Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/128/2017

AYUSH KUMAR - Complainant(s)

Versus

M/S SANJAY ETC. - Opp.Party(s)

AJAY KUMAR SINHA

08 Dec 2021

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 128 सन् 2017

प्रस्तुति दिनांक 22.08.2017

                                                                                               निर्णय दिनांक 08.12.2021

  1. तेजप्रताप आर्य (नाबालिग) पुत्र स्वo विनोद कुमार ववलायत माता हकीकी नीलम।
  2. निलम पत्नी स्वo विनोद कुमार निवासी अतलस टैंक न्यू ज्योति निकेतन स्कूल आजमगढ़ तहसील सदर जिला आजमगढ़ वास्ते नाबालिग पुत्र आयुष कुमार      

     ....................................................................................परिवादीगण।

बनाम

  1. मेसर्स संजय इलेक्ट्रिकल्स पुरानी कोतवाली, तहसील सदर, जिला आजमगढ़ जरिए प्रोपराइटर।
  2. एल.जी. इलेक्ट्रानिक्स इण्डिया प्राइवेट लिo प्लाट नं. 51 सूरजपुर कसना रोड ग्रेटर नोयडा- 201306 यू.पी. जरिए प्रबन्ध निदेशक।
  3. लाईफ लाईन सर्विस (अधिकृत एल.जी. सर्विस सेन्टर हाईडिल) चौक सिधारी, जनपद- आजमगढ़ जरिए संचालक।      
  4. विपक्षीगण।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादीगण ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि परिवादिनी संख्या 02 मुहल्ला अतलस टैंक न्यू ज्योति निकेतन स्कूल जनपद आजमगढ़, तहसील सदर, शहर व जिला आजमगढ़ की निवासिनी है और अपने नाबालिग पुत्र आयुष कुमार याची संख्या 01 परिवर्तित नाम तेजप्रताप आर्य की सगी माता है। विपक्षी संख्या 01, विपक्षी संख्या 02 के कम्पनी का बना हुआ इलेक्ट्रानिक सामान टी.वी., फ्रिज आदि को बेचने का कारोबार अपने प्रतिष्ठान मेसर्स संजय इलेक्टीकल्स पुरानी कोतवाली आजमगढ से करता है। विपक्षी संख्या 01 के प्रतिष्ठान से दिनांक 29.11.2012 को परिवादिनी के पति स्वo विनोद कुमार ने अपने नाबालिग पुत्र आयुष कुमार परिवर्तित नाम तेजप्रताप आर्य के नाम से एक अदद एलoईoटीo टीoबीo 32 एलoएमo 6200ए.टी.आर. 32, 3डी फुल एच.डी. जिसका सीरियल नं. 210, पी.एल.एच.टी.-045953 को मुo 48001/- रुपए में इनवायस नम्बर आर 2012 एल.जी.वी.ए.आर.0393-2573 से खरीदा। खरीदे गए उपरोक्त टी.वी. के सम्बन्ध में विपक्षीगण द्वारा रिटेल इनवायस दिनांकित 29.11.2012 व वारण्टी कार्ड दिया। दिनांक 29.11.2012 को खरीदे गए उपरोक्त टी.वी. में तकनीकि खराबी एवं मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट होने के कारण उक्त टी.वी. काम करना बन्द कर दिया, जिसकी सूचना माह अप्रैल 2013 में विपक्षी संख्या 01 को दे दिया गया, परन्तु बार बार आश्वासन के बावजूद विपक्षी संख्या 01 द्वारा टी.वी. ठीक नहीं कराया गया, विपक्षी संख्या 01 के लापरवाही व उपेक्षा से क्षुब्ध होकर परिवादिनी के पति ने अपनी शिकायत दिनांक 28.11.2013 को आन लाईन कम्पनी में पंजीकृत कराया जिसकी पंजीकरण नं. 131128015158 थी। ऑनलाइन शिकायत कराने के बाद कम्पनी के अधिकृत सर्विस सेन्टर विपक्षी संख्या 03 के यहाँ से इन्जीनियर आया और टी.वी. को देखने के बाद टी.वी. के पार्ट्स खराब होने की बात बता कर वापस चला गया पुनः कुछ दिनों बाद उक्त इंजीनियर अपने साथ कुछ पार्ट्स लेकर परिवादी संख्या 02 के घर गया परन्तु लाए हुए पार्ट्स उक्त टी.वी. का न होने के कारण टी.वी. नहीं चली तो उसने बताया कि यह मॉडल बन्द हो जाने के कारण इसका पार्ट मिल पाना व टी.वी. का बन पाना सम्भव नहीं है और टी.वी. के ठीक न पाने के कारणों से कम्पनी के उच्च अधिकारियों को मोबाईल के जरिए सूचित करके वापस चला गया। उक्त सूचना देने के बाद कम्पनी के अधिकृत सर्विस सेण्टर विपक्षी संख्या 03 के यहाँ से इंजीनियर आकर बताए कि कम्पनी इस टी.वी. को वापस लेकर इसकी कीमत वापस करने का निर्णय लिया है, जिस कारण यह टी.वी. वापस ले जा रहे हैं, विपक्षी संख्या 03 के यहाँ से आए हुए व्यक्ति ने दिनांक 29.09.2014 को टी.वी. उससे सम्बन्धित एसेसिरीज पावर कार्ड, रिमोट व उससे सम्बन्धित मूल कागजात को लेकर उसकी पावती अपने जॉब शीट पर दर्ज करके परिवादिनी को दे दिया। टी.वी. के पावती के बाद पैसे का भुगतान किए जाने के सम्बन्ध में विपक्षीगण की तरफ से सूचित किया गया और जब विपक्षीगण के यहाँ परिवादिनी के पति विनोद कुमार अपना रूपया वापस लेने गए तो बताया गया कि भुगतान का चेक आयुष कुमार परिवर्तित नाम तेजप्रताप आर्य के नाम बनेगा, जिस पर परिवादिनी के पति ने अपनी परेशानी बता कर आपत्ति किया तो विपक्षीगण द्वारा बताया गया कि यह कम्पनी के वाराणसी शाखा के सर्विस मैनेजर के नाम शपथ पत्र दे देवें, स्वीकृति मिल जाने पर रिफण्ड चेक आपके नाम जारी कर देंगे। विपक्षीगण की बातों पर विश्वास करके परिवादिनी के पति दिनांक 25.11.2014 को अपना उपरोक्त आशय का शपथ का पत्र दे दिया, परन्तु विपक्षीगण द्वारा न तो आजतक कोई सूचना दी गई और न ही वापसी की धनराशि का रिफण्ड चेक ही दिया गया। विपक्षीगण द्वारा दिनांक 28.09.2015 को परिवादिनी के पति के मोबाईल पर काल करके सूचित किया कि खरीदे गए टी.वी. की धनराशि की वापसी नहीं होगी, इस प्रकार से विपक्षीगण ने परिवादी को रिफण्ड चेक देने से

इन्कार कर दिए। अतः याचीगण को टी.वी. की कीमत मुo 48000/- रुपए को 18% प्रतिशत ब्याज के साथ विपक्षीगण से वापस दिलाया जाए तथा 25000/-रुपए शारीरिक, मानसिक व आर्थिक कष्ट हेतु दिलाया जाए।  

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 7/1 रिटेल इनवायस की छायाप्रति, कागज संख्या 7/2 जॉबशीट की छायाप्रति, कागज संख्या 7/3-4 शपथ पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 7/5 रसीद रजिस्ट्री की छायाप्रति, कागज संख्या 7/6-7 नोटिस की छायाप्रति, कागज संख्या 7/8 परिवादिनी संख्या 02 के पति को टी.वी. ले जाने सम्बन्धी सूचना पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 7/9 सर्विस मैनेजर को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 7/10 वारण्टी कार्ड की छायाप्रति तथा कागज संख्या 7/11 मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।

प्रस्तुत परिवाद के विरुद्ध विपक्षीगण द्वारा अपना जवाबदावा बार-बार अवसर देने के बाद भी प्रस्तुत नहीं किया गया जिसके कारण परिवाद दिनांक 03.07.2021 को विपक्षीगण के विरुद्ध एक पक्षीय अग्रसारित किया गया।

परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादीगण द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र तथा उसके समर्थन में शपथ पत्र एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखण्डित हैं। अतः परिवाद स्वीकार होने योग्य पाया जाता है।

 

 

 

आदेश

    परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 02 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादीगण को 48,000/- रुपए (रु. अणतालीस हजार मात्र) अन्दर 30 दिन अदा करें, जिस पर परिवाद दाखिला की तिथि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक 09% वार्षिक ब्याज देय होगा साथ ही विपक्षी संख्या 02 को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादीगण को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति हेतु मुo 5,000/- रुपए (रु. पांच हजार मात्र) भी अदा करे।    

 

 

 

                                                                        गगन कुमार गुप्ता                 कृष्ण कुमार सिंह  

                                                      (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

 

             दिनांक 08.12.2021

                                                 यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

                                                                     गगन कुमार गुप्ता                 कृष्ण कुमार सिंह

                                                               (सदस्य)                              (अध्यक्ष)

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