राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-700/2006
सुपरिटेन्डेन्ट आफ पोस्ट आफिसेस व एक अन्य।
.....अपीलार्थीगण@विपक्षीगण
बनाम
राधा कृष्ण गुप्ता पुत्र श्री श्रीकृष्ण गुप्ता निवासी ग्राम सुपासी
पोस्ट आफिस बंथर जिला उन्नाव। .......प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री श्रीकृष्ण पाठक, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 22.02.2023
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या 215/03 राधा कृष्ण गुप्ता बनाम पोस्ट मास्टर एवं अन्य में पारित निर्णय व आदेश दिनांक 25.01.2006 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. परिवादी का यह कथन रहा है कि उसके बचत खाते से अंकन रू. 20000/- तक फर्जी हस्ताक्षर बनाकर निकाल लिए गए। जिला उपभोक्ता मंच उन्नाव द्वारा इस तथ्य को स्वीकार करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को आदेशित किया है कि परिवादी को अंकन रू. 20000/- का भुगतान किया गया।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि स्वयं परिवादी द्वारा खाते से पैसा निकाला गया है। इस तर्क के समर्थन में
-2-
खाता मिलाने की तिथि को किए गए नमूना हस्ताक्षर तथा निकासी के हस्ताक्षर की प्रतियां भी पीठ के समक्ष प्रस्तुत की गई हैं। इन दोनों हस्ताक्षरों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि राधा कृष्ण गुप्ता द्वारा जो नमूना हस्ताक्षर खाता खोलते समय किया गया है वह हस्ताक्षर निकासी के समय मौजूद नहीं है। एक स्थान पर राधा कृष्ण लिखा गया है, जबकि हस्ताक्षर करते समय राध के पश्चात Krishna शब्द अंकित किया गया है व निकासी के समय बायीं तरफ केवल राधा Kishan लिखा गया है, इसलिए दोनों हस्ताक्षरों में भिन्नता है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। यद्यपि 18 प्रतिशत के स्थान पर 07 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अदा करने का आदेश उचित है।
आदेश
4. अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि केवल ब्याज दर 07 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से देय होगा। शेष निर्णय पुष्ट किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार) सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-3