(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-633/2003
New India Assurance Co. Ltd
Versus
M/S New Jeans Proprietorship Firm & other
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री टी0जे0एस0 मक्कड़, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित:- श्री राजेश चड्ढा, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :20.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-292/1997, मै0 न्यू जीन्स प्रोपराइटर फर्म व अन्य बनाम न्यू इंडिया इंश्योरेंस कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग, सहारनपुर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 28.01.2003 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमित व्यापार में अग्निकाण्ड के कारण कारित क्षति की पूर्ति के लिए अंकन 2,09,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया है, जिस पर ब्याज 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लम्बित अवधि के दौरान तथा इसके पश्चात 15 प्रतिशत की दर से ब्याज अदा करने के लिए भी आदेशित किया गया है।
3. इस आधार पर चुनौती दी गयी है कि जिला उपभोक्ता आयोग ने बगैर आंकलन की क्षति की राशि निर्धारित की है। पत्रावली के अवलोकन से ज्ञात होता है कि स्वयं परिवादी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते समय अंकन 1,71,308/-रू0 की क्षति होने के संबंध में सूचित किया था, चूंकि प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखाते समय क्षति की जिस राशि का उल्लेख किया गया है, उस राशि से अधिक क्षति मांगने और जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा प्रदत्त करने का कोई अवसर नहीं था। अत: जिला उपभोक्ता आयोग ने क्षतिपूर्ति की राशि का आंकलन उच्च दर से निर्धारित किया है, इसी प्रकार ब्याज राशि भी अत्यधिक उच्च दर से निर्धारित की गयी है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि अपीलार्थी/विपक्षी सं0 1 क्षतिपूर्ति की राशि केवल 1,71,308/-रू0 परिवादी को अदा करे तथा इस राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक केवल 09 प्रतिशत की दर से ब्याज अदा किया जाए।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2