(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या : 491 /2019
(जिला उपभोक्ता फोरम, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद संख्या-128/2015 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 23-02-2019 के विरूद्ध)
Bulandshahar Khurja Development Authority (B.K.D.A.), Presently Bulandshahr Development Authority, Office Yamunapuram, Pragna-Baran, Distt. Bulandshahr through its Secretary.
.....अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम्
Pyarelal S/o Late Shri Chunnilal, R/o Old House No. 511, New House No. 726/2016, Devipura 1st, Pargana, Tehsil and District-Bulandshahar.
समक्ष :-
1- मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष ।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री मुकुट बिहारी त्रिपाठी।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- श्री संजय कुमार वर्मा।
दिनांक : 22-07-2019
मा0 न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित निर्णय
परिवाद संख्या-128/2015 प्यारेलाल बनाम् सचिव, बुलन्दशहर खुर्जा विकास प्राधिकरण हाल बुलन्दशहर विकास प्राधिकरण आफिस यमुना पुरम, परगनावरन तहसील व जिला बुलन्दशहर में जिला
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उपभोक्ता फोरम, बुलन्दशहर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 23-02-2019 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
जिला फोरम ने आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है :-
‘’ परिवादी का परिवद विपक्षी के विरूद्ध इस शर्त के साथ स्वीकार किया जाता है कि विपक्षी परिवादी के पक्ष में आवंटित 128 वर्ग मीटर के प्रश्नगत भूखण्ड की तत्समय निर्धारित धनराशि अंकन 89,600/- के सापेक्ष तत्समय जमा धनराशि अंकन 13,440/- एवं अंकन 8980/-रू0 का समायोजन करने के बाद अंकन 67,180/-रू0 तथा उक्त धनराशि पर 10 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से ब्याज भी जोड़कर जमा कराकर प्रश्नगत भूखण्ड का पंजीकृत विक्रय पत्र/लीज डीड (जो अनुमन्य रहा हो) 30 दिन के अंदर निष्पादित करके दे। यदि उक्त भूखण्ड वर्तमान में किसी के द्वारा क्रय कर लिया गया हो तो विकल्प में विपक्षी की यमुनापुरम आवासीय योजना में उपलब्ध अन्य कोई भूखण्ड उपरोक्त धनराशि के शर्त के प्रकाश में परिवदी को आवंटित कर अनुमन्य विलेख निष्पादित करे। परिवादी विपक्षी से वाद व्ययके रूप में अंकन 2000/-रू0 तथा मानसिक पीड़ा के एवज में अंकन 10,000/-रू0 अतिरिक्त तौर पर प्राप्त करेगा।“
जिला फोरम के निर्णय व आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी सचिव, बुलन्दशहर खुर्जा विकास प्राधिकरण ने यह अपील प्रस्तुत की है।
अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री मुकुट बिहारी त्रिपाठी उपस्थित आये हैं। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री संजय कुमार वर्मा उपस्थित आए है।
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मैंने उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
प्रत्यर्थी की ओर से लिखित तर्क भी प्रस्तुत किया गया है।
मैंने प्रत्यर्थी के लिखित तर्क का भी अवलोकन किया है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध इस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि उसने वर्ष् 1992 में विपक्षी के यहॉं आवासीय भूखण्ड हेतु निर्धारित रजिस्ट्रेशन धनराशि अंकन 8980/-रू0 चालान संख्या-1061 के द्वारा दिनांक 24-09-1992 को जमा किया, जिसके बाद अपीलार्थी/विपक्षी ने एक आवासीय भूखण्ड उसके लिए आरक्षित किया और पत्रांक-01144/वि0प्र0/य0पु0आ0यो0 फेज द्धितीय/92-93 दिनांक 09-01-1993 के द्वारा पत्रावली संदर्भ संख्या-22/170/730 के संबंध में प्रत्यर्थी/परिवादी को सूचित किया कि भूखण्ड संख्या-701 उसे श्रेणी-73 सी में आरक्षित किया गया है। अत: अंकन 13,440/-रू0 बुलन्दशहर खुर्जा विकास प्राधिकरण के पक्ष में वह जमा करे। तब प्रत्यर्थी/परिवादी ने दिनांक 24-02-1993 को रू0 13,440/- विपक्षी प्राधिकरण के नाम जमा कर दिया।
परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि विपक्षी प्राधिकरण द्वारा पत्र दिनांक 09-01-1993 में यह कहा गया था कि शेष किश्तों के संबंध में विवरण शीघ्र भेजा जा रहा है, परन्तु किस्तों का विवरण नहीं भेजा गया, अत: इन्तजार करने के पश्चात उसने यू0पी0सी0 पत्र दिनांक 31-07-1993 व दिनांक 04-09-1993 के द्वारा विपक्षी प्राधिकरण से किस्तों के द्वारा सूचना चाही तो उसे कोई जवाब नहीं दिया गया। प्रत्यर्थी/परिवादी विपक्षी प्राधिकरण के आफिस गया तो वहॉं भी उसे कोई जानकारी नहीं दी गयी तब उसने रजिस्टर्ड पोस्ट से दिनांक 20-08-2000 व दिनांक 04-11-2000 को आवंटन के संबंध में अवगत कराने हेतु विपक्षी प्राधिकरण को पत्र भेजा, परन्तु उसे कोई जवाब नहीं दिया गया। तब प्रत्यर्थी/परिवादी ने दिनाक 24-04-2015 को
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विपक्षी प्राधिकरण के सचिव को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजा, परन्तु नोटिस का भी कोई जवाब नहीं दिया गया। अत: विवश होकर उसने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया है।
जिला फोरम के आक्षेपित निर्णय में उल्लेख किया है कि अपीलार्थी/विपक्षी की ओर से जिला फोरम के समक्ष विद्धान अधिवक्ता उपस्थित हुए है परन्तु लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया गया है। अत: जिला फोरम ने उभयपक्ष के तर्क को सुनकर परिवाद पत्र एवं प्रत्यर्थी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर आक्षेपित निर्णय और आदेश पारित किया है, जो ऊपर अंकित है।
अपीलार्थी/विपक्षी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय तथ्य, साक्ष्य और विधि विधि है और परिवाद कालबाधित है। अपील स्वीकार कर जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपास्त किये जाने योग्य है।
प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश साक्ष्य और विधि के अनुकूल है। यह कहना गलत है कि परिवाद कालबाधित है।
मैंने उभयपक्ष के तर्क पर विचार किया है।
जिला फोरम के निर्णय से स्पष्ट है कि अपीलार्थी/विपक्षी की तरफ से लिखित कथन जिला फोरम के समक्ष नहीं प्रस्तुत किया गया है। विवाद के उचित निर्णय हेतु यह आवश्यक है कि अपीलार्थी/विपक्षी को अपना लिखित कथन जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाये और जिला फोरम उभयपक्ष को साक्ष्य व सुनवाई का अवसर देकर पुन: निर्णय विधि के अनुसार पारित करे।
अपीलार्थी/विपक्षी से सात हजार रूपया हर्जा प्रत्यर्थी/परिवादी को दिलाया जाना भी वाद की परिस्थितियों में आवश्यक है।
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उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर अपील स्वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी को सात हजार रूपया हर्जा अदा करने पर अपास्त किया जाता है तथा पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि जिला फोरम अपीलार्थी/विपक्षी को इस निर्णय में निश्चित हाजिरी की तिथि से एक मास के अंदर लिखित कथन प्रस्तुत करने का अवसर दे और उसके बाद उभयपक्ष को साक्ष्य व सुनवाई का अवसर देकर पुन: निर्णय व आदेश विधि के अनुसार पारित करेगा।
लिखित कथन प्रस्तुत करने हेतु अपीलार्थी/विपक्षी को उपरोक्त अवसर के बाद आगे समय नहीं दिया जायेगा।
प्रत्यर्थी/परिवादी को हर्जा की उपरोक्त धनराशि 7,000/-रू0 का भुगतान अपीलार्थी द्वारा धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 के अन्तर्गत अपील में जमा धनराशि से किया जायेगा।
उभयपक्ष जिला फोरम के समक्ष दिनांक 30-08-2019 को उपस्थित हों।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
कोर्ट नं0-1 प्रदीप मिश्रा, आशु0