Dileep Bansal filed a consumer case on 29 May 2024 against PNB in the Bareilly-I Consumer Court. The case no is CC/82/2021 and the judgment uploaded on 29 May 2024.
Uttar Pradesh
Bareilly-I
CC/82/2021
Dileep Bansal - Complainant(s)
Versus
PNB - Opp.Party(s)
29 May 2024
ORDER
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- प्रथम बरेली
उपस्थित- 1- राधेश्याम यादव अध्यक्ष
2- श्रीमती मुक्ता गुप्ता सदस्या
3- प्रशान्त मिश्रा सदस्य
परिवाद संख्या- 82 सन् 2021
दिलीप कुमार बंसल पुत्र स्व0 श्री ओम प्रकाश बंसल प्रोपाइटर बंसल टी कम्पनी श्यामगंज, बारादरी, बरेली-243001
प्रति
रीजनल मैनेजर, पंजाब नेशनल बैंक, मण्डल कार्यालय पीलीभीत बाईपास निकट पवन विहार कालोनी, बरेली
शाखा प्रबन्धक, पंजाब नेशनल बैंक, श्यामगंज, बरेली 243001
परिवाद संस्थित होने की तिथिः09.03.2021
निर्णय उद्घोषित करने की तिथिः29.05.2024
परिवादी के अधिवक्ता- सुनील कुमार मित्तल
विपक्षी संख्या 2 के अधिवक्ता-1.निर्देश भान सिंह चौहान
2.प्रवेश कुमार सक्सेना
3.पंकज दिक्षित
परिवादी दिलीप कुमार बंसल ने रुपये 4,90,000/- की ब्याज सहित धनराशि विपक्षीगण से दिलाये जाने हेतु परिवाद संस्थित किया है।
परिवाद के संक्षिप्त कथानक के अनुसार परिवादी का चालू खाता (करेन्ट अकाउन्ट) विपक्षी पंजाब नेशनल बैंक शाखा श्यामगंज बरेली मे है। विपक्षी संख्या-1 रीजनल मैनेजर द्वारा विपक्षी संख्या-2 की कार्य प्रणाली को निगरानी करने के कारण शिकायत के निवारण हेतु पूर्णतः उत्तरदायी है। ग्राहक (उपभोक्ता) द्वारा निवेशित धनराशि को सुरक्षित संरक्षित रखने हेतु विपक्षी बैंक उत्तरदायी है। दिनांक 05/01/2021 को परिवादी अपने करेन्ट अकाउन्ट की प्रवष्टि की जानकारी हेतु विपक्षी बैंक के कस्टमर केयर पर मोबाइल फोन से वार्ता किया। कस्टमर केयर प्रतिनिधि से वार्ता के क्षणिक उपरान्त ही परिवादी के करेन्ट अकाउन्ट से दस-दस हजार रुपये डेबिट होने का मैसेज मोबाइल पर आने लगा। परिवादी द्वारा विपक्षी बैंक शाखा प्रबन्धक से सम्पर्क करके खाता संचालन रोकने हेतु तत्काल आग्रह किया गया। विपक्षी की उदासीनता एंव बैंक खाता संचालन मे रोक लगाने मे विलम्ब के कारण 32 डेबिट ट्रांजैक्सन के माध्यम से परिवादी के करेन्ट अकाउन्ट से रुपये 3,20,000/- डेबिट हो गया। परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या-1 को प्रश्नगत करेन्ट अकाउन्ट से फ्राड रोकने के आग्रह के बावजूद भी निराकरण नही किया गया। परिवादी ने दिनांक 05/01/2021 को विपक्षीगण को उक्त बैंक खाता से नेट बैंकिंग एंव एटीएम ट्रांजैक्सन रोकने का आग्रह किया था। परिवादी के आग्रह के बावजूद भी दिनांक 06/01/2021 को परिवादी के करेन्ट अकाउन्ट से पुनः दस-दस हजार रुपये की धनराशि 11 बार नेट बैंकिग के माध्यम से डेबिट करते हुए विपक्षी की उदासीनता से रुपये 1,10,000/- निकाल लिया गया। परिवादी के करेन्ट अकाउन्ट से धोखाधडी करके धन निकासी होने के बावत दिनांक 06/01/2021 को थाना बारादरी, बरेली मे प्राथमिकी पंजीकृत कराये जाने के बावजूद भी उसी दिन रुपये 1,10,000/- फ्राडुलेन्ट ढंग से निकाल लिया गया। विपक्षीगण की उदासीनता के कारण फ्राड करके परिवादी के करेन्ट अकाउन्ट से रुपये 4,30,000/- निकाल लिया गया। विपक्षीगण की उदासीनता. उपेक्षा एंव ग्राहक सेवा मे त्रुटि के कारण परिवादी को शारीरिक कष्ट, मानसिक संताप तथा आर्थिक क्षति कारित हुई। वाद व्यय एंव अन्य मद को सम्मिलित करते हुए परिवादी ने रुपये 4,90,000/- की ब्याज सहित धनराशि विपक्षीगण से दिलाये जाने की याचना किया है।
सूची कागज संख्या 6 से विधिक नोटिस की प्रति, पंजीकृत डाक रसीद, ट्रांजैक्सन की इण्टरनेट प्रति तथा आधार कार्ड की छायाप्रति कागज संख्या 7/1 लगायत 7/5 को परिवादी ने प्रलेखीय साक्ष्य के रुप मे प्रस्तुत किया है। परिवादी ने शपथपत्र पर मौखिक साक्ष्य के साथ सूची कागज संख्या-15 से प्रश्नगत करेन्ट अकाउन्ट के विवरण की छायाप्रति, रिजर्व बैंक आफ इण्डिया के नोटिफिकेसन की छायाप्रति, बैंक को सम्बोधित शिकायती प्रार्थनापत्र की छायाप्रति तथा प्राथमिकी की प्रति क्रमशः 16/1 लगायत 16/15 को भी साक्ष्य के रुप मे प्रस्तुत किया है।
विपक्षीगण की तरफ से प्रस्तुत उत्तरपत्र के माध्यम से परिवाद के कथानक को अंशतः स्वीकार करते हुए दिनांक 05/01/2021 को उसके करेन्ट अकाउन्ट से किये गये फ्राड की विवेचना परिपूर्ण होने की प्रतीक्षा किये बिना ही परिवादी द्वारा दिनांक 06/01/2021 को पुनः खाता संचालक हेतु आवेदन करके स्वयं उदासीनता की गई। परिवाद पोषणीय नही है। विपक्षी बैंक द्वारा किसी ग्राहक के बैंक खाते की जानकारी अन्य किसी को नही दी जाती है। खाता धारक के पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर बैंक द्वारा प्रेषित ओ.टी.पी. मात्र 5 से 10 मिनट तक वैध रहने की अवधि मे ही ओ.टी.पी. बताने पर धन निकासी हो सकती है। परिवादी ने दिनांक 05/01/2021 को अपना खाता फ्रीज कराकर फ्राड की जाँच की प्रतीक्षा किये बिना ही पुनः खाता संचालन हेतु स्वयं उत्तरदायी है। परिवादी द्वारा पंजीकृत करायी गयी प्राथमिकी की विवेचना सम्बन्धित थाना के साइबर सेल में लम्बित है। विपक्षी द्वारा परिवादी के साथ न तो कोई फ्राड किया गया है और न ही सेवा मे त्रुटि की गई है।
विपक्षी की तरफ से साहिना बानो वरिष्ठ शाखा प्रबन्धक ने शपथपत्र पर मौखिक साक्ष्य के साथ सूची कागज संख्या-31 से परिवादी के प्रश्नगत करेन्ट अकाउन्ट के विवरण की छायाप्रति कागज संख्या 32/1 एंव 32/2 को प्रलेखीय साक्ष्य के रुप मे प्रस्तुत किया है।
उभयपक्ष के विद्वान अधिवक्ता के विद्वतापूर्ण तर्क को सुना तथा पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क के अनुसार फ्राड के माध्यम से उसके करेन्ट अकाउन्ट से धनराशि डेबिट होने के मैसेज आने पर खाता संचालन को रोकने के आग्रह के बावजूद भी विपक्षीगण की उदासीनता एंव उपेक्षा तथा विहित सेवा मे त्रुटि के कारण परिवादी के उक्त खाता से पुनः धनराशि डेबिट होने से रुपये 4,30,000/- की धनराशि धोखाधडी से निकाल ली गई। परिवादी के प्रश्नगत करेन्ट अकाउन्ट से फ्राड करके रुपये 4,30,000/- की धनराशि हैकर्स द्वारा निकाल लिये जाने के तथ्य को स्वयं विपक्षीगण द्वारा स्वीकार किया गया है।
विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता के तर्क के अनुसार परिवाद के प्रस्तर-1 मे अंकित करेन्ट अकाउन्ट नम्बर मे एक अंक का लोप है। प्रश्नगत फ्राड के बावत पंजीकृत प्राथमिकी के विवेचक को पक्षकार नही बनाया गया है। परिवाद के प्रस्तर 9 एंव 10 मे “मेरे मुवक्किल ” शब्द अंकित होने से उक्त परिवाद को परिवादी द्वारा स्वयं प्रस्तुत न करके, अपितु अधिवक्ता के माध्यम से संस्थित किया जाना परिलक्षित होता है। परिवादी ने प्रश्नगत फ्राडुलेन्ट ट्रांजैक्सन की विवेचना के परिणाम की प्रतीक्षा किये बिना ही अपरिपक्व स्तर पर परिवाद संस्थित किया है। परिवादी के पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर ओ.टी.पी. की सूचना तथा उक्त ओ.टी.पी. के पृष्ठांकन के बिना प्रश्नगत खाते से धननिकासी होने का औचित्य नही है। परिवादी के बैंक खाता से प्रश्नगत फ्राडुलेन्ट ट्रांजैक्सन मे विपक्षीगण की कोई भूमिका नही है।
परिवाद के सम्यक विनिश्चयन हेतु निम्नलिखित अवधारण बिन्दु सृजित किये गये-
क्या परिवादी के प्रश्नगत बैंक खाता से अभिकथित फ्राडुलेन्ट ट्रांजैक्सन होने मे विपक्षीगण का कोई उत्तरदायित्व है?
क्या परिवादी के पक्ष मे कोई अनुतोष अनुमन्य है?
निस्तारण अवधारण बिन्दु संख्या I- विपक्षी पंजाब नेशनल बैंक, शाखा श्यामनगर, बरेली में परिवादी को चालू खाता धारक होना स्वीकृत एंव निर्विवाद तथ्य है। परिवादी के उक्त खाता से दो तिथियो मे क्रमशः दस-दस हजार रुपये के 43 फ्राडुलेन्ट डेबिट ट्रांजैक्सन के माध्यम से रुपये 4,30,000/- की धनराशि आहरित कर लिये जाने का तथ्य भी निर्विवाद है। सम्बन्धित ग्राहक एंव उपभोक्ता द्वारा निवेशित धनराशि के संरक्षण तथा विधि अनुसार सम्व्यवहार हेतु विपक्षी बैंक दायित्वाधीन है। विधि विरुद्ध अथवा फ्राडुलेन्ट ट्रांजैक्सन से खाताधारक को कारित आर्थिक क्षति की स्थिति मे सम्बन्धित बैंक को दायित्व से अभिमुक्ति प्रदान नही की जा सकती है। परिवादी के प्रश्नगत करेन्ट अकाउन्ट मे निवेशित धनराशि को सुरक्षित एंव संरक्षित रख पाने मे विफलता से परिवादी को कारित आर्थिक क्षति हेतु विपक्षी बैंक दायित्वाधीन है। अभिकथित फ्राडुलेन्ट ट्रांजैक्सन को रोक न पाने के कारण तथा परिवादी की धनराशि सुरक्षित तथा संरक्षित न रख पाने से विपक्षीगण की उदासीनता एंव त्रुटि स्वतः परिलक्षित है। अवधारण बिन्दु संख्या-I तद्नुसार निस्तारित किया जाता है।
निस्तारण अवधारण बिन्दु संख्या II- विपक्षीगण की उदासीनता एंव त्रुटि के कारण परिवादी को रुपये 4,30,000/- की क्षति कारित होना सुस्पष्ट है। परिवादी को कारित उक्त आर्थिक क्षति के अतिरिक्त मानसिक संताप होना एंव अन्य व्यय होना भी स्वाभाविक है। वाद व्यय एंव अन्य मद मे रुपये 10,000/- तथा फ्राडुलेन्ट ट्रांजैक्सन रुपये 4,30,000/- को सम्मिलित करते हुए रुपये 4,40,000/- की धनराशि ब्याज सहित धनराशि की प्रतिपूर्ति विपक्षीगण द्वारा परिवादी को किया जाना न्यायोचित है। उक्त धनराशि विपक्षीगण द्वारा नियमानुसार सम्बन्धित बीमा कम्पनी से अथवा फ्राडुलेन्ट ट्रांजैक्सन करने वाले से वसूल की जा सकती है। अवधारण बिन्दु संख्या-II तदनुसार निस्तारित करते हुए परिवाद अंशतः स्वीकार किये जाने योग्य है।
परिवाद अंशतः स्वीकार करते हुए विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि निर्णीत धनराशि रुपये 4,40,000/- को परिवाद संस्थित होने के दिनांक से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 5 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज सहित दो माह की अवधि के अंतर्गत नियमानुसार परिवादी के प्रश्नगत चालू खाता (करेन्ट अकाउन्ट) मे क्रेडिट किया जाना सुनिश्चित करे। उक्त भुगतान की गई धनराशि को सम्बन्धित बीमा कम्पनी से अथवा फ्राडुलेन्ट ट्रांजैक्सन करने वाले से नियमानुसार वसूल करने हेतु विपक्षीगण स्वतन्त्र है।