Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/79/2017

Atarpal Singh - Complainant(s)

Versus

Nirmata Lighan Detail - Opp.Party(s)

17 Dec 2020

ORDER

न्‍यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग-द्वितीय, मुरादाबाद

परिवाद संख्‍या-79/2017

अतरपाल सिंह पुत्र श्री सत्‍यपाल सिंह निवासी ग्राम कूवरी मानक तहसील व थाना बिलारी जिला मुरादाबाद।                          ….........परिवादी

बनाम

1-निर्माता लीहान डिटेलस प्रा0लि0 फोर एस.एस.के. सेफायर प्‍लाजा पूणे एयर पोर्ट रोड निकट सिमवोसिस कालेज पूणे-411014

2-डायरेक्‍टर एस.एस.के. रिटेलस प्रा0लि0 अक्षय काम्‍पलेक्‍स आफ धोले पाटिल रोड पूणे-4111001

3-मैसर्स न्‍यू मोबाइल गैलरी शॉप नं.-जी 22 ग्राउन्‍ड फ्लोर चडडा काम्‍पलेक्‍स जीएमडी रोड मुरादाबाद-244001                     …........विपक्षीगण

 

वाद दायरा तिथि: 25-08-2017                                                                                                                         निर्णय तिथि: 10-12-2020

 

 (श्रीमती अलका श्रीवास्‍तव, अध्‍यक्ष द्वारा उद्घोषित)

निर्णय

     1-परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध प्रश्‍नगत मोबाइल के बदले नया मोबाइल या उसकी कीमत अंकन-13900/-रूपये व बीमा राशि 1199/-रूपये 10 प्रतिशत ब्‍याज सहित तथा वाद व्‍यय 5000/-रूपये, खर्चा नोटिस 2000/-रूपये, फीस वकील 5000/-रूपये और मानसिक हानि 10000/-रूपये दिलाये जाने हेतु योजित किया है।   

     2-संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दिनांक 30-8-2016 को एक एचटीसी डिजायर 628 मोबाइल विपक्षी-3 से 13,900/-रूपये में क्रय किया था, जिसकी एक वर्ष की वारंटी थी। खरीदने के कुछ समय बाद ही उक्‍त मोबाइल खराब हो गया, जिसकी कई बार शिकायत विपक्षी-3 से की और विपक्षीगण को नोटिस भी दिया गया, जिसका कोई जबाव विपक्षीगण ने नहीं दिया और न ही परिवादी का मोबाइल ठीक कराया। विपक्षीगण ने सेवा में कमी की है, जिससे परिवादी को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक हानि हुई। अतएव उक्‍त अनुतोष हेतु यह परिवाद योजित किया गया है।

3-परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में दस्‍तावेजी साक्ष्‍य के रूप में मोबाइल क्रय करने की सेल इनवायस 4/2, 4/3, सिस्का गजट सिक्‍योर कार्ड 4/4, डाक रसीदे 4/5, नोटिस 4/6ता7, मोबाइल इंश्‍योरेंस क्‍लेम फार्म 4/8, सिस्का करेन्‍ट स्‍टेटस 4/9ता11, परिवादी द्वारा सिस्‍का गजट सिक्‍योर को मोबाइल की मरम्‍मत कराने हेतु लिखा गया पत्र 4/12 इत्‍यादि प्रपत्र व अपने शपथपत्रीय साक्ष्‍यों को प्रस्‍तुत किया है।  

     4-विपक्षी-1 व 2 ने नोटिस तामीली के बावजूद कोई प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया और न ही उनकी ओर से कोई उपस्थित आया। अन्‍तत: विपक्षी-1 व 2 के विरूद्ध एकपक्षीय सुनवाई के आदेश पारित किये गये।

5-विपक्षी-3 ने अपना प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत किया, जिसमें मुख्‍य रूप से यह कथन किया गया है कि परिवादी को प्रश्‍नगत मोबाइल विक्रय किया गया था, साथ ही सिस्‍का इंश्‍योरेंस कंपनी की पालिसी रू0-1199/-रूपये विक्रय की गई थी, जिसे परिवादी ने अपनी पसन्‍द से लिया था। मोबाइल डिलीवरी के समय सही काम कर रहा था, परिवादी कभी भी मोबाइल की शिकायत लेकर विपक्षी-3 के पास नहीं आया। मोबाइल ठीक करने या उसके बदले में नया मोबाइल देने की संस्‍तुति करने का काम विपक्षी-1 व 2 का है। उत्‍तरदाता के विरूद्ध कोई वाद कारण पैदा नहीं होता है, विपक्षी-3 को गलत पक्षकार बनाया गया है। परिवादी कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है, परिवाद सव्‍यय खण्डित होने योग्‍य है।

6-विपक्षी-3 ने अपने कथन के समर्थन में अपना शपथपत्र 16 प्रस्‍तुत किया।   

     7-हमने परिवादी व विपक्षी-3 के विद्वान अधिवक्‍तागण की बहस सुनी और पत्रावली का पूर्ण रूप से परिशीलन किया।

     8-परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने अपनी बहस में परिवाद पत्र को दोहराते हुए मुख्‍य तर्क दिया है कि अनेक बार शिकायत करने व नोटिस देने के बावजूद भी विपक्षीगण ने परिवादी का मोबाइल ठीक नहीं किया और सेवा में कमी व घोर लापरवाही विपक्षीगण ने की है। अतएव परिवाद को स्‍वीकार करते हुए वांछित अनुतोष दिलाया जावे।

     9-विपक्षी-3 के विद्वान अधिवक्‍ता ने उपरोक्‍त तर्कों के विरोध में अपने प्रतिवाद पत्र को दोहराते हुए मुख्‍य तर्क दिया है कि परिवादी ने संतुष्ट होने के बाद अपनी मर्जी से प्रश्‍नगत मोबाइल क्रय किया था और अपनी पसन्‍द से ही उसने सिस्‍का इंश्‍योरेंस कंपनी से मोबाइल का बीमा कराया था। परिवादी ने मोबाइल के संबंध में विपक्षी-3 से कभी कोई शिकायत नहीं की। परिवादी ने विपक्षी-3 को अनावश्‍यक रूप से पक्षकार बनाया है। परिवादी ने बीमा कंपनी को पक्षकार नहीं बनाया है, जो इस वाद में आवश्‍यक पक्षकार है। परिवाद विपक्षी-3 के विरूद्ध सव्‍यय खण्डित किया जावे।

10-यद्यपि विपक्षी-3 ने प्रतिवाद पत्र के पैरा-12 में स्‍पष्‍ट रूप से यह स्‍वीकार किया है कि उसने परिवादी को एक मोबाइल एच.टी.सी. डिजायर 628 दिनांक 30-8-2016 को मुवलिग 13,900/-रूपये में विक्रय किया था तथा साथ ही सिस्‍का इंश्‍योरेंस कंपनी की पालिसी रूपये-1199/- विक्रय की थी। परिवादी ने मोबाइल व बीमा पालिसी अपनी मर्जी से क्रय किये थे किन्‍तु परिवादी ने अपने परिवाद पत्र या शपथपत्र में कहीं भी इस तथ्‍य का उल्‍लेख नहीं किया है कि मोबाइल की बीमा पालिसी विपक्षी-3 के द्वारा ही परिवादी को दिलायी गई थी या विपक्षी-3 ने ही मोबाइल विक्रय करते समय उसका बीमा स्‍वयं कराकर परिवादी को दिया था। जिससे यह साबित नहीं होता है कि उक्‍त मोबाइल का बीमा विपक्षी-3 के द्वारा कराया गया हो बल्कि स्‍वयं परिवादी ने ही अपने जोखिम पर उक्‍त मोबाइल का बीमा सिस्‍का इंश्‍योंरेंस कंपनी से कराया था। जिसके संबंध में परिवादी ने बीमा कंपनी के कोई नियम व शर्तें आदि भी दाखिल नहीं किये हैं, केवल ‘सिस्‍का गजट सिक्‍योर’ के कार्ड की छायाप्रति अभिलेख सं.-4/4 परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के साथ दाखिल की है, जिसमें ऐसा कोई विवरण उल्लिखित नहीं है, जिससे यह इंगित हो सके कि परिवादी का मोबाइल सिस्‍का इंश्‍योरेंस कंपनी में बीमित था। परिवादी ने कागज सं.-4/8 मोबाइल इंश्‍योरेंस क्‍लेम फार्म, जो सिस्‍का गजट सिक्‍योर को ही संबोधित है, पत्रावली पर दाखिल किया है, इसके अलावा कागज सं.-4/12 परिवादी द्वारा ‘सिस्‍का गजट सिक्‍योर’ को प्रेषित पत्र भी प्रस्‍तुत किया है, जिसमें मोबाइल के टच व डिस्‍प्‍ले को डलवाने की प्रार्थना की गई है और परिवादी ने नोटिस 4/6ता7 भी दाखिल किया है, जो केवल उक्‍त तीनों विपक्षीगण को ही दिया गया है किन्‍तु मोबाइल की बीमाकर्ता कंपनी को नोटिस भी नहीं दिया गया है और न ही परिवादी ने उक्‍त ‘’सिस्‍का गजट सिक्‍योर’’ मोबाइल की कथित बीमाकर्ता कंपनी को पक्षकार बनाया है, जो कि इस परिवाद में एक आवश्‍यक एवं उत्‍तरदायी पक्षकार है। 

11-उपरोक्‍त विवेचन, समस्‍त तथ्‍यों व पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य के आधार पर यही निष्‍कर्ष निकलता है कि विपक्षी-3 ने मोबाइल का बीमा नहीं कराया था और मुख्‍य विवाद मोबाइल की बीमाकर्ता कंपनी ‘सिस्‍का गजट सिक्‍योर’ व परिवादी के मध्‍य है, जिसको परिवादी ने पक्षकार नहीं बनाया है और इस परिवाद में आवश्‍यक पक्षकार न बनाने का दोष विद्यमान है। परिवादी, विपक्षीगण के विरूद्ध अपना परिवाद साबित करने में असफल रहा है। परिवादी कोई अनुतोष विपक्षीगण से पाने का हकदार नहीं है। परिवाद पोषणीय नहीं है। परिवाद खण्डित होने योग्‍य है।     

आदेश

परिवादी का परिवाद खण्डित किया जाता है। वाद व्‍यय अपना-अपना उभयपक्ष स्‍वयं वहन करेंगे।

 

(रूचिका सारस्‍वत)        (चन्‍द किरन सिंह)         (अलका श्रीवास्‍तव)

         सदस्‍य,                            सदस्‍य,                          अध्‍यक्ष

आज यह निर्णय हमारे द्वारा हस्‍ताक्षरित एवं दिनांकित होकर खुले न्‍यायालय में उद्घोषित किया गया।

 

(रूचिका सारस्‍वत)         (चन्‍द किरन सिंह)        (अलका श्रीवास्‍तव)

          सदस्‍य,                            सदस्‍य,                         अध्‍यक्ष,

दिनांक: 10-12-2020

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

10-12-2020

    आज इस परिवाद में निर्णय उद्घोषित किया गया। आदेश हुआ कि परिवादी का परिवाद खण्डित किया जाता है। वाद व्‍यय अपना-अपना उभयपक्ष स्‍वयं वहन करेंगे।

     पत्रावली आवश्‍यक कार्यवाही के पश्‍चात दाखिल दफ्तर की जावे। 

(रूचिका सारस्‍वत)         (चन्‍द किरन सिंह)        (अलका श्रीवास्‍तव)

          सदस्‍य,                            सदस्‍य,                         अध्‍यक्ष,

दिनांक: 10-12-2020

 

 

 

 

 

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