Uttar Pradesh

Bareilly-II

CC/237/2009

TARIQ - Complainant(s)

Versus

MUKESH PROPRIETOR - Opp.Party(s)

23 Nov 2024

ORDER

1. परिवादी अनुपस्थित।
2. विपक्षी अनुपस्थित।
3. दिनॉक 16.09.2009 को जिला उपभोक्ता आयोग-प्रथम के समक्ष प्रस्तुत तथा मान्नीय राज्य उपभोक्ता आयोग द्वारा दिनॉक 23.11.2011 को पारित अन्तरण आदेश के पालन में दिनॉक 08.12.2011 को इस आयोग को अन्तरण में प्राप्त इस परिवाद प्रकरण में मान्नीय राज्य आयोग द्वारा पुनरीक्षण क्रमॉक - 166/2011 में पारित आदेश दिनॉक 04.10.2011 द्वारा इस परिवाद प्रकरण की सम्पूर्ण कार्यवाही आगामी आदेश तक के लिये स्थगित की गई है।  
4. पक्षकार कार्यवाही में स्थगन के पश्चात् से ही लगातार अनुपस्थित हैं।
5. पुनरीक्षण याचिका निराकृत होने अथवा स्थगन समाप्त होने की कोई अधिकृत सूचना मान्नीय राज्य आयोग की ओर से अब तक प्राप्त नहीं हुई है और न ही किसी पक्षकार की ओर से प्रस्तुत की गई है।
6. मान्नीय राज्य आयोग द्वारा पुनरीक्षण याचिका क्रमॉक - 1666/2011 स्वीकार किये जाने की दशा में इस परिवाद प्रकरण की विचारण कार्यवाही समाप्त हो जावेगी तथा इसके विपरीत पुनरीक्षण याचिका खारिज किये जाने की दशा में विचारण कार्यवाही में स्थगन समाप्त होकर विचारण की कार्यवाही आगे जारी रखी जावेगी।
7. मान्नीय राज्य आयोग द्वारा पुनरीक्षण याचिका स्वीकार किये जाने की दशा में परिवादी का इस निष्पादन प्रकरण में कोई हित शेष न रहने के कारण विचारण कार्यवाही में उपस्थित होने की कोई आवश्यकता शेष नहीं रह जाती। इसके विपरीत पुनरीक्षण याचिका खारिज किये जाने की दशा में स्थगन स्वतः समाप्त होने पर परिवादी उपस्थित होकर विचारण कार्यवाही पूर्ण किये जाने हेतु इस आयोग के समक्ष उपस्थित होगा।
8. अतः पक्षकारों की लगातार अनुपस्थिति तथा विचारण कार्यवाही में स्थगन समाप्त होने की सूचना न होने के कारण इस परिवाद प्रकरण को वर्तमान् स्तर पर अनावश्यक रूप से बार-बार तारीखें नियत किये जाने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता। 
9. मान्नीय उच्चतम न्यायालय अथवा मान्नीय राज्य आयोग द्वारा स्थगन आदेश समाप्त होने की सूचना दिये जाने अथवा परिवादी द्वारा स्थगन आदेश समाप्त होने के समबन्ध में प्रमाण पेश किये जाने की दशा में यह परिवाद प्रकरण पुनः नम्बर पर दर्ज किया जाकर विचारण कार्यवाही पुनः प्रारम्भ की जावेगी।
10. यह परिवाद प्रकरण क्रमॉक - 237/2009 पुनः पंजी से निरस्त किया जावे तथा अभिलेख के शीर्ष में लाल स्याही से अभिलेख सुरक्षित रखे जाने की टीप लगाते हुये फिलहाल इस परिवाद प्रकरण का अभिलेख अभिलेखागार भेजा जावे।

 

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