Uttar Pradesh

StateCommission

A/1776/2018

Heritage Hotel - Complainant(s)

Versus

Nand Lal Jaiswal - Opp.Party(s)

Badrul Hasan

21 Jan 2020

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1776/2018
( Date of Filing : 04 Oct 2018 )
(Arisen out of Order Dated 25/07/2018 in Case No. C/67/2015 of District Lucknow-II)
 
1. Heritage Hotel
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Nand Lal Jaiswal
Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 21 Jan 2020
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।                                                                                                              

                                                                 सुरक्षित      

अपील सं0-१७७६/२०१८

 

(जिला मंच (द्वितीय), लखनऊ द्वारा परिवाद संख्‍या-६७/२०१५ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २५-०७-२०१८ के विरूद्ध)

 

हैरिटेज होटल, १४, ए0पी0 सेन रोड, लखनऊ द्वारा मैनेजर श्री सन्‍तोष कुमार।

                                           .............       अपीलार्थी/विपक्षी।

बनाम

नन्‍द लाल जायसवाल पुत्र श्री अनन्‍त लाल जायसवाल निवासी ३० हाता लक्ष्‍मण दास, शिवाजी मार्ग, लखनऊ-२२६००१.                  ............        प्रत्‍यर्थी/परिवादी।

 

समक्ष:-

१-  मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

२-  मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित      : श्री बदरूल हसन विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित        : श्री नन्‍द लाल जायसवाल प्रत्‍यर्थी स्‍वयं।

 

दिनांक :- ०६-०२-२०२०.

 

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, जिला मंच (द्वितीय), लखनऊ द्वारा परिवाद संख्‍या-६७/२०१५ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २५-०७-२०१८ के विरूद्ध योजित की गई है।

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी के कथनानुसार परिवादी ने अपनी पुत्री के विवाह समारोह के आयोजन हेतु दिनांक १५-०५-२०१४ के लिए अपीलार्थी का होटल बुक कराया था। इस आयोजन के लिए अपीलार्थी द्वारा प्रस्‍तावित पैकेज डील के अन्‍तर्गत देय सम्‍पूर्ण धनराशि का परिवादी द्वारा २,४५,०००/- रू० अग्रिम भुगतान अपीलार्थी को किया गया तथा इस डील के अन्‍तर्गत अपीलार्थी के होटल के १९ कमरे परिवादी को इस आयोजन हेतु प्राप्‍त कराए जाने थे। साथ ही पूर्णत: सुसज्जित मण्‍डप, लॉन, हॉल तथा स्‍टेज भी प्रदान करनी थी। इस धनराशि में ५,०००/- रू० सफाई शुल्‍क  के रूप में तथा २०,०००/- रू० सुरक्षा एवं टैक्‍सेज के रूप में लिए गये। उक्‍त आयोजन से

 

 

 

-२-

एक माह पूर्व परिवादी, अपीलार्थी के होटल गया। जहॉं जाकर परिवादी को यह देखकर धक्‍का लगा कि होटल की पूरी बाउण्‍ड्रीवाल टूटी है तथा होटल में जाने का रास्‍ता बाधित है। होटल के मैनेजर श्री सन्‍तोष कुमार से सम्‍पर्क करने पर उनके द्वारा आश्‍वस्‍त किया गया कि विवाह की तिथि १५-०५-२०१४ से पूर्व निर्माण कार्य पूर्ण हो जायेगा तथा परिवादी एवं उसके अति‍थियों को कोई असुविधा नहीं होगी। दिनांक १९-०४-२०१४ को परिवादी पुन: अपीलार्थी के होटल पर गया उस समय भी निर्माण कार्य चल रहा था। निर्माण सामग्री के पड़े होने के कारण होटल में जाने का रास्‍ता बाधित था। परिवादी द्वारा जानकारी लेने पर परिवादी को पुन: आश्‍वस्‍त किया गया कि निर्माण कार्य एक सप्‍ताह में पूर्ण हो जायेगा किन्‍तु दुर्भाग्‍यवश विवाह की तिथि १५-०५-२०१४ तक निर्माण कार्य समाप्‍त नहीं हुआ जिससे परिवादी के अतिथियों को विवाह आयोजन में सम्मिलित होने के लिए होटल में प्रवेश के लिए अत्‍यधिक असुविधा हुई। परिवादी के कैटरर को भी अपीलार्थी के होटल से कुछ दूर अस्‍थायी रसोईघर बनाना पड़ा क्‍योंकि इस कार्य हेतु जो स्‍थान अपीलार्थी द्वारा प्रदान किया गया वहॉं वायु संचार की कोई व्‍यवस्‍था नहीं थी। होटल में जाने पर रास्‍ता अवरूद्ध होने के कारण बारात का रास्‍ता भी परिवादी को बदलवाना पड़ा। परिवादी का यह भी कथन है कि अपीलार्थी द्वारा उपलब्‍ध कराए गये कमरों में से कमरा नं0-१०४ का एयर कण्‍डीशनर भी खराब था जिसकी शिकायत करने पर परिवादी तथा परिवादी के एक अतिथि श्री विनोद अग्रवाल के साथ होटल कर्मियों द्वारा दुर्व्‍यवहार किया गया तथा बिजली आपूर्ति काटने की धमकी भी दी गई। इस प्रकार अपीलार्थी द्वारा सेवा में कमी कारित किया जाना अभिकथित करते हुए क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु परिवाद जिला मंच में योजित किया गया।

अपीलार्थी द्वारा प्रतिवाद पत्र जिला मंच में प्रस्‍तुत किया गया। अपीलार्थी के कथनानुसार अपीलार्थी के होटल में ए0पी0सेन रोड की तरफ दो गेट हैं जिसमें से एक गेट का उपयोग लॉन से होते हुए मुख्‍य भवन तक जाने के लिए किया जाता है तथा दूसरे गेट का भी उपयोग कभी-कभी आने जाने के लिए किया जाता है। यह दूसरा    गेट मण्‍डी परिषद के भवन की तरु्फ है। मण्‍डी परिषद की ओर होटल की बाउण्‍ड्री मण्‍डी

 

 

-३-

परिषद के प्‍लाट की मिट्टी की अधिक खुदाई के कारण टूट गयी किन्‍तु होटल में ग्राहकों के आने जाने की कोई असुविधा नहीं थी क्‍योंकि दूसरा गेट भी इस प्रयोजन हेतु उपलब्‍ध था। अपीलार्थी का यह भी कथन है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी को आबंटित कमरा नं0-१०४ का एयर कण्‍डीशनर खराब हो गया था। अपीलार्थी द्वारा एयर कण्‍डीशनर को ठीक कराने का प्रयास किया गया किन्‍तु एयर कण्‍डीशनर ठीक नहीं हो पाया, अत: परिवादी को दूसरा कमरा दिए जाने का प्रस्‍ताव किया गया किन्‍तु परिवादी इस पर सहमत नहीं हुआ, अत: अपीलार्थी द्वारा कमरा नं0-१०४ का किराया भी परिवादी को वापस करने का प्रस्‍ताव किया गया किन्‍तु परिवादी इस पर सहमत नहीं हुआ। अपीलार्थी के कथनानुसार अपीलार्थी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गई।

जिला मंच ने अपीलार्थी द्वारा सेवा में कमी किया जाना पाते हुए परिवाद प्रश्‍नगत निर्णय द्वारा आंशिक रूप से स्‍वीकार किया तथा अपीलार्थी को आदेशित किया कि वह निर्णय की तिथि से ०४ सप्‍ताह के अन्‍दर परिवादी को ५०,०००/- रू० मानसिक व शारीरिक कष्‍ट हेतु एवं १२००/- रू० वाद व्‍यय हेतु अदा करे।    

इस निर्णय से क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गई।

हमने अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री बदरूल हसन तथा प्रत्‍यर्थी श्री नन्‍द लाल जायसवाल, जो व्‍यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए, के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि जिला मंच ने पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य तथा पक्षकारों के अभिकथनों का उचित परिशीलन न करते हुए प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया है। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने असत्‍य कथनों के आधार पर परिवाद योजित किया। ए0पी0 सेन रोड से अपीलार्थी के होटल में प्रवेश हेतु ०२ गेट हैं। एक गेट से होटल के लॉन से होते हुए मुख्‍य भवन तक पहुँचा जा सकता है। दूसरे गेट की बाउण्‍ड़ी से लगा हुआ मण्‍डी परिषद का भवन है। मण्‍डी परिषद के प्‍लॉट की मिट्टी की खुदाई के कारण दूसरे गेट की तरफ बाउण्‍ड्रीवाल टूट गई थी किन्‍तु इससे होटल में प्रवेश का मार्ग बाधित

 

 

-४-

नहीं हुआ था। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि अपीलार्थी द्वारा कमरा सं0-१०४ के एयर कण्‍डीशनर के खराब होने के कारण उस कमरे के स्‍थान पर दूसरा कमरा दिए जाने का प्रस्‍ताव परिवादी को किया गया तथा इस कमरे का किराया भी परिवादी को वापस करने का प्रस्‍ताव किया गया किन्‍तु परिवादी इस पर सहमत नहीं हुआ।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि जिला मंच ने तर्कपूर्ण आधारों पर प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया है, अत: अपील निरस्‍त किए जाने की प्रार्थना की गई।

यह तथ्‍य निर्विवाद है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी की पुत्री के विवाह समारोह के आयोजन हेतु अपीलार्थी का होटल दिनांक १५-०५-२०१४ २०१४के लिए बुक किया गया। यह तथ्‍य भी निर्विवाद है कि इस आयोजन हेतु प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी को २,४५,०००/- रू० सम्‍पूर्ण देय धनराशि का अग्रिम भुगतान किया। विवाह समारोह के कार्यक्रम में प्रत्‍येक व्‍यक्ति अपनी सामर्थ्‍य के अनुसार यह प्रयास करता है कि समारोह हेतु आमंत्रित अति‍थियों को समारोह में सम्मिलित होने में कोई अव्‍यवस्‍था न हो तथा उनकी सुरक्षा तथा सुविधा की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था सुनिश्चित की जाय। निश्चित रूप से अपीलार्थी होटल ने सुरक्षा एवं सुविधा सुनिश्चित करने के आश्‍वासन के साथ एक दिन के आयोजन के लिए प्रत्‍यर्थी/परिवादी से २,४५,०००/- रू० का अग्रिम भुगतान प्राप्‍त किया। यह तथ्‍य भी निर्विवाद है कि अपीलार्थी होटल में प्रवेश के एक गेट की बाउण्‍ड्रीवाल आयोजन की तिथि तक टूटी थी। परिवाद के अभिकथनों में परिवादी द्वारा यह अभिकथित किया गया है कि विवाह आयो‍जन की तिथि से एक माह पूर्व से यह बाउण्‍ड्रीवाल टूटी थी तथा इस तथ्‍य की ओर परिवादी द्वारा अपीलार्थी होटल के मैनेजर से शिकायत भी की गई। मैनेजर द्वारा यह आश्‍वस्‍त किया गया कि विवाह आयोजन से पूर्व निर्माण कार्य पूर्ण हो जायेगा। परिवाद के अभिकथनों में परिवादी द्वारा यह अभिकथित किया गया है कि विवाह की तिथि पर भी निर्माण सामग्री फैली हुई थी। मजदूरों के टैण्‍ट लगे थे। परिवाद के इन अभिकथनों को अपीलार्थी होटल द्वारा प्रस्‍तुत किए गये प्रतिवाद पत्र में विशिष्‍ट रूप से

 

 

-५-

अस्‍वीकार नहीं किया गया है बल्कि बाउण्‍ड्रीवाल का टूटना अपीलार्थी द्वारा स्‍वीकार किया गया है। अपीलार्थी का यह कथन नहीं है कि विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए अपीलार्थी के होटल में मण्‍डी परिषद की तरफ के गेट से परिवादी के अतिथियों का आना जाना पैकेज डील के अन्‍तर्गत सम्मिलित नहीं था। ऐसी परिस्थिति में जबकि बाउण्‍ड्रीवाल विवाह समारोह के आयोजन से लगभग ०१ माह पूर्व से टूटी हुई थी जबकि होटल की बुकिंग के समय टूटी नहीं थी, तब अपीलार्थी से यह अपेक्षित था कि विवाह समारोह के आयोजन से पूर्व बाउण्‍ड्रीवाल का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जाता अथवा ऐसी व्‍यवस्‍था सुनिश्चित की जाती कि दोनों गेटों से परिवादी तथा उसके अतिथियों को आने जाने में कोई असुविधा न हो तथा परिवादी एवं उसके अतिथियों को साफ-सुथरा होटल का परिसर विवाह आयोजन के लिए उपलब्‍ध हो।

यह तथ्‍य भी निर्विवाद है कि परिवादी के अतिथियों के लिए आबंटित कमरों में से एक कमरा नं0-१०४ का ए0सी0 विवाह की तिथि पर खराब था। जब परिवादी द्वारा एक महीने से अधिक समय पूर्व से होटल बुक कराया गया तब अपीलार्थी से यह अपेक्षित था कि सभी आरक्षित कमरों में प्रदत्‍त सभी सुविधाओं का क्रियाशील होना सुनिश्चित किया जाता। अपीलार्थी का यह कथन पर्याप्‍त नहीं माना जा सकता कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी को उक्‍त कमरे के स्‍थान पर दूसरा कमरा दिए जाने का प्रस्‍ताव किया गया। अपीलार्थी द्वारा यह स्‍पष्‍ट नहीं किया गया है कि दूसरा कमरा किस स्‍थान पर प्रस्‍तावित किया गया तथा प्रस्‍तावित दूसरा कमरा किसी भी प्रकार से परिवादी के प्रयोग के लिए अनुपयुक्‍त नहीं था।

परिवाद के अभिकथनों में परिवादी द्वारा यह भी अभिकथित किया गया है कि उक्‍त विवाह समारोह हेतु अपीलार्थी होटल द्वारा किचन हेतु प्रदत्‍त स्‍थान पर वायु संचार की कोई व्‍यवस्‍था न होने के कारण परिवादी के कैटरर को होटल से कुछ दूर अस्‍थाई किचन की व्‍यवस्‍था करनी पड़ी। परिवाद के इन अभिकथनों को सामान्‍य रूप से अपीलार्थी/विपक्षी ने प्रतिवाद पत्र में अस्‍वीकार किया है किन्‍तु यह स्‍पष्‍ट नहीं किया    है कि परिवादी की पुत्री के विवाह समारोह के लिए किचन की व्‍यवस्‍था होटल के किस

 

 

-६-

स्‍थान पर की गई और वहॉं वायु संचार की पूरी व्‍यवस्‍था थी।

उपरोक्‍त तथ्‍यों के आलोक में हमारे विचार से जिला मंच का यह निष्‍कर्ष कि अपीलार्थी द्वारा सेवा में त्रुटि की गई, त्रुटिपूर्ण नहीं है। क्षतिपूर्ति हेतु ५०,०००/- रू० दिलाए जाने हेतु आदेशित किया गया है। मामले के तथ्‍यों एवं परिस्थितियों के आलोक में क्षतिपूर्ति की यह धनराशि हमारे विचार से उचित है। अपील में बल नहीं है। अपील तद्नुसार निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

आदेश

अपील निरस्‍त की जाती हैं। जिला मंच (द्वितीय), लखनऊ द्वारा परिवाद संख्‍या-६७/२०१५ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २५-०७-२०१८ की पुष्टि की जाती है।      

इस अपील का व्‍यय-भार भी उभय पक्ष अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

 

                                    

                                                (उदय शंकर अवस्‍थी)

                                                  पीठासीन सदस्‍य

    

 

                                                  (गोवर्द्धन यादव)

                                                      सदस्‍य

 

 

प्रमोद कुमार

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट नं.-१.  

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER
 

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