(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-99/2012
Mohammad Hayat Khan Son of Sri Shamshad Ali
Versus
The Oriental Insurance Company Limited & other
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री एच0के0 श्रीवास्तव, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित:- श्री आशीष कुमार श्रीवास्तव, विद्धान
अधिवक्ता
दिनांक :06.12.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद संख्या-233/2007, मौहम्मद हयात खॉ बनाम दि ओरियन्टल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड व अन्य में विद्वान जिला आयोग, मेरठ द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 23.11.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि बीमित वाहन सं0 एच.आर.-38 जे. 3854 के चोरी होने की सूचना अत्यधिक देरी से दर्ज करायी गयी है तथा बीमा कम्पनी को भी देरी से सूचना दी गयी है।
- अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि परिवादी ने चोरी की तिथि को ही थाना प्रभारी को घटना की सूचना दी थी, परंतु उनके द्वारा वाहन खोजने के लिए कहा गया और उसके बाद प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गयी।
- सम्पूर्ण पत्रावली के अवलोकन से ज्ञात होता है कि चोरी की घटना दिनांक 05.04.2005 की रात्रि में हुआ है, परंतु प्रथम सूचना रिपोर्ट दिनांक 18.10.2005 को दर्ज हुआ है। थाना प्रभारी को किसी प्रकार की सूचना दिये जाने का कोई सबूत पत्रावली पर मौजूद नहीं है, यदि थाना प्रभारी द्वारा रिपोर्ट समय पर दर्ज नहीं की गयी तब पुलिस अधीक्षक को सूचना दिये जाने का भी कोई सबूत मौजूद नहीं है, चोरी के पश्चात त्वरित रूप से रिपोर्ट दर्ज न कराना बीमा पॉलिसी की शर्त का उल्लंघन है। रिपोर्ट देरी से दर्ज कराने का परिणाम यह है कि पुलिस द्वारा वाहन की खोज नहीं की जा सकी। इसी प्रकार बीमा कम्पनी को 16 माह पश्चात दिनांक 21.08.2006 को सूचना प्राप्त हुई है, इस प्रकार बीमा कम्पनी भी वास्तविक तथ्य की जांच नहीं कर सकी, इसलिए जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश विधिसम्मत है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2