सुरक्षित
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या- 1593/2016
(जिला उपभोक्ता फोरम सम्भल द्वारा परिवाद संख्या- 21/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 04-07-2016 के विरूद्ध)
Siyaram Motors Private Limited, Through Owner/Manager, B-16, Sikandra Industrial area side, A.N.H-2, Agra-282007.
अपीलार्थी
बनाम
1- Pawan Kumar Gupta, S/o Lala Ram Gupta, R/o 85, Ram Kamal Vila, Avas Vikas Colony, Chandoshi, District-Sambal, U.P.
प्रत्यर्थी/परिवादी
2- Tata Motors, Through Managing Director/President, N.D.C. Customer Spot, P.C.V.B, Pune, Maharastra.
3- Mascot Motors, Through Manager, Authorized Work Shop of Tata Motors, Delhi Road, Moradabad.
4- Balaji Motors, Through Manager, Authorized Centre of Tata Motors, Dehli Road, Moradabad. प्रत्यर्थीगण
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री जे0 एन0 मिश्रा
प्रत्यर्थी सं०1 की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री एस०पी० पाण्डेय
प्रत्यर्थी सं० 2 की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश चड्ढा
अपील संख्या- 189/2019
Tata Motors Limited, Having its Regd. Office at : Bombay House, 18 Homy Mody Street, Fort, Mumbai, and its Branch/Correspondence office at : Deva Road, Chinhat, Lucknow.
अपीलार्थी
बनाम
1- Pawan Kumar Gupta, S/o Lala Ram Gupta, R/o 85, Ram Kamal Vila, Avas Vikas Colony, Chandoshi, District-Sambal, U.P.
प्रत्यर्थी/परिवादी
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2- Siyaram Motors Private Limited, B-16, Sikandra Industrial area side, A.N.H-2, Agra-282007 Through Director/Manager
3- Mascot Motors, Delhi Road, Moradabad.
4- Balaji Motors, Delhi Road, Moradabad.
प्रत्यर्थीगण
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश चड्ढा
प्रत्यर्थी सं०1 की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री एस०पी० पाण्डेय
प्रत्यर्थी सं०2 की ओर से उपस्थित: विद्वान अधिवक्ता श्री जे०एन० मिश्रा
प्रत्यर्थीगण सं० 3 व 4 की ओर से: कोई उपस्थित नहीं।
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष
दिनांक: 16-08-2019
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
परिवाद संख्या– 21 सन् 2016 पवन कुमार गुप्ता बनाम टाटा मोटर्स लि0 व तीन अन्य जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, सम्भल ने निर्णय और आदेश दिनांक 04-07-2016 के द्वारा आंशिक रूप से स्वीकार करते हुये निम्न आदेश पारित किया है:-
" परिवाद आंशिक रूप से विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वह प्रश्नगत कार के बदले दो माह में परिवादी को नई टाटा आर्या कार उपलब्ध करायें अथवा परिवादी को 1672062/- रूपया 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित और 2000/-रू० वाद व्यय अदा करें। "
जिला फोरम के निर्णय से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी संख्या-1 टाटा मोटर्स लि0 ने उपरोक्त अपील संख्या- 189/2019 टाटा मोटर्स लि0 बनाम
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पवन कुमार गुप्ता व तीन अन्य और परिवाद के विपक्षी संख्या-2 सियाराम मोटर्स प्राइवेट लि० ने उपरोक्त अपील संख्या-1593/2016 सियाराम मोटर्स प्रा०लि० बनाम पवन कुमार गुप्ता व तीन अन्य प्रस्तुत की है।
दोनों अपीलें जिला फोरम के एक ही निर्णय के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी हैं। अत: दोनों अपीलों का निस्तारण एक साथ संयुक्त निर्णय व आदेश के द्वारा किया जा रहा है।
उपरोक्त अपील संख्या- 1593/2016 में अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री जे०एन० मिश्रा एवं प्रत्यर्थी संख्या-1 की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री एस०पी० पाण्डेय उपस्थित आए हैं। प्रत्यर्थी संख्या- 2 की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश चड्ढा उपस्थित आए हैं।
प्रत्यर्थीगण संख्या-3 और 4 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।
उपरोक्त अपील संख्या- 189/2019 में अपीलार्थी टाटा मोटर्स लि0 की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश चड्ढा और प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री एस०पी० पाण्डेय उपस्थित आए हैं। प्रत्यर्थी संख्या-2 सियाराम मोटर्स प्रा०लि० की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री जे०एन० मिश्रा उपस्थित आए हैं। प्रत्यर्थीगण संख्या– 3 और 4 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।
मैंने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
मैंने अपील संख्या- 1593/2016 में अपीलार्थी की ओर से प्रस्तुत लिखित तर्क का भी अवलोकन किया है।
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दोनों अपीलों के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार हैं कि प्रत्यर्थी/परिवादी पवन कुमार गुप्ता ने उपरोक्त परिवाद संख्या- 21/2016 विपक्षीगण, 1- टाटा मोटर्स प्रा०लि०, 2- सियाराम मोटर्स प्रा०लि०, 3- मस्तक मोटर्स, और 4- बालाजी मोटर्स, के विरूद्ध इस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि विपक्षी संख्या-2 सियाराम मोटर्स प्रा०लि० ने विपक्षी संख्या-1 टाटा मोटर्स प्रा०लि० द्वारा निर्मित टाटा आर्या कार की तारीफ की जिससे प्रभावित होकर उसने दिनांक 28-08-2012 को उक्त कार की बुकिंग विपक्षी संख्या-2 को 03,72,062/-रू० देकर कराया और दिनांक 30-08-2012 को एक लाख रूपया उसके खाते में जमा किया। उसके बाद शेष धनराशि 12,00,000/-रू० पंजाब नेशनल बैंक, शाखा चन्दौसी से ऋण स्वीकृत कराकर विपक्षी संख्या-2 के खाते में हस्तांतरित कराया। तब दिनांक 26-09-2012 को उसे उपरोक्त विपक्षी संख्या-1 टाटा मोटर्स प्रा०लि० द्वारा निर्मित टाटा आर्या वाहन सुपुर्दगी में दिया गया और वाहन की डिलीवरी आर्डर, बीमा एवं ओनर्स मैन्यूअल एवं सर्विस बुक भी उपलब्ध करायी गयी तथा विपक्षी संख्या-2 द्वारा कहा गया कि वाहन का बीजक व फार्म विपक्षी संख्या-1 से दो दिन बाद मंगाकर उसे उपलब्ध करा दिया जाएगा। परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का कथन है कि वाहन का म्यूजिक सिस्टम कार्य नहीं कर रहा था तब विपक्षी संख्या-2 ने उसे दो दिन में बदलने का आश्वासन दिया और कुछ खाली कागजों पर हस्ताक्षर कराए और कहा कि उसका अस्थायी रजिस्ट्रेशन आर०टी०ओ० आगरा के कार्यालय से कराकर दो दिन के अन्दर उपलब्ध करा दिया जाएगा, परन्तु विपक्षी संख्या-2 ने प्रत्यर्थी/परिवादी को अस्थायी रजिस्ट्रेशन प्रपत्र फार्म नं० 21 व 22 व बीजक आदि प्रपत्र समय से उपलब्ध नहीं कराया जिसके कारण प्रत्यर्थी/परिवादी
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को आर०टी०ओ० कार्यालय मुरादाबाद में विलम्ब शुल्क के रूप में 10,000/-रू० जमा करना पड़ा।
परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि विपक्षी संख्या-2 द्वारा उसे बेचा गया वाहन प्रारम्भ से ही कार्य नहीं कर रहा था। चलते-चलते बन्द हो जाना, तेल का उपभोग अधिक करना, तरह-तरह की आवाजें वाहन से आना, इंजन का जल्दी गर्म हो जाना आदि समस्याएं वाहन में व्याप्त थीं। कई बार विपक्षी संख्या-2 के स्तर से वाहन के दोषों का दूर करने की कोशिश की गयी और पुर्जों के पैसे लिये गये फिर भी वाहन का दोष दूर नहीं हुआ।
परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि दिनांक 25-08-2013 को उसकी प्रश्नगत कार अलीगढ़ नगर में बन्द हो गयी तब प्रत्यर्थी/परिवादी ने टोल-फ्री नम्बर पर विपक्षी संख्या- 2 को वाहन खराब होने की सूचना दी तब विपक्षी संख्या-2 ने उसे अवगत कराया कि विपक्षी संख्या-3 को विपक्षी संख्या-1 व 2 द्वारा वर्कशाप के रूप में अधिकृत केन्द्र बनाया गया है। इस कारण विपक्षी संख्या-3 के कार्यालय पर वाहन को ले जाकर खड़ा कर दे। वाहन की विधिवत मरम्मत कर दी जाएगी। तब प्रत्यर्थी/परिवादी ने क्रेन से खिंचवाकर वाहन को विपक्षी संख्या-3 के कार्यालय पर दिनांक 25-08-2013 को पहुँचाया। उसके बाद दिनांक 26-08-2013 को विपक्षी संख्या-3 द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी का अवगत कराया गया कि वाहन की टाइमिंग बेल्ट टूटी हुयी है जिसकी मरम्मत हेतु विपक्षीगण संख्या– 1 व 2 की परमीशन प्राप्त करना होगा। उसके बाद ही वाहन में कोई कार्य करना सम्भव होगा। पुन: दिनांक 28-08-2013 को विपक्षी संख्या-3 ने प्रत्यर्थी/परिवादी को अवगत कराया कि विपक्षी संख्या-1 व 2 द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी को 2010 माडल वाली डेमो कार
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विक्रय कर दी गयी है जो दो वर्ष पुरानी है। इस कारण टाइमिंग बेल्ट बदलना अथवा उसे ठीक करना कदापि सम्भव नहीं है। डेमो कार की कोई गारन्टी अथवा वारन्टी नहीं होती है।
परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि विपक्षीगण के कृत्यों से तंग आकर उसने जिला फोरम द्धितीय मुरादाबाद में परिवाद संख्या-111/2013 योजित किया। परिवाद लम्बन अवधि में ही विपक्षीगण ने प्रत्यर्थी/परिवादी के निवास पर आकर आश्वासन दिया वह वाहन की समस्या का निराकरण कर देंगे। इस पर विपक्षीगण के आश्वासन पर सन्तुष्ट होकर उसने अपना परिवाद खारिज करा लिया और उसके बाद विपक्षीगण से अनेकों बार अनुरोध किया परन्तु उन्होंने वाहन की समस्या का समाधान नहीं किया। तब उसने प्रश्नगत कार के स्थान पर नयी कार दिये जाने अथवा धनराशि वापस किये जाने का अनुरोध किया। तब विपक्षीगण ने उसके निवास पर आकर उसकी समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया और दिनांक 20-09-2015 को विपक्षीगण के तीन अधिकारी उसके निवास पर आए। तब परिवादी ने कहा कि प्रश्नगत कार डेमो कार है जो उसे दी गयी है। अत: कार को बदला जाए, परन्तु उन्होंने कार बदलने से इन्कार कर दिया। अत: क्षुब्ध होकर प्रत्यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत कर अपनी प्रश्नगत कार के स्थान पर नई टाटा आर्या कार उपलब्ध कराने अथवा विक्रय मूल्य 16,72,062/-रू० रजिस्ट्रेशन शुल्क के साथ 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से दिलाए जाने का अनुरोध किया है। साथ ही मानसिक और आर्थिक कष्ट हेतु क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय भी मांगा है।
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विपक्षीगण पर समन का तामीला पर्याप्त माना गया है फिर भी विपक्षीगण उपस्थित नहीं हुए हैं और न ही लिखित कथन विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत किया गया है। अत: जिला फोरम ने विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से करते हुए आक्षेपित आदेश पारित किया है जो ऊपर अंकित है।
अपील संख्या- 1593/2016 में अपीलार्थी सियाराम मोटर्स लि0 के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने जिला फोरम के समक्ष गलत कथन के साथ परिवाद प्रस्तुत किया है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने जिला फोरम के समक्ष 111/2013 अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध प्रस्तुत किया था जो जिला फोरम ने आदेश दिनांक 06-07-2015 के द्वारा पैरवी न किये जाने के आधार पर निरस्त कर दिया है। इस कारण अपीलार्थी/विपक्षी जिला फोरम के समक्ष अपना लिखित कथन प्रस्तुत नहीं कर सका है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी को मात्र 12,00,000/-रू० का भुगतान किया है और पुरानी कार जानबूझकर क्रय किया है। जिला फोरम का निर्णय व आदेश तथ्य एवं विधि के विरूद्ध है और अपास्त किये जाने योग्य है।
अपील संख्या- 189/2019 अपीलार्थी टाटा मोटर्स लि0 के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम ने जो उसके विरूद्ध निर्णय और आदेश पारित किया है वह तथ्य और विधि के विरूद्ध है। प्रश्नगत वाहन में कोई निर्माण संबंधी दोष नहीं है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रत्यर्थी संख्या-2 सियाराम मोटर्स प्रा0 लि0 ने प्रत्यर्थी/परिवादी को पुरानी डेमो कार बेंची है जिसके लिए अपीलार्थी निर्माता कम्पनी टाटा मोटर्स को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। अपीलार्थी निर्माता कम्पनी की सेवा में कोई कमी नहीं
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है। अत: जिला फोरम ने जो अपीलार्थी निर्माता कम्पनी टाटा मोटर्स लि0 के विरूद्ध आदेश पारित किया है उसे अपास्त किया जाना आवश्यक है।
प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश तथ्य और विधि के अनुकूल है। विपक्षी संख्या-2 सियाराम मोटर्स प्रा०लि० ने प्रत्यर्थी/परिवादी को नई टाटा आर्या कार के स्थान पर पुरानी डेमो कार नई बताकर बेंचा है, जो सेवा में कमी है और अनुचित व्यापार पद्धति है। अत: जिला फोरम ने जो विपक्षी संख्या-2 सियाराम मोटर्स के विरूद्ध आदेश पारित किया है वह उचित है, उसमें किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
मैंने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।
जिला फोरम के समक्ष दोनों अपील के अपीलार्थीगण अर्थात परिवाद के विपक्षीगण संख्या– 1 व 2 दोनों उपस्थित नहीं हुए हैं और लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया है। परिवाद-पत्र के कथन एवं सम्पूर्ण तथ्यों व परिस्थितियों और उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क पर विचार कर मैं इस मत का हॅूं कि दोनों अपीलार्थीगण को अपना लिखित कथन जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाए और उसके बाद जिला फोरम उभय-पक्ष को साक्ष्य व सुनवाई का अवसर देकर पुन: विधि के अनुसार निर्णय व आदेश पारित करें।
पत्यर्थी/परिवादी की शिकायत मुख्य रूप से अपील संख्या- 1593/2016 के अपीलार्थी सियाराम मोटर्स प्राइवेट लि0 से है कि उसने नई कार का मूल्य लेकर नई कार के स्थान पर पुरानी डेमो कार दी है जबकि अपीलार्थी सियाराम मोटर्स प्राइवेट लि0 का कथन है कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने जानबूझकर पुरानी कार
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कम मूल्य पर ली है और परिवाद गलत कथन के साथ प्रस्तुत किया है। परन्तु अपीलार्थी सियाराम मोटर्स प्राइवेट लि0 ने जिला फोरम के समक्ष उपस्थित होकर लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया है। अत: उसके द्वारा प्रस्तुत अपील स्वीकार कर उसके द्वारा 25,000/-रू० हर्जा प्रत्यर्थी/परिवादी को दिये जाने पर जिला फोरम का निर्णय व आदेश अपास्त कर पत्रावली जिला फोरम को प्रत्यावर्तित किया जाना उचित है।
अपीलार्थी टाटा मोटर्स लि0 द्वारा प्रस्तुत अपील भी स्वीकार कर पत्रावली पुन: निर्णय व आदेश पारित करने हेतु जिला फोरम को प्रत्यावर्तित किया जाना उचित है।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर अपील संख्या– 1593/2016 सियाराम मोटर्स प्राइवेट लि0 बनाम पवन कुमार गुप्ता आदि स्वीकार की जाती है और अपीलार्थी द्वारा प्रत्यर्थी/परिवादी पवन कुमार गुप्ता को 25,000/-रू० हर्जा अदा करने पर जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपास्त कर पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ वापस की जाती है कि जिला फोरम अपीलार्थी सियाराम मोटर्स प्राइवेट लि0 को लिखित कथन प्रस्तुत करने का अवसर दें और उसके बाद उभय-पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर देकर पुन: विधि के अनुसार निर्णय व आदेश पारित करें।
अपीलार्थी टाटा मोटर्स लि0 द्वारा प्रस्तुत अपील संख्या- 189/2019 टाटा मोटर्स लि0 बनाम पवन कुमार गुप्ता आदि भी स्वीकार की जाती है और जिला फोरम का निर्णय व आदेश अपास्त कर पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि जिला फोरम लिखित कथन प्रस्तुत करने का अवसर दे और उसके बाद उभय-पक्ष को साक्ष्य व सुनवाई का अवसर
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देकर पुन: विधि के अनुसार निर्णय व आदेश पारित करें। इस अपील में उभय-पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
उभय-पक्ष दिनांक 20-09-2019 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित हों।
जिला फोरम हाजिरी हेतु निश्चित तिथि से एक माह का समय लिखित कथन हेतु देगा और उसके बाद पुन: लिखित कथन हेतु समय दिये बिना उपरोक्त निर्देश के अनुसार परिवाद का अंतिम निस्तारण तीन माह के अन्दर करेगा।
उपरोक्त अपील संख्या– 1593/2016 में धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत जमा धनराशि व उस पर अर्जित ब्याज से उपरोक्त हर्जा की धनराशि 25,000/-रू० का भुगतान प्रत्यर्थी/परिवादी पवन कुमार गुप्ता को किया जाएगा और अवशेष धनराशि अपीलार्थी को वापस की जाएगी।
अपील संख्या- 189/2019 में धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्याज के साथ अपीलार्थी को वापस की जाएगी।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
कृष्णा, आशु0
कोर्ट नं01