(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1284/2013
प्रोपराइटर/पार्टनर, इन्द्रा हॉण्डा, निकट सदर चौराहा, अजीत नगर, इलाहाबाद फैजाबाद रोड, प्रतापगढ़
बनाम
प्रशान्त सिंह पुत्र श्री योगेन्द्र प्रताप सिंह, निवासी ग्राम व पोस्ट सराय आनादेव, परगना सदर तहसील लालगंज, प्रतापगढ़ तथा एक अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री सुशील कुमार शर्मा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित : श्री शिव कुमार सिंह,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 28.08.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0-342/2011, प्रशांत सिंह बनाम प्रोपराइटर इन्द्रा होण्डा तथा दो अन्य में विद्वान जिला आयोग, प्रतापगढ़ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15.5.2013 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री सुशील कुमार शर्मा तथा प्रत्यर्थी सं0-1 के विद्वान अधिवक्ता श्री शिव कुमार सिंह को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
2. विद्वान जिला आयोग ने विपक्षी सं0-1 व 2 के विरूद्ध परिवाद स्वीकार करते हुए आदेशित किया है कि वाहन सं0-यू.पी. 72 यू. 6664 को मरम्मत करके सही हालत में परिवादी को वापस प्रदान करने का आदेश दिया है तथा विकल्प में अंकन 52 हजार रूपये का नया दोपहिया वाहन तथा विफलता पर अंकन 52 हजार रूपये वापस लौटाने का आदेश भी पारित किया है और परिवाद विपक्षी सं0-3 के विरूद्ध परिवाद खारिज किया है।
-2-
3. इस निर्णय/आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि चूंकि वाहन में निर्माण संबंधी कोई त्रुटि नहीं है, इसलिए वाहन को परिवर्तित करके परिवादी को वापस लौटाने का आदेश पारित नहीं किया जा सकता, परन्तु आदेश के अवलोकन से जाहिर होता है कि प्रथम आदेश वाहन की मरम्मत करने के संबंध में है, इस आदेश में किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं है, क्योंकि वाहन की मरम्मत करने का दायित्व अपीलार्थीगण पर है, इसलिए इस दायित्व की पूर्ति करने के आदेश के विरूद्ध उन्हें अपील से कोई सहायता प्राप्त नहीं हो सकती। शेष जो आदेश पारित किया गया है, वह वैकल्पिक है। मुख्य आदेश वाहन की मरम्मत करने का है, जिसमें किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं है। तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
उभय पक्ष स्वंय अपना-अपना व्यय भार वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय/आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
दि. 28.8.2023
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2