Uttar Pradesh

Faizabad

CC/211/2001

Rohit Kumar - Complainant(s)

Versus

POST MASTER - Opp.Party(s)

16 Oct 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/211/2001
 
1. Rohit Kumar
Rudauli Faizabad
...........Complainant(s)
Versus
1. POST MASTER
RUDOLI FAIZABAD
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद । 
    

 

 

 

़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़                    ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़उपस्थितिः-(1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
                            (2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या                            (3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य


                परिवाद सं0-211/2001

    रोहित कुमार (नाबालिग) बबिलायत हरिश्चन्द्र कौशल (पिता स्वयं) निवासी नयागंज पो0 नयागंज कस्बा रूदौली जिला फैजाबाद                   ....................परिवादी    

                    बनाम

1-    मुख्य डाक अधीक्षक महोदय फैजाबाद।
2-    पोस्ट मास्टर, पोस्ट आफिस नयागंज कस्बा रूदौली जिला फैजाबाद।
                                             ................... विपक्षीगण

 

निर्णय दिनाॅंक 16.10.2015
                
                           निर्णय 

उद्घोषित द्वारा: श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष

परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध जमाशुदा धनराशि एवं क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु योजित किया है।

संक्षेप में परिवादी का केस इस प्रकार है कि परिवादी रोहित कुमार नाबालिग है और परिवादी उसका पिता है। परिवादी के पिता ने परिवादी के नाम से पोस्ट आफिस नयागंज कस्बा रूदौली जनपद फैजाबाद में मु0 50=00 की दर से आवर्ती जमा योजना खाता  संख्या-61421  माह नवम्बर वर्ष 1991 में खोला था। परिवादी द्वारा उक्त खाता 


                    (  2  )

में नियमित रूप से मु0 50=00 प्रतिमाह की दर से अगस्त 1993 तक कुल मु0 1,050=00 जमा किया था। परिवादी ने दि0 17.08.93 को पास बुक में नियमित जमा धनराशि की प्रविष्टि हेतु विपक्षी सं0-2 के आफिस में जमा करके रसीद प्राप्त किया परन्तु परिवादी की पास बुक विपक्षी सं0-2 द्वारा आज तक नहीं वापस की गयी। इस कारण परिवादी द्वारा उक्त खाता में माह अगस्त 1993 के बाद धन भी नहीं जमा हो सका। परिवादी द्वारा कई बार विपक्षी सं0-2 के कार्यालय में जाकर पास बुक वापस देने का निवेदन किया, परन्तु प्रत्येक बार विपक्षी सं0-2 द्वारा इधर उधर का बहाना बना कर टाल देते रहे। परिवादी विपक्षी सं0-2 द्वारा दिये गये समय पर उनके कार्यालय में पहुॅंचता रहा, परन्तु हमेशा एक न एक बहाने पर टालते रहे और अन्त में दि0 15.09.01 को भुगतान देने से स्पष्ट रूप से इन्कार कर दिया। 

विपक्षीगण ने अपने जवाब में कहा कि परिवादी के खाते में दि0 30.11.91 तक कुल मु0 1,050=00 जमा किया गया था उसके बाद उस खाते में कोई राशि जमा नहीं की गयी। वर्तमान परिवाद की नोटिस दि0 26.12.01 को उत्तरदाता विपक्षी के कार्यालय में प्राप्त होने के उपरान्त् सम्बन्धित डाकघर, अधीक्षक डाकघर बाराबंकी, पोस्ट मास्टर बाराबंकी तथा उप डाकपाल रूदौली से खाते के विषय में विस्तृत जानकारी माॅंगी गयी और उपरोक्त धाराओं में वर्णित तथ्यों की जानकारी प्राप्त होते ही परिवादी को पत्र सं0-एफ.7/01-02 दि0 01.02.2002 द्वारा सूचित किया गया कि वह धन प्राप्त करने हेतु आवश्यक प्रपत्र भरकर डाकघर में प्रस्तुत करके भुगतान प्राप्त करे किन्तु परिवादी ने खाते का भुगतान प्राप्त करने के लिए निर्धारित प्रपत्र भरकर डाकघर में प्रस्तुत नहीं किया इसलिए उसका भुगतान नहीं किया गया। प्रश्नगत खाता खोलते समय परिवादी की जन्मतिथि 03.02.1982 दर्शायी गयी जिसके अनुसार दि0 03.02.2000 में परिवादी वयस्क हो चुका है। इसलिए प्रवर अधीक्षक डाकघर फैजाबाद द्वारा परिवादी को निर्देशित किया गया कि वह आवश्यक प्रपत्र द्वारा खाते का भुगतान प्राप्त कर ले। परिवाद प्रस्तुत करते समय परिवादी वयस्क हो चुका था इसलिए अवयस्क के रूप में प्रस्तुत किया गया परिवाद चलने योग्य नहीं है।  
    
मैं पत्रावली का अवलोकन किया तथा परिवादी एवं विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी। इस परिवाद में परिवादी रोहित कुमार नाबालिग है। रोहित कुमार अब बालिग हो गया है। उसके बालिग होने के सम्बन्ध में कोई तरमीम प्रार्थना-पत्र देकर परिवाद में तरमीम नहीं किया गया है। परिवादी ने रोहित कुमार का 


                    (  3  )

मु0 50=00 प्रतिमाह की दर से आर0डी0 का खाता सं0-61421 माह नवम्बर 1991 में खोला था और यह खाता माह अगस्त 1993 तक चलाया। परिवादी का कुल रू0 1,050=00 जमा हुआ है। विपक्षी से अपने जमा धनराशि के निकासी के लिए कहा जाना परिवादी ने कहा है। परिवादी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि किस तारीख को विपक्षीगण के यहाॅं विड्राल फार्म डाला था। जब तक परिवादी अपने आर0डी0 के लिए मु0 1,050=00 के निकासी के लिए विड्राल फार्म नहीं देगा तब तक विपक्षीगण उक्त धनराशि की अदायगी नहीं कर सकता है। परिवादी ने ऐसा कोई साक्ष्य भी नहीं दिया है जिससे स्पष्ट हो कि विपक्षी के यहाॅं परिवादी ने विड्राल फार्म को विपक्षीगण ने अस्वीकार किया हो या धन देने से मना किया हो बल्कि विपक्षीगण ने दि0 14.12.2001 को पत्र लिखा जो कागज सं0-16/1 है कि रूदौली उप डाकघर प्रवर अधीक्षक, डाकघर फैजाबाद मण्डल के अधीन हो गया है इसलिए सम्मन प्रवर अधीक्षक डाकघर फैजाबाद को भेजना सुनिश्चित करें। मेरे विचार से परिवादी अपना पैसा प्राप्त करने का अधिकारी है और विपक्षी देने को भी तैयार है। विपक्षी की सेवा में कोई कमी नहीं पायी गयी इसलिए परिवादी वाद व्यय पाने का अधिकारी नहीं है। इस प्रकार परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है।


आदेश 
    
    परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाता है। परिवादी अपना विड्राल फार्म विपक्षीगण के यहाॅं प्रस्तुत करेगा। विपक्षीगण परिवादी को मु0 1,050=00 तथा पोस्ट आफिस में जो ब्याज निर्धारित है उस ब्याज की दर से ब्याज अदायगी की तिथि तक का जोड़ कर अदा करेगा। परिवादी को आदेशित किया जाता है कि अपना विड्राल फार्म निर्णय एवं आदेश की तिथि से एक माह के अन्दर विपक्षीगण के यहाॅं प्रस्तुत करेगा। विपक्षीगण परिवादी द्वारा विड्राल फार्म प्रस्तुत करने पश्चात् तत्काल भुगतान की कार्यवाही सुनिश्चित करेगा। 

    
( विष्णु उपाध्याय )        ( माया देवी शाक्य )         (  चन्द्र पाल  )
             सदस्य                 सदस्या                 अध्यक्ष

 


                               (  4  )

                
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 16.10.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया। 


           (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)              ( चन्द्र पाल )
                सदस्य                 सदस्या                      अध्यक्ष    

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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