राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(सुरक्षित)
अपील संख्या :1357/2012
(जिला मंच, चन्दौली द्धारा परिवाद सं0-52/2009 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23.5.2012 के विरूद्ध)
Janhagir S/o Moh Athar, R/o Nathupur post Katesar, District Chandauli.
........... Appellant/ Complainant
Versus
1 New Holand Tractors (India) Private Limited Industrial Plot No. 3 Kendra Greater Noida Gautam Budha Nagar.
2 Branch Manager Baba Tractors and Machinery Stores G.T., Road Chandauli.
.......... Respondents/Opp. Parties.
समक्ष :-
मा0 श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य
मा0 श्री जुगुल किशोर, सदस्य
अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से अधिवक्ता : श्री दीपक श्रीवास्तव
दिनांक :10-3-2016
मा0 श्री जे0एन0 सिन्हा, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
वर्तमान अपील परिवाद सं0 52/2009 जहॉगीर बनाम न्यू हालैण्ड ट्रैक्टर्स (इण्डिया) प्राइवेट लिमिटेड व अन्य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 23.5.2012, जिसके माध्यम से जिला मंच, चन्दौली द्वारा परिवाद सव्यय निरस्त कर दिया गया, से क्षुब्ध होकर परिवादी/अपीलार्थी की ओर से वर्तमान अपील योजित की गई है।
अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री दीपक श्रीवास्तव उपस्थित आये। चूंकि अपीलार्थी एवं प्रत्यर्थी की ओर से लिखित तर्क प्रस्तुत है, अत: प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया एवं प्रश्नगत निर्णय व उपलब्ध अभिलेखों का गम्भीरता से परिशीलन किया गया।
प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी एक किसान है एवं विपक्षी सं0-1 पंजीकृत फर्म है, जो वाहन का निर्माता है तथा विपक्षी सं0-2 विपक्षी सं0-1 का अधीकृत डीलर है। परिवादी ने विपक्षी सं0-3 बैंक से ऋण लेकर विपक्षी सं0-1 द्वारा निर्मित ट्रैक्टर को विपक्षी सं0-2 के यहॉ से दिनांक 23.7.2007 को क्रय किया था एवं विपक्षी सं0-3 को विधिक रूप से पक्षकार
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बनाया गया है, जबकि विपक्षी सं0-3 से कोई वास्ता सरोकर नहीं है। विपक्षी सं0-3 से केवल ऋण लेकर ट्रैक्टर क्रय किया गया है। परिवादी द्वारा कथन किया गया है कि विपक्षी सं0-2 से क्रय किया गया ट्रैक्टर खरीदने के तीन माह बाद खराब हो गया और उसके पिछले बडे चक्के की बाडी टूट गई, जिसकी सूचना परिवादी ने विपक्षी सं0-2 को दी एवं विपक्षी सं0-2 द्वारा प्रश्नगत ट्रैक्टर को अपनी एजेंसी पर मंगवाकर एवं रू0 20,000.00 लेकर उपरोक्त कमी को ठीक कर दिया गया, जो कि नि:शुल्क होना था एवं यह भी अभिवचित किया गया है कि ट्रैक्टर की कीमत के साथ साथ परिवादी द्वारा रोटावेटर हल की कीमत बैंक के माध्यम से ऋण लेकर अदा की गई थी, लेकिन आज तक विपक्षी सं0-2 ने परिवादी को रोटावेटर हल नहीं दिया है, जिसके कारण परिवादी को दूसरे ट्रैक्टर से खेती करनी पडी, जिससे कि उसे रू0 50,000.00 का क्षति हुई। परिवादी द्वारा यह भी अभिवचित किया गया है कि विपक्षी सं0-2 द्वारा उसे रजिस्ट्रेशन बुक नहीं दी गई, जिसकी कीमत 5,000.00 रू0 मॉगी गई थी एवं यह भी अभिवचित किया गया है कि विपक्षी सं0-1 ने जो ट्रैक्टर की कीमत निर्धारित कर रखी है, विपक्षी सं0-2 ने उससे भी अधिक रू0 50,000.00 परिवादी से वसूल की है, जिसके संदर्भ में परिवादी ने विपक्षी सं0-1 व 2 को नोटिस भी दिया, परन्तु उन्होंने क्षतिपूर्ति देने से इंकार कर दिया। अत: परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध क्षतिपूर्ति का अनुतोष दिलाये जाने हेतु जिला मंच के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया गया है।
जिला मंच के समक्ष विपक्षी सं0-1 की ओर से अपनी लिखित कथन प्रस्तुत कर परिवाद का विरोध किया गया और यह अभिवचित किया गया कि परिवादी विपक्षी सं0-2 की एजेंसी पर आकर न्यू हालैण्ड फोर्ट ट्रैक्टर एच0पी0 42 मय रोटावेटर खरीदने की इच्छा जताई तथा विपक्षी सं0-2 द्वारा कोटेशन दिया गया, जिसमें रू0 4,60,436.00 ट्रैक्टर की कीमत एवं 80,000.00 रू0 रोटावेटर की कीमत थी, जो परिवादी को डिलेवरी सेल लेटर सहित उपलब्ध करा दी गई थी एवं परिवादी द्वारा प्राप्ति एवं संतुष्टि प्रपत्र पर अपने हस्ताक्षर बनाये गये थे एवं सर्विस हेतु जब ट्रैक्टर उसकी फर्म पर ले जाया गया तो यह पाया गया कि ट्रैक्टरका शाफ्ट खराब है और वैल्डिंग किया हुआ है और उसके साथ छेड़छाड़ किया गया है, इसलिए उसका क्लेम नहीं दिया जा सकता है और यह कहा गया कि रोटावेटर परिवादी को दे दिया गया था एवं
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यह भी अभिवचित किया गया है कि फर्म को बदनाम करने की नियत से परिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी सं0-2 की ओर से भी अपना लिखित कथन प्रस्तुत कर यह अभिवचित किया गया है कि उसने सारी औपचारिकताऐं पूर्ण परिवादी को कोटेशन दिया था, जिसमें ट्रैक्टर की कीमत 4,60,436.00 तथा रू0 80,000.00 रोटावेटर की कीमत थी एवं यह भी अभिवचित किया गया कि विपक्षी सं0-2 को बदनाम करने की नियत से परिवाद दाखिल किया गया है।
विपक्षी सं0-3 की ओर से भी अपना लिखित कथन प्रस्तुत कर यह अभिवचित किया गया कि परिवादी ने बैंक से ऋण लेकर ट्रैक्टर क्रय किया था एवं विपक्षी सं0-3 के खिलाफ परिवादी द्वारा कोई अनुतोष मॉगा नहीं गया है।
उभय पक्ष के अभिवचन एवं उपलब्ध अभिलेखों पर विचार करते हुए जिला मंच द्वारा उपरोक्त वर्णित निर्णय/आदेश पारित किया गया, जिससे क्षुब्ध होकर वर्तमान अपील योजित है।
वर्तमान प्रकरण में यह पाया जाता है कि विपक्षी/प्रत्यर्थी द्वारा परिवादी को विक्रय के समय रोटावेटर उपलब्ध करा दिया गया था और इस संदर्भ में परिवादी/अपीलार्थी अपना अभिवचन को प्रमाणित करने में असफल है, इसके अतिरिक्त वर्तमान प्रकरण में यह पाया जाता है कि सर्विस हेतु जब प्रश्नगत ट्रैक्टर विपक्षी/डीलर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, तो यह पाया गया कि उसमें पहले से वेल्डिंग बाजार से करायी गई है और शाफ्ट में छेड़छाड़ की गई है। ऐसी स्थिति में विपक्षी डीलर द्वारा रू0 20,000.00 जो परिवादी/अपीलार्थी से प्राप्त किया गया है वह लगाये गये सामान की कीमत व लेबर चार्ज के रूप में प्राप्त किया गया है और इस धनराशि को परिवादी/अपीलार्थी पाने का अधिकारी नहीं है। जिला मंच द्वारा इस संदर्भ में जो निष्कर्ष दिया गया है, उसमें किसी प्रकार की त्रुटि होना नहीं पाया जाता है और अपील में बल नहीं पाया जाता है। प्रस्तुत अपील खण्डित किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खण्डित की जाती है।
(जे0एन0 सिन्हा) (जुगुल किशोर)
पीठासीन सदस्य सदस्य
हरीश आशु.,
कोर्ट सं0-2