राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-624/2012
(जिला उपभोक्ता फोरम, प्रतापगढ़ द्वारा परिवाद संख्या-274/2005 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं
आदेश दिनांक 07.01.2012 के विरूद्ध)
अनूप कुमार पाल पुत्र राम करन पाल, निवासी गोई परगना व तहसील पट्टी, जिला प्रतापगढ़।
.........अपीलार्थी@परिवादी
बनाम्
1. मैनेजर ए0ए0 15/147 मवइया आशापुर जिला वाराणसी (जगत उत्तम सुगंधित तम्बाकू जर्दा कं0)।
2. मुन्ना किराना स्टोर्स गोई परगना व तहसील पट्टी, जिला प्रतापगढ़।
................प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष:-
1. माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2. माननीय श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 29.04.2015
माननीय श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह अपील, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रतापगढ़ द्वारा परिवाद संख्या 274/2005 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.01.2012 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई है।
अपीलकर्ता एवं प्रत्यर्थी की तरफ से कोई उपस्थित नहीं है। यह अपील वर्ष 2012 से निस्तारण हेतु लम्बित है। तदनुसार पीठ द्वारा जिला फोरम के निर्णय/आदेश दिनांक 07.01.2012 का अवलोकन किया गया।
संक्षेप में, केस के तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी/अपीलकर्ता को विपक्षी संख्या-2/प्रत्यर्थी संख्या-2 ने बताया कि जगत सुर्ती में इनामी योजना चल रही है। डिबिया का ढक्कन खोलने पर इनाम की जानकारी होगी एवं इनाम विपक्षी संख्या-1/प्रत्यर्थी संख्या-1 द्वारा दिया जायेगा। इस पर परिवादी/अपीलकर्ता ने विपक्षी संख्या-2/प्रत्यर्थी संख्या-2 के यहां से जगत सुर्ती की छोटी डिबिया खरीदी और जब जगत डिबिया का ढक्कन खोला तब उसको सी0डी0 कार 49 का इनामी कूपन
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प्राप्त हुआ, जिस पर वह विपक्षी संख्या-2/प्रत्यर्थी संख्या-2 की दुकान पर गया और कहा कि उसे इनामी कूपन प्राप्त हुआ है। अत: उन्हें निर्माता कम्पनी से इनाम दिलवायें। इस सम्बन्ध में परिवादी/अपीलकर्ता ने विपक्षी संख्या-2/प्रत्यर्थी संख्या-2 से कई बार सम्पर्क किया, लेकिन कोई सन्तोषजनक उत्तर नहीं मिला, जिससे क्षुब्ध होकर प्रश्नगत परिवाद जिला फोरम के समक्ष योजित किया गया। विपक्षी संख्या-1 ने जिला फोरम के समक्ष लिखित कथन प्रस्तुत करते हुए कहा है कि उसने कभी भी कोई इनामी योजना नहीं रखी थी और न ही इसकी कोई घोषणा की थी और कोई प्रकाशन भी नहीं कराया था। परिवादी का यह कहना गलत है कि उसने इनामी योजना के अन्तर्गत तम्बाकू की डिब्बी खरीदी थी। अत: यह परिवाद विपक्षी को परेशान करने की नियत से योजित किया गया है, जो खारिज होने योग्य है। जिला फोरम द्वारा दोनों पक्षकारों को सुनने एवं पत्रावली का अवलोकन करने के उपरान्त परिवाद आधारहीन पाते हुए निरस्त कर दिया गया।
अपीलकर्ता अनुपस्थित हैं। उनकी ओर से प्रत्यर्थी पर सूचनार्थ जो पैरवी की गयी है वह अपूर्ण है। आदेश पत्र दिनांक 09.04.2012 से यह स्पष्ट होता है कि प्रस्तुत अपील काफी विलम्ब से योजित की गयी है। विलम्ब क्षमा प्रार्थना पत्र पर आपत्ति योजित करने हेतु प्रत्यर्थीगण को नोटिस जारी किया गया था, परन्तु डाक टिकट कम होने के कारण नोटिस जारी नहीं की जा सकी। तब से अपीलकर्ता उपस्थित नहीं आ रहे हैं और न ही उनके द्वारा पैरवी सुनिश्चित की जा रही है।
अत: केस के तथ्य एवं परिस्थितियों को देखते हुए व जिला फोरम के निर्णय/आदेश दिनांकित 07.01.2012 के अवलोकन से हम यह पाते हैं कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07.01.2012 विधिसम्मत है और उसमें हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। तदनुसार अपील खारिज किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खारिज की जाती है।
उभय पक्ष अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाए।
(राम चरन चौधरी) (राज कमल गुप्ता)
पीठासीन सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0
कोर्ट-5