Uttar Pradesh

StateCommission

A/261/2015

Raja Tractor - Complainant(s)

Versus

Parashuram - Opp.Party(s)

R K Gupta

17 Feb 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/261/2015
(Arisen out of Order Dated 23/01/2015 in Case No. C/123/2013 of District Shahjahanpur)
 
1. Raja Tractor
Shajahnaha Pur
...........Appellant(s)
Versus
1. Parashuram
Shajahnaha Pur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Smt Balkumari MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 17 Feb 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-261/2015

(सुरक्षित)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, शाहजहॉंपुर द्वारा परिवाद संख्‍या 123/2013 में पारित आदेश दिनांक 23.01.2015 के विरूद्ध)

राजा ट्रैक्‍टर्स मौजमपुर, बरेली रोड, नगर व जिला-शाहजहॉंपुर, उ0प्र0 द्वारा पार्टनर श्री सतीश सक्‍सेना।

                        ....................अपीलार्थी/विपक्षी सं01

बनाम

1. परशुराम पुत्र उजागर निवासी- ग्राम-कुआंडांटा,  तहसील-तिलहर,                

   जिला-शाहजहॉंपुर, उ0प्र0।

2. सोनालिका इण्‍टरनेशनल ट्रैक्‍टर्स लि0, ग्राम-चक गुजरन,  पोस्‍ट-              

   पिपलनवाला, जालन्‍धर रोड, होशियारपुर-146002 पंजाब।

3. ओरियण्‍टल बैंक ऑफ कॉमर्स, शाखा-ददरौल,  जिला-शाहजहॉपुर,           

   उ0प्र0।

4. नेशनल इंश्‍योरेंस कं0लि0, मण्‍डलीय कार्यालय सदर बाजार, नगर                

   व जिला-शाहजहॉंपुर द्वारा प्रबन्‍धक।                                             

       ................प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी तथा विपक्षी सं0 2, 3 व 4

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आर0के0 गुप्‍ता,       

                           विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री ए0के0 पाण्‍डेय,

                                विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 22-03-2017        

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या-123/2013 परशुराम बनाम राजा ट्रैक्‍टर्स डीलर सोनालिका इन्‍टरनेशनल ट्रैक्‍टर आदि में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, शाहजहॉंपुर द्वारा पारित निर्णय और आदेश   दिनांक 23.01.2015 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्‍त परिवाद के विपक्षी राजा ट्रैक्‍टर्स  की  ओर  से  धारा-15  उपभोक्‍ता  संरक्षण

 

-2-

अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 को आदेशित किया है कि वह प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अंकन 18,49,620/-रू0 का भुगतान निर्णय की तिथि से दो माह के अन्‍दर करे अन्‍यथा इस धनराशि पर परिवाद दाखिल करने की तिथि 31.07.2013 से भुगतान की तिथि तक  06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज भी देय होगा। जिला फोरम ने मानसिक कष्‍ट हेतु 5000/-रू0 और वाद व्‍यय हेतु 1000/-रू0 और प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अदा करने का आदेश अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 को दिया है।

अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 की ओर से उनके विद्वान अधिवक्‍ता श्री आर0के0 गुप्‍ता एवं प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से उनके विद्वान अधिवक्‍ता श्री ए0के0 पाण्‍डेय उपस्थित आए हैं।

हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि उपरोक्‍त परिवाद प्रत्‍यर्थी/परिवादी परशुराम ने अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 राजा ट्रैक्‍टर्स डीलर व तीन अन्‍य के विरूद्ध जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसने अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 से ट्रैक्‍टर दिनांक 12.10.2010 को खरीदा और अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने उससे ट्रैक्‍टर की  कीमत,

 

-3-

रजिस्‍ट्रेशन फीस तथा बीमा धनराशि के लिए कुल 5,55,000/-रू0 प्राप्‍त किया तथा उसने प्रत्‍यर्थी/परिवादी को बीमा कवर नोट नं0 150550 दिया, जो नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 से जारी होना बताया गया था। उसके बाद ट्रैक्‍टर का रजिस्‍ट्रेशन ए0आर0टी0ओ0 कार्यालय से दिनांक 31.01.2011 को कराया गया। अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 डीलर ने उपरोक्‍त बीमा कवर नोट प्रत्‍यर्थी/परिवादी को देते समय बताया कि बीमा कम्‍पनी के हेड आफिस कलकत्‍ता से बीमा पालिसी आएगी। उसके बाद      दिनांक 30.12.2011 की कथित दुर्घटना के सम्‍बन्‍ध में एक फर्जी एफ0आई0आर0 प्रत्‍यर्थी/परिवादी के उपरोक्‍त ट्रैक्‍टर के सम्‍बन्‍ध में थाने में दर्ज करायी गयी, जिसके सम्‍बन्‍ध में पुलिस प्रत्‍यर्थी/परिवादी का ट्रैक्‍टर ले गयी। तब ट्रैक्‍टर को छुड़ाने के लिए मूल बीमा पालिसी की जरूरत पड़ी। तब प्रत्‍यर्थी/परिवादी उपरोक्‍त बीमा कवर नोट लेकर प्रत्‍यर्थी/विपक्षी नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 के कार्यालय में गया तो वहॉं पता चला कि यह कवर नोट फर्जी है। ऐसी स्थिति में उपरोक्‍त दुर्घटना के सम्‍बन्‍ध में चलाए गए मोटर एक्‍सीडेंट क्‍लेम केस संख्‍या-36/2012 में सम्‍बन्धित न्‍यायालय ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी को 18,49,620/-रू0 मुआवजा देने हेतु आदेशित किया।

उपरोक्‍त तथ्‍यों के आधार पर परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी का कथन है कि अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 डीलर  ने फर्जी बीमा कवर  नोट  देकर  सेवा  में  कमी  की  है।  अत:

 

 

-4-

अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 उपरोक्‍त प्रतिकर की धनराशि का भुगतान ब्‍याज सहित प्रत्‍यर्थी/परिवादी को करने हेतु उत्‍तरदायी   है।

अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 की ओर से जिला फोरम के समक्ष लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया और यह कहा गया कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने उनके यहॉं से ट्रैक्‍टर खरीदा है और उसने ट्रैक्‍टर का रजिस्‍ट्रेशन कराया है, परन्‍तु कोई बीमा कवर नोट प्रत्‍यर्थी/परिवादी का नहीं दिया है।

अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने अपने लिखित कथन में यह भी कहा है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने ट्रैक्‍टर की पूरी कीमत नहीं दी है। 2,20,000/-रू0 प्रत्‍यर्थी/परिवादी के जिम्‍मा बाकी है। अत: उसे हड़पने के लिए उसने झूठा परिवाद दाखिल किया है। इसके साथ ही अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने लिखित कथन में यह भी कहा है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत पहला परिवाद दिनांक 26.06.2013 को निरस्‍त किया जा चुका है। अत: उसके द्वारा प्रस्‍तुत वर्तमान द्वितीय परिवाद ग्राह्य नहीं है और खण्डित होने योग्‍य है।

परिवाद के विपक्षी संख्‍या-2 सोनालिका इण्‍टरनेशनल ट्रैक्‍टर और विपक्षी संख्‍या-4 नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 ने भी लिखित कथन जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है और कहा है कि उनके विरूद्ध गलत परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है। परिवाद के विपक्षी संख्‍या-3 ओरियण्‍टल बैंक आफ कॉमर्स की ओर से कोई जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है। अत: जिला फोरम ने उसके विरूद्ध कार्यवाही एकपक्षीय रूप से की है।

 

-5-

जिला फोरम ने उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों के आधार पर यह निष्‍कर्ष निकाला है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत वर्तमान द्वितीय परिवाद ग्राह्य है क्‍योंकि प्रथम परिवाद अदम पैरवी में खारिज हुआ है और दूसरा वर्तमान परिवाद प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने समय-सीमा के अन्‍दर प्रस्‍तुत कर दिया है। जिला फोरम ने यह भी निष्‍कर्ष निकाला है कि अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी के ट्रैक्‍टर के बीमा का फर्जी कवर नोट प्रत्‍यर्थी/परिवादी से ट्रैक्‍टर के बीमा की धनराशि प्राप्‍त करके दिया है, जिसमें बीमा कवर नोट जारी करने की तिथि 12.01.2011 है। अत: यह बीमा कवर नोट दिनांक 11.01.2012 तक प्रभावी था। अत: इस बीमा कवर नोट के आधार पर प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा अपने वाहन का दूसरा बीमा परिवाद पत्र में कथित घटना की तिथि 30.12.2011 के समय नहीं कराया गया था, जिस कारण कथित दुर्घटना की क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु प्रत्‍यर्थी/परिवादी को व्‍यक्तिगत रूप से उत्‍तरदायी सक्षम न्‍यायालय द्वारा माना गया है। जिला फोरम ने आक्षेपित निर्णय और आदेश में यह माना है कि अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 डीलर ने ट्रैक्‍टर की बीमा धनराशि क्रेता प्रत्‍यर्थी/परिवादी से प्राप्‍त कर फर्जी बीमा कवर नोट दिया है, जो अनुचित व्‍यापार पद्धति है। अत: जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 के विरूद्ध उपरोक्‍त प्रकार से आदेश पारित किया है।

अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क   है  कि  अपीलार्थी/विपक्षी  संख्‍या-1  ने  कोई  बीमा  कवर  नोट

 

-6-

प्रत्‍यर्थी/परिवादी को नहीं दिया है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने गलत कथन के साथ परिवाद प्रस्‍तुत किया है।

अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के विपरीत है। उनका तर्क है कि ट्रैक्‍टर     दिनांक 12.10.2010 को खरीदा गया है और बीमा कवर नोट उसी दिन अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा दिया जाना बताया गया है। ऐसी स्थिति में कथित घटना दिनांक 30.12.2011 कवर नोट की तिथि से एक साल की अवधि समाप्‍त होने के बाद घटित हुई है। अत: उक्‍त दुर्घटना हेतु क्षतिपूर्ति का जो दायित्‍व प्रत्‍यर्थी/परिवादी का सक्षम न्‍यायालय द्वारा पाया गया है, उसकी अदायगी हेतु अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 को उत्‍तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश का समर्थन करते हुए तर्क किया है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के अनुकूल है। इसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

हमने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।

स्‍वीकृत रूप से अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ट्रैक्‍टर का विक्रेता और डीलर है और प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने उससे ट्रैक्‍टर          दिनांक 12.10.2010 को खरीदा है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी के अनुसार उसने ट्रैक्‍टर की कीमत, रजिस्‍ट्रेशन फीस और बीमा  की  धनराशि

 

-7-

कुल मिलाकर 5,55,000/-रू0 अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 को दिया है और अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने उसे बीमा कवर नोट दिया है तथा बीमा का रजिस्‍ट्रेशन दिनांक 31.01.2011 को कराया है। अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने अपने लिखित कथन में प्रत्‍यर्थी/परिवादी को ट्रैक्‍टर बेचना व उसके ट्रैक्‍टर का पंजीयन कराना स्‍वीकार किया है, परन्‍तु उसका कथन है कि उसने बीमा कवर नोट प्रत्‍यर्थी/परिवादी को नहीं दिया है। वाहन के पंजीयन हेतु बीमा का होना आवश्‍यक है। अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने यह नहीं कहा है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने स्‍वयं बीमा कराकर बीमा कवर नोट रजिस्‍ट्रेशन के पूर्व उसे दिया था।

अत: सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करने के उपरान्‍त हम इस मत के हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी का यह कथन विश्‍वसनीय है कि उसने ट्रैक्‍टर खरीदते समय ट्रैक्‍टर की कीमत, पंजीयन शुल्‍क और बीमा का पैसा अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 को दिया था और अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने उसे बीमा कवर नोट दिया है। बीमा कवर नोट जाली और फर्जी है, इस बात से अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 को इंकार नहीं है। बीमा कवर नोट दिनांक 12.01.2011 को जारी होना दर्शित किया गया है और ट्रैक्‍टर का पंजीयन दिनांक 31.01.2011 को कराया गया है। अत: बीमा कवर नोट दिनांक 12.01.2011 को जारी होने का तात्‍पर्य यह हुआ कि यह बीमा पालिसी एक वर्ष के लिए दिनांक 11.01.2012 तक वैध है। अत: इस जाली  और  फर्जी  बीमा  कवर  नोट  पर

 

-8-

विश्‍वास करते हुए इस अवधि में वाहन का दूसरा बीमा न कराए जाने का उचित आधार है।

अत: सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए हम इस मत के हैं कि यह मानने हेतु उचित और युक्‍तसंगत आधार है कि अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी को जाली और फर्जी बीमा कवर नोट बीमा का पैसा प्राप्‍त कर दिया है और उसे धोखा दिया है, जिससे वह वाहन का वैध बीमा उपरोक्‍त कथित दुर्घटना की अवधि में नहीं करा सका है। पैसा लेकर जाली व फर्जी बीमा कवर नोट ट्रैक्‍टर विक्रेता डीलर द्वारा दिया जाना निश्चित रूप से अनुचित व्‍यापार पद्धति है। अत: ऐसी स्थिति में अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 डीलर द्वारा अपनायी गयी अनुचित व्‍यापार पद्धति के कारण प्रत्‍यर्थी/परिवादी को जो क्षति हुई है, उसकी भरपायी हेतु अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 डीलर उत्‍तरदायी है। अत: जिला फोरम ने अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1 को जो क्षतिपूर्ति की धनराशि 18,49,620/-रू0 प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अदा करने का आदेश दिया है, वह अनुचित और अवैधानिक नहीं कहा जा सकता है।

जिला फोरम ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी को जो 5000/-रू0 मानसिक कष्‍ट हेतु क्षतिपूर्ति और 1000/-रू0 वाद व्‍यय दिलाया है, वह भी उचित है।

निर्विवाद रूप से प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत प्रथम परिवाद अदम पैरवी में खारिज हुआ है और उसके बाद दूसरा परिवाद प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत निर्धारित समय-सीमा के अन्‍दर जिला  फोरम  के  समक्ष

-9-

प्रस्‍तुत किया है। अत: ऐसी स्थिति में द्वितीय परिवाद पर संज्ञान लेते हुए आक्षेपित निर्णय और आदेश जिला फोरम द्वारा पारित किया जाना विधि विरूद्ध नहीं कहा जा सकता है। प्रथम परिवाद अदम पैरवी में खारिज हुआ है, गुणदोष के आधार पर नहीं। अत: प्रांग न्‍याय का सिद्धान्‍त लागू नहीं होगा।

उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर हम इस मत के हैं कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के अनुकूल है और इसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। अत: अपील बल रहित है और सव्‍यय निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

आदेश

अपील 10,000/-रू0 (दस हजार रूपए मात्र) व्‍यय सहित निरस्‍त की जाती है। वाद व्‍यय अपीलार्थी/विपक्षी संख्‍या-1, प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अदा करेगा।

अपीलार्थी की ओर से धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि ब्‍याज सहित जिला फोरम को विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 

     (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)           (बाल कुमारी)       

           अध्‍यक्ष                    सदस्‍य           

 

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1     

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Smt Balkumari]
MEMBER

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