‍ता आयोग, रमाबाई नगर द्वारा पारित निर्णय व आदेश दि0 20.01.2011 के विरुद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

2.        अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आई0पी0एस0 चड्ढा और प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री आलोक सिन्‍हा को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परिशीलन किया गया।  

3.        अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि सर्वेयर ने केवल 2,000/-रू0 क्षति का आंकलन किया है। दुर्घटना के बाद वाहन में जो क्षतियां कारित हुई हैं उसके अलावा वाहन की अन्‍य मरम्‍मत करायी है, इसलिए बीमा कम्‍पनी अन्‍य मरम्‍मत का कोई धन अदा करने के लिए उत्‍तरदायी नहीं है। यह भी कथन किया है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा ब्‍याज दर अत्‍यधिक उच्‍च दर से दिलायी गई है।

4.        गैराज द्वारा प्रस्‍तुत किए गए एस्‍टीमेट तथा भुगतान की गई धनराशि की रसीदों से जाहिर होता है कि वाहन की मरम्‍मत तथा डेंटिंग-पेंटिंग से सम्‍बन्धित खर्च का ही भुगतान किया गया है। दुर्घटना में हुई क्षति के अलावा वाहन में अन्‍य कोई मरम्‍मत कार्य नहीं कराया गया है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग ने जो 08 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से ब्‍याज प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दिलाया  है वह ब्‍याज दर अत्‍यधिक उच्‍च प्रतीत होती है, जिसे कम कर ब्‍याज दर 06 साधारण वार्षिक किया जाना उचित प्रतीत होता है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

5.        अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश इस सीमा तक परिवर्तित किया जाता है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ब्‍याज दर 08 प्रतिशत साधारण वार्षिक के स्‍थान पर  06 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से ब्‍याज अपीलार्थी/विपक्षी से पाने का अधिकारी होगा। शेष निर्णय व आदेश की पुष्टि की जाती है।

          अपील में धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित इस निर्णय व आदेश के अनुसार जिला उपभोक्‍ता आयोग को निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।    

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

                                 

    (सुशील कुमार)                           (विकास सक्‍सेना)

       सदस्‍य                                    सदस्‍य

 

शेर सिंह, आशु0

कोर्ट नं0- 2    

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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