Rajasthan

Kota

CC/361/2008

Koshal bafna - Complainant(s)

Versus

National Insurance Company ltd. - Opp.Party(s)

Virendra singh rathor

20 Apr 2015

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )

पीठासीनः- अध्यक्ष, श्री नंदलाल शर्मा, मेम्बर श्री महावीर तंवर
परिवाद संख्या:-   361/08

कोशल बाफना पुत्र अमरचंद बाफना आयु 44 साल पार्टनर मैसर्स अमरचंद पूनमचद बाफना, रागंजमंडी जिला कोटा।                               परिवादी

                    बनाम
नेशनल इंशोरेन्स कंपनी लिमिटेड रिजर्व पुलिस लाईनके पास, झालावाड।     विपक्षी


    प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थिति:-

01.    श्री वी के राठौर,  अधिवक्ता, परिवादी की ओर से।
02.    श्री पी सी जैन,अधिवक्ता, विपक्षी की ओर से। 

 

            निर्णय             दिनांक 24.03.15


    परिवादी का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड को प्राप्त हुआ जिसमें अंकित किया कि उसने विपक्षी को प्रिमियम अदा कर मेरीन कारगो ओपन पाॅलिसी संख्या 370802/21/05/4400053 प्राप्त की थी। परिवादी ने श्री मेडतवाल ट्रान्सपोर्ट कंपनी रामगंजमंडी के द्वारा जरिये बिल्टी संख्या 6579 से दिनांक 04.08.06 को 213 बेग धनिया वजनी 8520 किलोग्राम मैसर्स प्रवीण मसाला वाले येवात एम एस0 को ठींदकहंवद ज्ंसण् क्ंनदक क्पेज्ज्ण् च्नदम भेजा गया था, परिवादी द्वारा भेजा गया उक्त माल अत्याधिक बरसात- प्राकृतिक आपदा के कारण भीग कर माल खराब हो गया, जिससे नुकसान हो गया, जिसकी सूचना समय पर विपक्षी को दे दी। विपक्षी कंपनी ने परिवादी के खराब माल का निरीक्षण कर सर्वेयर ने अपनी रिपोर्ट में 1,16,188/- रूपये का नुकसान पाया। परिवादी ने बीमा क्लेम समस्त औपचारिकताए पूर्ण विपक्षी के यहाॅ पेश किया। परिवादी ने विपक्षी को चालक द्वारा दिया गया डेमेज प्रमाण-पत्र विपक्षी को दिया था। विपक्षी ने परिवादी को क्लेम राशि की 25 प्रतिशत राशि को सबस्टेण्र्डड करते हुये 77,976/- रूपये स्वीकृत किये। परन्तु परिवादी उक्त सबस्टेण्डर्ड बीमा क्लेम प्राप्त नहीं करना चाहता है। परिवादी पूरा बीमा क्लेम प्राप्त करना चाहता है क्योंकि परिवादी ने विपक्षी कंपनी की बीमा पालिसी की शर्तो का उल्लधंन नहीं किया, इसलिये परिवादी को विपक्षी कंपनी से पूरा बीमा क्लेम 1,214,420/- रूपये एवं समय पर बीमा क्लेम नही देने के कारण विलम्ब के समय का ब्याज भी दिलवाया जावे। विपक्षी कंपनी ने परिवादी का पूरा बीमा क्लेम अदा न कर उसकी सेवा में कमी की है, इसलिये परिवादी को बीमा कंपनी से बीमा क्लेम मय ब्याज, मानसिक संताप, परिवाद खर्च दिलाया जावे। 


    विपक्षी ने परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवादी ने बीमा क्लेम उसके यहाॅ दिनांक 07.12.06 को पेश किया तब उसे परिवादी के माल के खराब होने की सूचना प्राप्त हुई, जो अत्यधिक देरी से प्राप्त हुई। सर्वेयर ने ट्रक ड्राइवर से डेमेज सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं किया, जो करना चाहिये था, वास्तविकता तो वाहन चालक ही बता सकता है। प्रयोगशाला की रिपोर्ट भी सर्वेयर ने पेश नही की। दोनो दस्तावेजो के अभाव में सर्वेयर की रिर्पोट प्रमाणित नहीं हो सकती। मेडतवाल ट्रान्सपोर्ट कंपनी ने माल को त्रिपाल से ढाक कर नही भेजा और ना ही ऐसी कोई व्यवस्था की जिससे धनिया को भिगने से सुरक्षा की जाती। ट्रान्सपोर्टर ने पालिसी में छपी शर्तो का उल्लधंन किया है इसलिये परिवादी के माल खराब होने के लिये ट्रान्सर्पोटर ही जिम्मेदार है। परिवादी ने मियाद के भीतर ट्रान्सपोर्टर को विधिक नोटिस भी नहीं दिया, जिससे परिवादी ट्रान्सपोर्टर के खिलाफ नुकसानी का वाद पेश करने से वंचित हो गया। परिवादी का बीमा क्लेम उक्त कारणों से परिवादी के बीमा क्लेम की राशि 1,16,188/- रूपये का 25 प्रतिशत राशि 29,047/- रूपये की कटौती कर एवं साल्वेज के 15,320/- रूपये कम कर 6,135/- रूपये सर्वेयर फीस के कम की जाकर 77,965/- रूपये परिवादी का बीमा क्लेम स्वीकार किया था। जिसकी सूचना दिनांक 28.02.08 को दी गई थी, लेकिन परिवादी अपनी अनुचित मांग पर अडा रहा और उक्त राशि प्राप्त नहीं की। परिवादी ने अनावश्यक मुकदमेबाजी की। परिवादी ने परिवाद मनगढन्त तथ्यों पर आधारित पेश किया है । विपक्षी कंपनी ने परिवादी की सेवा में कोई कमी नहंी की है, इसलिये परिवादी का परिवाद सव्यय खारिज किया जावें । परिवादी के परिवाद में जटिल प्रश्न है जिनका निपटारा विस्तुत साक्ष्य ली जाकर  दीवानी न्यायालय द्वारा ही किया जा सकता है। उपभोक्ता मंच लघु प्रकृति के वाद ही सुन सकत है, इसलिये परिवादी का परिवाद चलने योग्य नहीं है। 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


    उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा  निर्णय निम्न प्रकार हैः-


01.    क्या परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है ?
    परिवादी के परिवाद,शपथ-पत्र, विपक्षी के जवाब, बीमा पालिसी से परिवादी, विपक्षी का उपभोक्ता है। 
02.    क्या विपक्षी ने सेवा दोष किया है ?
    
03.    अनुतोष ?

 


                    आदेश 

     परिवादी  कोशल बाफना का परिवाद          विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। 
(महावीर तंवर)                        (नंदलाल शर्मा)
   सदस्य                              अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष           जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
 मंच,झालावाड केम्प कोटा               मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

    निर्णय आज दिनांक  24.03.15 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।


   सदस्य                              अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष           जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा                मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

 

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