Uttar Pradesh

Chanduali

CC/08/2014

Mohammd Safi - Complainant(s)

Versus

Purvanchal Vydoot Vitaran Nigam LTD - Opp.Party(s)

Kameshwar Nath Mishra

29 Apr 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/08/2014
 
1. Mohammd Safi
Rewasa,Janso ki Marai Chandauli
Chandauli
up
...........Complainant(s)
Versus
1. Purvanchal Vydoot Vitaran Nigam LTD
CHANDAULI
Chandauli
UP
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. jagdishwar Singh PRESIDENT
 HON'BLE MR. Markandey singh MEMBER
 HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 08                                सन् 2014ई0
मु0 सफी पुत्र स्व0 घुरा नाऊ निवासी रेवसां पो0 जन्र्सो की मडई जिला चन्दौली।
                                      ...........परिवादी                                                                                                                                    बनाम
अधिशासी अभियन्ता/नियत प्राधिकारी विद्युत वितरण खण्ड प्रथम/पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लि0 चन्दौली।
                                            .............................विपक्षी
उपस्थितिः-
माननीय श्री जगदीश्वर सिंह, अध्यक्ष
माननीया श्रीमती मुन्नी देवी मौर्या सदस्या
माननीय श्री मारकण्डेय सिंह, सदस्य
                               निर्णय
द्वारा श्री जगदीश्वर सिंह,अध्यक्ष
1-    परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षी द्वारा भेजे गये विद्युत बिल मु0 49121/- दिनांकित 20-10-2013 को माफ करने के साथ ही मानसिक परेशानी एवं क्षतिपूर्ति हेतु मु0 10,000/-दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
2-    परिवादी की ओर से संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादी का मकान विपक्षी के विद्युत पोल से 400 मीटर की दूरी पर है। परिवादी ने दिनांक 27-5-1998 को बत्ती पंखा के लिए मु0 200/-जमा कर विपक्षी से विद्युत  कनेक्शन लिया जिसकी रसीद विपक्षी द्वारा परिवादी को दी गयी।परिवादी विद्युत कनेक्शन की रसीद प्राप्त करने के पश्चात विपक्षी के यहाॅं जाता रहा किन्तु विपक्षी द्वारा चार खम्भे गाडकर एवं तार खीचकर परिवादी का विद्युत कनेक्शन नहीं जोडा गया। दिनांक 25-5-2008 को विपक्षी द्वारा परिवादी को प्रेषित मु0 16134/- का विद्युत बिल प्राप्त हुआ, जिससे परिवादी परेशान हो गया और प्रार्थना पत्र के साथ बिल को लेकर विपक्षी से मिला किन्तु विपक्षी  द्वारा उसको कोई समुचित उत्तर नहीं दिया गया। परिवादी के प्रार्थना पत्र पर विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी परन्तु उसे पुनः उपरोक्त बिल को जोडते हुए दिनांक 20-10-2013 को मु0 49121/- का दूसरा बिल प्राप्त हो गया। परिवादी ने दिनांक 30-11-2013 को प्रार्थना पत्र के साथ दूसरा बिल विपक्षी के यहाॅं प्रस्तुत किया किन्तु विपक्षीगण द्वारा परिवादी के प्रार्थना पत्र एवं उपरोक्त बिल पर कोई सुनवाई नहीं किये। अतः परिवादी ने विपक्षीगण द्वारा प्रेषित उपरोक्त बिलों को निरस्त करते हुए विद्युत कनेक्शन जोडने हेतु प्रार्थना किया गया है।
3-    विपक्षीगण को  इस फोरम द्वारा रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजी गयी जो विपक्षीगण पर तामिल भी हुई किन्तु विपक्षीगण न तो हाजिर आये एवं न ही अपना जबाबदावा प्रस्तुत किये। अतः यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एक पक्षीय सुना गया।
4-    परिवादी की ओर से फेहरिस्त के साथ साक्ष्य के रूप में विपक्षी को दिये गये प्रार्थना पत्र की छायाप्रति कागज संख्या 4/1,विद्युत बिल की रसीद 4/2,गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार का कार्ड 4/3,प्रार्थना पत्र की 
                                                                                     2
छायाप्रति 4/4ता 4/5,ग्रामप्रधान का प्रमाण पत्र 4/6,विद्युत बिल की प्रति 4/7 तस 4/9 दाखिल किया गया है।
5-    हम लोगों ने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के एक पक्षीय बहस को सुना है तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का भलीभांति परिशीलन किया है। 
6-    वाद पत्र के कथन से यह प्रकट होता है कि परिवादी ने अपने घर में बत्ती पंखा का कनेक्शन लेने के लिए विपक्षी विद्युत विभाग के यहाॅं मु0 200/शुल्क जमा किया। परिवादी का कथन है कि उसका घर विद्युत पोल से 400 मीटर की दूरी पर है। विपक्षी विद्युत विभाग द्वारा खम्भा गाडकर एवं तार खीचकर उसको विद्युत कनेक्शन कभी प्रदान नहीं किया गया लेकिन उसे दिनांक 25-5-08को मु0 16,134/- का विद्युत बिल एवं दिनांक 20-10-2013 को दूसरा विद्युत बिल मु0 49121/- का प्राप्त हुआ है जिसको निरस्त कराने हेतु दावा प्रस्तुत किया गया है जो कि हम लोगों के विचार से संधारणीय नहीं है क्योंकि परिवादी के कथनानुसार ही उसको विपक्षीगण द्वारा कोई विद्युत कनेक्शन प्रदान नहीं किया गया है। परिवादी को यदि नियमित तौर पर कोई विद्युत कनेक्शन प्राप्त नहीं हुआ है तो उसे विद्युत विभाग का उपभोक्ता नहीं माना जा सकता है ऐसे में परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद चलने योग्य नहीं है और खारिज किये जाने योग्य है।
                                आदेश
    प्रस्तुत परिवाद खारिज किया जाता है।

(मारकण्डेय सिंह)       (मुन्नी देबी मौर्या)                   (जगदीश्वर सिंह)
   सदस्य                सदस्या                           अध्यक्ष
                                                    दिनांक 29-4-2015

 
 
[HON'BLE MR. jagdishwar Singh]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Markandey singh]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Munni Devi Maurya]
MEMBER

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