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VIJAY PRAKASH RAI filed a consumer case on 29 Nov 2021 against NATIONAL INSURANCE CO.LTD. in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/202/2008 and the judgment uploaded on 02 Dec 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 202 सन् 2008
प्रस्तुति दिनांक 17.10.2008
निर्णय दिनांक 19.11.2021
विजय प्रकाश राय उम्र तखo 35 साल पुत्र श्री बच्चाराय साo मौजा- मठविसम्भर, परगना- गोपालपुर, तहसील- सगड़ी, जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह निवेदन किया है कि वह कदीम वासिन्दा, मठविसम्भर मौजा गोपालपुर तहसील सगड़ी जिला आजमगढ़ का रहने वाला है तथा वाहन ट्रक संख्या यू.पी. 50एफ/0768 का पंजीकृत स्वामी है। परिवादी की ट्रक यू.पी. 50एफ/0768 यू.पी. बिहार प्रांत में चलती है और दोनों जगह से सामान लाने और ले जाने का कार्य करती है। परिवादी ट्रक को चलाने के लिए दो ड्राईवर रामवृक्ष व गिरजा को रखा था। जो दोनों सगे भाई हैं और दोनों के पास वाहन चलाने का वैध लाइसेन्स है। परिवादी उक्त ट्रक बिहार से बालू लाद कर वासाणसी होते हुए आजमगढ़ आ रही थी इसी बीच ट्रक नं. एच.आर.38ई, 5594 नील गाय बचाने के चक्कर में परिवादी की ट्रक डिवाइडर तोड़ते हुए टक्कर मार दिया। जिससे ट्रक का अगला हिस्सा काफी क्षतिग्रस्त हो गया और परिवादी के दोनों ड्राइवरों को काफी चोटें आई तथा गाड़ी से सम्बन्धित मूल कागजात व दोनों ड्राइवरों का ड्राइविंग लाइसेन्स भी कहीं खो गया। परिवादी ने दिनांक 11.07.2002 को थाना अली नगर जनपद चन्दौली में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराया। क्योंकि दुर्घटना इसी थानाक्षेत्र में हुई थी। इसमें कागजात के गुम होने के बाबत भी रिपोर्ट लिखाई गयी। परिवादी के ट्रक नं. यू.पी. 50एफ/0768 का कम्प्रीहेन्सिव इन्श्योरेन्स नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिo शाखा आजमगढ़ से था जो दिनांक 23.10.2002 तक वैध था। बीमा अवधि के अन्दर ही परिवादी की ट्रक का एक्सीडेन्ट हुआ तथा परिवादी ने बीमा कम्पनी मण्डल कार्यालय वाराणसी प्रतिवादी नं. 01 के यहाँ दिनांक 11.07.2002 प्रार्थना पत्र दिया कि परिवादी के ट्रक का एक्सीडेन्ट हो गया और घटनास्थल पर पड़ी है। सर्वे कर क्षतिपूर्ति की जायजिस पर सर्वेयर ने जाकर सर्वे किया और अपनी आख्या प्रतिवादीगण को दिया। परिवादी की ट्रक का पॉलिसी नम्बर प्रतिवादीगण की शाखा में 452103/8/31/01/6304828 है तथा वादी के क्लेम का नम्बर प्रतिवादीगण की शाखा में व क्लेम नं. 452103/31/03/63/00002 पर दर्ज है। परिवादी द्वारा करीब 2,50,000/- रुपया का क्लेम किया गया था। परिवादी के दोनों ड्राईवर रामवृक्ष गिरजा ट्रक एक्सीडेन्ट के समय वैध लाइसेन्स के साथ मौजूद थे, बालू गिरजा ड्राईवर के नाम से लदा था और रामवृक्ष गाड़ी चला रहा था और इसलिए क्लेम रामवृक्ष के नाम से ही किया गया था। परिवादी द्वारा प्रतिवादीगण की शाखा में कोई भी ऐसा कथन नहीं किया गया है कि दोनों ड्राईवर एक ही व्यक्ति थे, बल्कि यह सबूत दिया गया है कि रामवृक्ष व गिरजा ड्राईवर के पिता एक है। लेकिन विपक्षीगण ने परिवादी के कथन की गलत व्याख्या करते हुए और गलत आरोप लगाते हुए परिवादी को आजतक भुगतान नहीं किया। परिवादी को विपक्षीगण द्वारा भेजी गयी एक रजिस्ट्री जिसकी संख्या 2293 है के जवाब में परिवादी द्वारा दिनांक 16.07.2004 को आकाश गंगा कोरियर्स डेल्ही (पी) लिमिटेड गीतान्जलि लाज चौक आजमगढ़ से रजिस्ट्री का जवाब भेजा गया और गिरजा ड्राईवर के ड्राईविंग लाइसेन्स की छायाप्रति भी भेजी गयी, लेकिन उसका कोई भी प्रतिउत्तर विपक्षीगण द्वारा नहीं दिया गया। परिवादी की दुर्घटनाग्रस्त ट्रक की मरम्मत कस्बा नरायनपुर जिला मिर्जापुर में पंचम विश्वकर्मा आटो गैरेज में हुआ और ट्रक मरम्मत में हुए सम्पूर्ण खर्च का ब्यौरा मय रिकार्ड के साथ विपक्षीगण के यहाँ जमा किया गया है तथा परिवादी का सारा रिकार्ड उक्त क्लेम में दर्ज है तथा विपक्षीगण द्वारा मुo 1,70,000/- रुपए का क्लेम पास भी हुआ है। जबकि परिवादी का वास्तविक खर्च दो लाख से ऊपर हुआ है। परिवादी दिनांक 28.05.2005 को अपने क्लेम के भुगतान के लिए विपक्षीगण संख्या 02 के यहाँ गया तो विपक्षी संख्या 02 ने क्लेम देने से इन्कार कर दिया। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को क्लेम नं. 452103/31/03/63/00002 में पास हुई रकम मुo 1,70,000/- रुपए मय ब्याज अदा करे।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6/1 नेशनल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड का मोटरवाहन बीमा कवर नोट की छायाप्रति, कागज संख्या 6/2 थानाध्यक्ष अलीनगर चन्दौली को दी गयी सूचना की छायाप्रति, कागज संख्या 35ग अन्य प्रलेखीय साक्ष्य के रूप में ड्राईवर गिरजा यादव के ड्राईविंग लाईसेन्स की छायाप्रति तथा कागज संख्या 35/2 ड्राईवर रामवृक्ष यादव के ड्राईविंग लाईसेन्स की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
कागज संख्या 10क विपक्षीगण द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी की ट्रक गाड़ी संख्या यू.पी. 50एफ/0768 तथा कथित दुर्घटना की तिथि को गिरिजा द्वारा ड्राईब की जा रही थी जो चालान फार्म में उल्लिखित नाम गिरिजा से सुस्पष्ट है। उक्त गिरिजा के पास कोई ड्राईविंग लाइसेन्स नहीं था। अनलाइसेन्सी ड्राईवर द्वारा गाड़ी ड्राईव किए जाने के कारण हुई दुर्घटना व नुकसान के प्रति बीमा कम्पनी जिम्मेदार नहीं है। लेहाजा दावा परिवादी विरुद्ध विपक्षीगण पोषणीय नहीं है। परिवादी ने झूठे कथनों के साथ गिरिजा के साथ उसके ज्येष्ठ भ्राता रामवृक्ष को भी ड्राईवर होना प्लीड किया है हरगिज उपरोक्त रामवृक्ष न तो वादी की गाड़ी का ड्राईवर तथा कथित दुर्घटना के समय था न ही चालान पर उसका नाम दर्ज है। विरुद्ध इसके सम्पूर्ण कथन वाद-पत्र झूठ व काल्पनिक है। रामवृक्ष तथाकथित दुर्घटना के समय तथा लगभग एक वर्ष पूर्व व पश्चात् की अवधि में मुo ताहिर की गाड़ी नं. यू.पी. 50एफ/9716 का चालक था। परिवादी ने गिरिजा के अनलाइसेन्सी होने के कारण ही काल्पनिक तौर पर सहचालक के रूप में रामवृक्ष के नाम को परिवादी ने साजिशी तौर पर उल्लेख किया है जो बिल्कुल गलत व झूठ है। तथाकथित एक्सीडेन्ट परिवादी की गाड़ी के चालक के अनलाइसेन्सी होने के कारण ड्राईवर की गलती से एक्सीडेन्ट हुआ है जिसके लिए मालिक (परिवादी) स्वयं जिम्मेदार है। बिरुद्ध इसके परिवाद पत्र पोषणीय नहीं है। परिवादी ने वास्तविकता को छिपाने की नियत से ही दुर्घटना से सम्बन्धित सबूत ( प्रथम सूचना रिपोर्ट, चार्जशीट, क्लेम फार्म, बयानहल्फी निरस्त क्लेम, गिरिजा का तत्कालीन डी.एल, मेडिकल रिपोर्ट आदि की सत्यप्रतिलिपि) उपरोक्त पत्रावली में मालाफाईड इन्टेन्सन के तहत संस्थित नहीं किया है। तथाकथित दुर्घटना में सम्बन्धित ट्रक का नुकसान अत्यधिक व काल्पनिक ढंग से व्यक्त किया गया है। मुताबिक रिपोर्ट एस.के. गोसैन एण्ड एसोसियेट्स सर्वेयर एण्ड लास एसेसर्स द्वारा दी गयी रिपोर्ट से नुकसान मात्र 70164.50 रुपया है। खिलाफ इसके सम्पूर्ण कथन बाबत नुकसान वास्तविकता के विपरीत है। परिवाद उपरोक्त दिनांक 16.10.2008 को संस्थित हुआ है तथा कथित दुर्घटना दिनांक 11.07.2002 अभिव्यक्त है। बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम दिनांक 28.05.2005 को निरस्त है। लेहाजा दावा टाइमवार्ड है। अतः परिवाद खारिज किया जाए तथा खर्चा मुकदमा विपक्षीगण को परिवादी से दिलाया जाए।
विपक्षीगण द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में अलग से कोई भी शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षीगण द्वारा कागज संख्या 12/1 सर्वेयर फीस बिल की छायाप्रति, कागज संख्या 12/2ता12/4 इनवस्टीगेशन रिपोर्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 12/5 एस.के. गोसैन एण्ड एसोसिएट्स सर्वेयर्स एण्ड असेसर्स रिपोर्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 12/6ता12/14 एस.के. गोसैन एण्ड एसोसिएट्स गवर्नमेन्ट अप्रूव्ड सर्वेयर एण्ड लास असेसर रिपोर्ट की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए तथा उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं ने अपना-अपना बहस सुनाया। बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया, जिसमें परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के समर्थन में साक्ष्य के रूप में अपने तथाकथित घटने की न कोई एफ.आई.आर. न ही चार्जशीट अथवा एफ.आर से सम्बन्धित दस्तावेज प्रस्तुत किया है, जिससे उसके परिवाद में किए गए कथनों की विधिक रूप से पुष्टि हो सके। जबकि विपक्षीगण द्वारा प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के अवलोकन से तथा विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत किए गए माo उच्चतम न्यायालय के न्याय निर्णय “चितरंजन बर्मन बनाम ओमप्रकाश बजोरिया व अन्य Civil Appeals No. 975of1998 with C.A. No.3972 of 1998 निर्णित दिनांक 04.10.2001” का यदि अवलोकन करें तो इस न्याय निर्णय में यह अभिधारित किया गया है कि यदि परिवादी ने परिवाद को विलम्ब से दाखिल होना स्वीकार किया है तो इसी आधार पर परिवाद निरस्त कर दिया जाएगा। उपरोक्त न्याय निर्णय, साक्ष्यों एवं तथ्यों के अवलोकन के पश्चात् हमारे विचार से यह परिवाद अस्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद पत्र अस्वीकार किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 29.11.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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