राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-3259/2003
(सुरक्षित)
(जिला उपभोक्ता फोरम, अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्या- 75/2000 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07-11-2003 के विरूद्ध)
श्री अशोक कुमार पुत्र श्री पोपसिंह निवासी- ग्राम रहसूपुर, परगना तहसील कोल जिला- अलीगढ़। अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1-मेसर्स अलीगढ़ ट्रैक्टर एण्ड ओटो मोबाइल्स प्रा0 लि0 अलीगढ़ कोर्ट रोड, नई नगर पालिका मार्केट अलीगढ़- 202001 द्वारा प्रोपराइटर।
2-मेसर्स ट्रैक्टर एण्ड फार्म एक्यूपमेंटस लि0-35, जुनगम्बाकम हाई रोड चेन्नई-600034 द्वारा एक्जीक्यूटिव मैनेजर। प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
1-माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2-माननीय श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री ओ0पी0 दुवैल, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री अरूण टण्डन व श्री टी0एच0 नकवी,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक03-07-2015
माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य, द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलकर्ता ने यह अपील जिला उपभोक्ता फोरम, अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्या- 75/2000 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07-11-2003 के विरूद्ध प्रस्तुत की है, जिसके द्वारा परिवादी का परिवाद पत्र खारिज किया गया है।
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार से है कि प्रार्थी ने दिनांक 28-10-1998 को मैसी टैक्टर नं0-एम0एफ0-1035 मुबलिग दो लाख 40 हजार रूपये में क्रय किया। ट्रैक्टर खरीदने पर पता चला कि उसमें काफी कमियां है। ट्रैक्टर ठीक नहीं चल पा रहा था, मुख्य खराबी इंजन शीघ्र गर्म हो जाता था। टैक्टर का इंजन अचानक तेजी से स्पीड लेता है तथा कंट्रोल से बाहर हो जाता है, डीजल पम्प भी खराब है, इसके अलावा भी कई कमियां थी। प्रार्थी विपक्षी के वर्कशाप पर दिनांक 10-10-1999 को ले गया और ट्रैक्टर
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को बदलने को कहा। ट्रैक्टर अपने वर्कशाप में रख लिया। दिनांक 02-11-1999 को जब प्रार्थी ने अपने ट्रैक्टर के बारे में पूछा तो वहॉ कम्पनी के इंजीनियर भी मौजूद थे, उन्होंने कहा कि हम ट्रैक्टर को दुरूस्त करा देते है। जब सही न चले तो बदल सकते है, लेकिन विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।
जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष विपक्षी ने आपत्ति प्रस्तुत करते हुए कहा है कि उसने प्रार्थी के लोनी बैंक को समस्त रिकार्ड दे दिये थे। प्रार्थी ने विभिन्न तिथियों में समस्त फ्री सर्विस करायी है। प्रार्थी ने कभी कोई शिकायत नहीं की। प्रार्थी दिनांक 02-11-1999 को हमारी वर्कशाप में आया और उसकी ट्रैक्टर की शिकायत विपक्षी सं0-2 के इंजीनियर के समक्ष ठीक कर दी गई। जिसका कोई शुल्क चार्ज नहीं किया गया। जबकि प्रार्थी का ट्रैक्टर अन्ट्रेन्ड व्यक्ति द्वारा चलाया जा रहा था। प्रार्थी ने दिनांक 02-11-1999 के बाद कोई शिकायत नहीं की, क्योंकि ट्रैक्टर ठीक हालत में चल रहा था। विपक्षी की सेवाओं में कोई कमी नहीं है। प्रार्थना पत्र खारिज होने योग्य है।
अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्ता श्री ओ0पी0 दुवैल व प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अरूण टण्डन व श्री टी0एच0 नकवी उपस्थित है, उनको सुना गया। अपील के आधार का अवलोकन किया गया तथा जिला उपभोक्ता फोरम के निर्णय/आदेश दिनांकित-07-11-2003 का अवलोकन किया गया।
जिला उपभोक्ता फोरम ने अपने निर्णय में पाया है कि परिवादी ने दिनांक 28-10-1993 को ट्रैक्टर क्रय किया था और उसका ट्रैक्टर शुरू से ठीक कार्य नहीं कर रहा था, कुछ समय चलने के बाद गर्म हो जाता था, डीजल पम्प भी खराब था, लेकिन परिवादी ने ऐसा कोई साक्ष्य दाखिल नहीं
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किया है, जिससे कि उपरोक्त कमियां साबित हो। यह भी कहा गया है कि परिवादी ने तीन फ्री सर्विस का लाभ दिनांक 16-11-1998, 27-02-1999 एवं 15-06-1999 को लिया है। फ्री सर्विस दिनांक 27-02-1999 में अवश्य ही सेल्फ की खराबी का वर्णन है, जिसे विपक्षी द्वारा सही कर दिया गया। परिवादी ने अपने प्रार्थना पत्र में कहा है कि दिनांक 02-11-1999 को वह विपक्षी के वर्कशाप में ट्रैक्टर लेकर गया और कम्पनी के इंजीनियर की मौजूदगी में ट्रैक्टर दुरूस्त किया गया। जिला उपभोक्ता फोरम ने पाया कि इससे सिद्ध होता है कि लगभग 13 महीने तक ट्रैक्टर परिवादी चलाता रहा और यह भी कहा गया है कि परिवादी ने जो अजय इंजीनियरिंग वर्क्स, हरदुआगंज के लेटर हेड पर दिनांक 02-02-2003 का पत्र दाखिल किया है, वह परिवाद पत्र के लगभग एक साल के बाद का है, जिसमें ट्रैक्टर में कुछ खराबी को इंगित किया गया है। यह पत्र न तो सत्यापित है और न ही शपथ पत्र से समर्थित है।
केस के तथ्यों परिस्थितियों को देखते हुए हम यह पाते है कि जिला उपभोक्ता फोरम के द्वारा जो निर्णय/आदेश पारित किया गया है, वह विधि सम्मत् है, उसमें हस्तक्षेप किये जाने की कोई गुंजाइश नहीं है और अपीलकर्ता की अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्ता की अपील खारिज की जाती है तथा जिला उपभोक्ता फोरम, अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्या- 75/2000 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 07-11-2003 की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वयं वहन करें।
(राम चरन चौधरी) ( राज कमल गुप्ता )
पीठासीन सदस्य सदस्य
आर.सी. वर्मा, आशु. कोर्ट नं0-5