राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-1244/2022
सुभाष चन्द्र कुशवराहा पुत्र स्व0 जद्दू भगत, निवासी बी.4/140 विशाल खण्ड गोमती नगर, जिला लखनऊ।
........... अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1- मैसर्स स्पेसवुड फर्नीचर्स प्रा0लि0 टी-48, एम0आइ0डी0सी0 हिंगना रोड, हिंगना रोड, नागपुर महाराष्ट्र-440016।
2- राकेश कुमार चौहान डी0ए0एफ0 इंटरनेशनल प्रा0लि0 स्पेशवुड 188 कठौता चौराहा रोड, निकट बी.3 यूनियन बैंक के ऊपर विभव खण्ड, गोमती नगर लखनऊ।
…….. प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री राजेश कुमार गुप्ता
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 18.11.2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादी सुभाष चन्द्र कुशवाहा द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-420/2021 में पारित आदेश दिनांक 16.8.2022 के विरूद्ध योजित की गई है। जिसके द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद, परिवादी की अनुपस्थिति एवं अदम पैरवी में निरस्त कर दिया है। जिला उपभोक्ता आयोग के प्रश्नगत आदेश से क्षुब्ध होकर अपीलार्थी/परिवादी द्वारा प्रस्तुत अपील योजित की गई है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश पूर्णत: तथ्य और विधि के विरूद्ध है। यह भी कथन किया गया कि अपीलार्थी को जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख
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साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर पर्याप्त नहीं हो सका है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता यह भी कथन किया गया कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद को परिवादी की अनुपस्थिति एवं अदम पैरवी में निरस्त किया गया है, जो कि अनुचित है।
मेरे द्वारा समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए एक अवसर अपीलार्थी को प्रदान किया जाना उपयुक्त प्रतीत होता है, तद्नुसार विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-420/2021 में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 16.8.2022 को अपास्त करते हुए प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है तथा प्रकरण सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद सं0-420/2021 को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण, यथासम्भव 03 माह में बिना किसी पक्ष को स्थगन प्रदान करते हुए करना सुनिश्चित करें।
इस आदेश की प्रति अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 22.12.2022 अथवा उससे पूर्व जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1