Uttar Pradesh

StateCommission

A/2000/1725

Globe Transport Co. Pvt. Ltd. - Complainant(s)

Versus

M/S Sadhvi Textile Co. - Opp.Party(s)

V S Bisaria

24 Aug 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2000/1725
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Globe Transport Co. Pvt. Ltd.
a
...........Appellant(s)
Versus
1. M/S Sadhvi Textile Co.
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. Smt Balkumari MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 24 Aug 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील सं0-१७२५/२०००

 

(जिला मंच, गाजियाबाद द्वारा परिवाद सं0-१०४०/१९९७ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक    २२-०६-१९९८ के विरूद्ध)

 

ग्‍लोबल ट्रान्‍सपोर्ट कम्‍पनी प्रा0लि0 हैड आफिस चॉंदी की टकसाल, जयपुर।

                                                 ............... अपीलार्थी/विपक्षी सं0-१.

बनाम्

१. मै0 साध्‍वी टैक्‍सटाइल कम्‍पनी, ४२, जवाहर मार्केट, पिलखुआ, जिला गाजियाबाद द्वारा प्रौपराइटर।   

                                    ................       प्रत्‍यर्थी/परिवादी।

 

२. बंसल ट्रान्‍सपोर्ट कम्‍पनी, रेलवे रोड गंज, पिलखुआ, जिला गाजियाबाद द्वारा प्रौपराइटर श्री राजेन्‍द्र कुमार।

३. बॉंसबाड़ा गोल्‍डल ट्रान्‍सपोर्ट कम्‍पनी ३६-३७ न्‍यू क्‍लॉथ मार्केट, बॉसबाड़ा, राजस्‍थान।

................       प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षी सं0-२ व ३.

 समक्ष:-

१-  मा0, श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

२.  मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित        :- श्री वी0एस0 बिसारिया विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित       :- कोई नहीं।

 

दिनांक : २२-०९-२०१७.

 

मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

      यह अपील, जिला मंच, गाजियाबाद द्वारा परिवाद सं0-१०४०/१९९७ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक २२-०६-१९९८ के विरूद्ध योजित की गयी है।  

संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी के कथनानुसार प्रत्‍यर्थी सं0-२ व ३, प्रत्‍यर्थी सं0-१ के अभिकर्ता हैं तथा ट्रान्‍सपोर्ट के व्‍यवसाय में संलग्‍न हैं। परिवादी ने अपीलार्थी के बुकिंग एजेण्‍ट प्रत्‍यर्थी सं0-२ से पिलखुआ गाजियाबाद से कपड़े का कन्‍साइनमेण्‍ट बॉंसबाड़ा भेजने हेतु दिनांक २८-०५-१९९५ को बुक किया। यह माल गन्‍तव्‍य स्‍थान पर क्षतिग्रस्‍त एवं खुली हुई स्थिति में पहुँचा। प्रत्‍यर्थी सं0-३ ने क्षतिग्रस्‍त माल की डिलीवरी के सम्‍बन्‍ध में प्रमाण पत्र दिनांकित १३-०६-१९९५ जारी किया। इस प्रकार जी0आर0 नम्‍बर ७९२६ x ७ का माल कीमती

-२-

२५,८५२/- रू० परिवहन में लापरवाही के कारण नष्‍ट हो गया। प्रत्‍यर्थी सं0-२ ने जी0आर0 नम्‍बर ७९३६ x ६ से सम्‍बन्धित माल कीमती ११,५५७/- रू० के सम्‍बन्‍ध में भी क्षतिग्रस्‍त डिलीवरी के सम्‍बन्‍ध में प्रमाण पत्र जारी किया। परिवादी ने अपने पत्र दिनांकित ०४-०७-१९९५ द्वारा माल की कीमत मांगी। प्रत्‍यर्थी सं0-२ ने अपीलार्थी से परिवादी का दावा निबटाने हेतु पत्र दिनांकित २७-१०-१९९५ एवं ०१-११-१९९६ भी प्रेषित किए। अपीलार्थी ने परिवादी को एक पत्र दिनांकित  ०७-०५-१९९७ भेजा तथा क्षतिग्रस्‍त माल से सम्‍बन्धित बिल एवं क्षतिग्रस्‍त माल की मांग की। परिवादी ने ११,२५८/- रू० का पूर्णत: क्षतिग्रस्‍त माल एवं बिल नं0-१३३० भेजा। परिवादी ने जो आंशिक क्षतिग्रस्‍त माल था उसे पिलखुआ में घटे दाम पर बेच दिया। पूर्णत: क्षतिग्रस्‍त माल प्राप्‍त करने के बाबजूद भुगतान अपीलार्थी द्वारा नहीं किया गया। अत: परिवाद जिला मंच के समक्ष क्षतिग्रस्‍त माल का मूल्‍य ३७,४०९/- रू० मय ब्‍याज तथा क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु योजित किया।

जिला मंच के समक्ष अपीलार्थी एवं प्रत्‍यर्थी सं0-२ व ३ की ओर कोई उपस्थित नहीं हुआ।

विद्वान जिला मंच ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी का परिवाद स्‍वीकार करते हुए अपीलार्थीगण को निर्देशित किया कि निर्णय की तिथि के ०२ माह के अन्‍दर ३७,४०९/- रू० मय १८ प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज परिवादी को अदा करे। इसके अतिरिक्‍त मानसिक उत्‍पीड़न एवं वाद के हर्जा खर्चा के लिए २,०००/- रू० भी अदा करे।   

इस निर्णय से क्षुब्‍ध होकर यह अपील दिनांक १९-०७-२००२ को योजित की गयी। 

हमने विद्वान अधिवक्‍ता अपीलार्थी के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से तर्क प्रस्‍तुत करने हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ। प्रत्‍यर्थी सं0-१ की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री अरविन्‍द गर्ग का वकालतनामा पत्रावली पर उपलब्‍ध है। प्रत्‍यर्थी सं0-२ व ३ औपचारिक पक्षकार हैं।

प्रस्‍तुत अपील निर्णय दिनांकित २२-०६-१९९८ के विरूद्ध दिनांक १९-०७-२००२ को योजित की गई है। अपील के प्रस्‍तुतीकरण में हुए विलम्‍ब को क्ष‍मा किए जाने हेतु प्रार्थना पत्र अपीलार्थी की ओर से प्रस्‍तुत किया गया है। इस प्रार्थना पत्र में अपीलार्थी द्वारा यह अभिकथन किया गया है कि जिला मंच में लम्बित परिवाद की कोई जानकारी उसे नहीं थी। प्रश्‍नगत निर्णय की प्रति

 

-३-

प्राप्‍त होने पर सर्वप्रथम दिनांक २४-०८-१९९८ को परिवाद की जानकारी प्राप्‍त हुई। तत्‍काल परिवादी ने प्रश्‍नगत निर्णय को अपास्‍त करते हुए परिवाद को मूल नम्‍बर पर दर्ज किए जाने हेतु प्रार्थना पत्र दिनांक १४-०९-१९९८ को प्रेषित किया। विद्वान जिला मंच ने परिवादी का यह प्रार्थना पत्र दिनांक ०१-०६-२००० को निरस्‍त कर दिया। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि जिला मंच द्वारा अपीलार्थी का सम्‍मन गोल्‍डन ट्रान्‍सपोर्ट के नाम से भेजा जाता रहा जबकि अपीलार्थी की फर्म ग्‍लोब ट्रान्‍सपोर्ट कम्‍पनी प्रा0लि0 के नाम से है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से अपीलार्थी द्वारा विलम्‍ब क्षमा किए जाने के सम्‍बन्‍ध में प्रस्‍तुत प्रार्थना पत्र के विरूद्ध कोई आपत्ति प्रस्‍तुत नहीं की गई। अपील के प्रस्‍तुतीकरण में हुए विलम्‍ब का स्‍पष्‍टीकरण सन्‍तोषजनक पाते हुए अपील के प्रस्‍तुतीकरण में हुआ विलम्‍ब क्षमा किया जाता है।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा यह तर्क प्रस्‍तुत किया गया कि अपीलार्थी को जिला मंच के समक्ष अपना पक्ष रखने का अवसर प्राप्‍त नहीं हुआ। अपीलार्थी को गलत पते पर सम्‍मन भेज कर अपीलार्थी पर पर्याप्‍त तामील मानते हुए प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया गया है। प्रश्‍नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि प्रस्‍तुत मामले में अपीलार्थी को भेजी गई रजिस्‍ट्री वापस प्राप्‍त न होने के आधार पर तामीला उस पर पर्याप्‍त मानी गई। अपीलार्थी की ओर से यह तर्क भी प्रस्‍तुत किया गया कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा भेजा गया माल सही स्थिति में गन्‍तव्‍य स्‍थान तक पहुँचा और उसे प्राप्‍त किया गया। इस सन्‍दर्भ अपील के साथ अपीलार्थी के पत्र दिनांकित २७-१०-१९९५ की फोटोप्रति दाखिल की गई। इस अपील की सुनवाई के मध्‍य प्रत्‍यर्थी/परिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है। ऐसी परिस्‍िथति में हमारे विचार से उभय पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए प्रश्‍नगत परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्‍तारण किया जाना न्‍यायसंगत होगा। तद्नुसार मामला गुणदोष के आधार पर निस्‍तारण हेतु जिला मंच को प्रतिप्रेषित किए जाने योग्‍य है।

आदेश

      प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला मंच, गाजियाबाद द्वारा परिवाद सं0-१०४०/१९९७ में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक २२-०६-१९९८ अपास्‍त किया जाता है। प्रकरण विद्वान जिला मंच, गाजियाबाद को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि उभय पक्ष

 

-४-

को साक्ष्‍य प्रस्‍तुत करने का अवसर प्रदान करते हुए प्रश्‍नगत परिवाद का निस्‍तारण यथाशीघ्र गुणदोष के आधार पर किया जाना सुनिश्चित करें। अपीलार्थी दिनांक ०४-१२-२०१७ को सम्‍बन्धित जिला मंच के समक्ष उपस्थित हो।

उभय पक्ष अपीलीय व्‍यय-भार अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

 

 

                                               (उदय शंकर अवस्‍थी)

                                                पीठासीन सदस्‍य

 

 

                                                  (बाल कुमारी)

                                                     सदस्‍य

 

 

 

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट-२.

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Smt Balkumari]
MEMBER

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