Uttar Pradesh

StateCommission

A/429/2022

Tata AIG General Isurance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

M/s New Golu Brick Field and another - Opp.Party(s)

T.J.S.Makkar

07 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/429/2022
( Date of Filing : 25 May 2022 )
(Arisen out of Order Dated 25/03/2022 in Case No. C/2021/90 of District Aligarh)
 
1. Tata AIG General Isurance Co. Ltd
Unit no AH-1 IIIrd Floor Padam Buisiness park Plot no. INS-1 Sector-12 Agra
...........Appellant(s)
Versus
1. M/s New Golu Brick Field and another
Kota khas Tehsil Gabhana Dist. Aligarh Through Prop. /Manager Smt. Kamlesh Pachauri W/o Sri Jamuna Prasad R/o Hari vilas nagar ITI Road Aligarh
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 07 Sep 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-429/2022

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्‍या 90/2021 में पारित आदेश दिनांक 25.03.2022 के विरूद्ध)

1. टाटा ए0आई0जी0 जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 यूनिट नं0 ए0एच0-1, तृतीय तल पदम बिजनेस पार्क, प्‍लाट नं0 आई0एन0एस0-1, सेक्‍टर-12, आगरा

2. टाटा ए0आई0जी0 जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 रजिस्‍टर्ड आफिस पैनिनसुला, बिजनेस पार्क, टावर ए, 15 वॉं तल, जी0के0 मार्ग, लोअर परेल, मुम्‍बई

                      ........................अपीलार्थीगण/विपक्षी सं02 व 3

बनाम

1. मै0 न्‍यू गोलू ब्रिक फील्‍ड, कोटा खास, तहसील गभाना, जिला अलीगढ़ द्वारा प्रो0/मैनेजर श्रीमती कमलेश पचौरी पत्‍नी श्री जमुना प्रसाद निवासी-हरी विलास नगर, आई0टी0आई0 रोड, अलीगढ़

2. बैंक आफ बड़ौदा द्वारा ब्रांच मैनेजर, निकट दीन दयाल हास्‍पीटल, रामघाट रोड, अलीगढ़

                     .................प्रत्‍यर्थीगण/परिवादिनी व विपक्षी सं01

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री टी0जे0एस0 मक्‍कड़,  

                              विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं01 की ओर से उपस्थित : श्री कुँवर श्‍याम बाबू एवं सुश्री कंचन                                    

                               कुमार, विद्वान अधिवक्‍तागण।

प्रत्‍यर्थी सं02 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 07.09.2022

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील अपीलार्थी टाटा ए0आई0जी0 जनरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लि0 व एक अन्‍य द्वारा इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्‍या-90/2021 मै0 न्‍यू गोलू ब्रिक फील्‍ड बनाम शाखा प्रबंधक, बैंक आफ बड़ौदा व दो अन्‍य में  पारित  निर्णय  एवं

 

 

-2-

आदेश दिनांक 25.03.2022 के विरूद्ध योजित की गयी है।

प्रश्‍नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग ने उपरोक्‍त परिवाद निर्णीत करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-

''प्रतिवादीगण सं0 2व 3 बीमा कम्‍पनी को आदेशित किया जाता है कि वादिनी फर्म के पक्ष में क्षतिपूर्ति की धनराशि रु 1200000/- रिलीज कर प्रतिवादी न0 1 बैंक में वादिनी फर्म के ऋण खाते में भुगतान करे।''

मेरे द्वारा अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता                  श्री टी0जे0एस0 मक्‍कड़ एवं प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍तागण श्री कुँवर श्‍याम बाबू एवं सुश्री कंचन कुमार को सुना तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादिनी की मै0 न्‍यू गोलू ब्रिक फील्‍ड फर्म के नाम से कोटा खास तहसील गभाना जिला अलीगढ़ में ईंट भट्ठा है, जो उसके परिवार के भरण पोषण का एक मात्र साधन है। परिवादिनी द्वारा उक्‍त फर्म चलाने के लिए विपक्षी संख्‍या-1 से 18,00,000/-रू0 का ऋण अर्थात् सी0सी0 लिमिट बनवायी, जिसका खाता सं0 5124 है तथा यह कि परिवादिनी द्वारा उक्‍त ऋण का विपक्षी  संख्‍या-2 व 3 से फर्म का बीमा कराया, जिसकी पालिसी सं0 2266033026 दिनां‍कित 30.05.2018 को पालिसी बांड जारी किया गया तथा विपक्षीगण ने परिवादिनी को आश्‍वासन दिया कि फर्म में दैवीय आपदा या चोरी आदि होने पर विपक्षी संख्‍या-2 व 3 द्वारा 21,57,000/-रू0 तक के नुकसान की भरपाई की जावेगी।

परिवादिनी का कथन है कि दिनांक 20.01.2019 व दिनांक 21.01.2019 को बरसात हो गयी, जिससे लगभग 800000 कच्‍ची ईंटें खराब हो गईं तथा पथाई के लिए रखी लकड़ी कीमत करीब 100000/-रू0 भी अज्ञात व्‍यक्ति उठाकर ले गये। विपक्षी संख्‍या-2 व 3 द्वारा फर्म में हुये नुकसान का सर्वेयर से निरीक्षण कराया तो ईंटों को खराब पाया तथा उनका फोटो भी खींचा तथा सर्वेयर ने पथाई रजिस्‍टर को कब्‍जे में लेकर सील किया तथा सील रजिस्‍टर व फोटो की कापी सर्वेयर अपने साथ ले गये।

 

 

-3-

परिवादिनी का कथन है कि उसने फर्म में हुए नुकसान का मुआवजा पाने के सम्‍बन्‍ध में कई बार शिकायत की, परन्‍तु कोई बात नहीं सुनी गयी तथा अन्‍त में क्‍लेम निरस्‍त कर दिया गया, जिससे क्षुब्‍ध होकर परिवादिनी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।

विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रतिवाद पत्र दाखिल कर कथन किया कि बैंक द्वारा परिवादिनी को मै0 न्‍यू गोलू ब्रिक फील्‍ड हेतु 18,00,000/-रू0 का ऋण स्‍वीकृत किया था, जिसे विपक्षी संख्‍या-2 व 3 बीमा कम्‍पनी द्वारा बीमित किया गया था। परिवादिनी द्वारा ऋण का नियमित रूप से भुगतान नहीं किया गया। बैंक द्वारा परिवादिनी व गारंटर से ऋण भुगतान के लिए कहा गया तथा भुगतान न करने के कारण खाता एन0पी0ए0 हो गया।

विपक्षी संख्‍या-2 व 3 द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रतिवाद पत्र दाखिल कर कथन किया कि परिवादिनी की फर्म मै0 न्‍यू गोलू ब्रिक फील्‍ड का परिवादिनी द्वारा बीमा कम्‍पनी को जो लोकेशन व क्षेत्रफल दिया गया तथा उसके अनुसार बीमा कम्‍पनी द्वारा माई बिजनेस माई च्‍वाइस पैकेज पालिसी के अन्‍तर्गत दिनांक 13.04.2018 से दिनांक 12.04.2019 तक बीमा किया गया था, जिसकी पालिसी सं0 2260033026 है। परिवादिनी ने फर्म के क्षेत्रफल से अलग विभिन्‍न लोगों की भूमिधरी मिट्टी खोदने तथा उन पर ईंट पथाई के लिए अनुबन्‍ध किया था, जिसके सम्‍बन्‍ध में परिवादिनी द्वारा विपक्षीगण से कोई अनुबन्‍ध नहीं किया तथा न ही बीमा कराते समय उस भूमि को फर्म में शामिल किया, जिससे उस भूमि पर पथाई करायी गयी ईंटों के नुकसान की कोई जिम्‍मेदारी विपक्षीगण की नहीं है।

विपक्षी संख्‍या-2 व 3 का कथन है कि सर्वेयर द्वारा जॉंच करने पर बताया गया कि ईंटों को खुले में रखने पर उनमें बारिश से हुआ नुकसान बीमा पालिसी में कवर नहीं है, जिससे बीमा कम्‍पनी का कोई दायित्‍व नहीं है तथा ईंट भट्ठे से अलग खेत होने के कारण भी नुकसान पालिसी में कवर नहीं है। परिवादिनी द्वारा बीमा पालिसी की नियम व  शर्तों  का  उल्‍लंघन

 

 

-4-

किया गया तथा यह कि बीमा कम्‍पनी द्वारा बीमा क्‍लेम निरस्‍त कर कोई त्रुटि नहीं की गयी है।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त अपने निर्णय में निम्‍न तथ्‍य अंकित किये गये हैं:-

     ''निर्विवाद रुप से वादिनी फर्म द्वारा प्रतिवादी बैंक से ईट भट्ठा के कारोबार के लिए 1800000/ रु0 की सीमा तक ऋण लिया था जिसका प्रतिवादीगण सं0 2 व 3 बीमा कम्‍पनी द्वारा दि0 13.04.2018 से दि0 12.04.2019 तक बीमा किया गया था जिसकी पालिसी न0 2260033026 है। वादिनी की ओर से कच्‍ची ईटो के क्षतिग्रस्‍त होने का समय भी उक्‍त अवधि के अंतर्गत दर्शाया गया।

      बीमा कम्‍पनी की ओर से दो कारणो से बीमा क्‍लेम निरस्‍त करना दर्शाया गया है जिनमे से प्रथम यह कि बीमा पालिसी की शर्तों के अनुसार वादिनी के ईट भट्ठा को भारी वर्षा के कारण हुई क्षति बीमा पालिसी में आच्छित नहीं है और दूसरा कारण ये है कि ईट पथाई वाले खेत ईट भट्टे के लोकेशन से भिन्‍न जगह पर स्थित है जिनके खेतो के अनुबन्‍ध बीमा पालिसी में सम्मिलित नहीं है।

      बीमा शर्तों का अवलोकन करने पर विदित होता है कि बीमा पालिसी में फाइर एंड स्‍पेशल पैरिल विशेष रुप से आच्‍छादित है और सामान्‍य रूप से कुछ जोखिमो को पालिसी से बाहर रखा गया है। जिसका तात्‍पर्य है कि फाइर एंड स्‍पेशल पैरिल में दर्शाये गये विशेष जोखिम बीमा पालिसी में आच्‍छादित होने के अतिरिक्‍त अन्‍य सभी जोखिम जिन्‍हे पालिसी से बाहर नहीं रखा गया है ऐसे जोखिम भी पालिसी में आच्‍छादित माने जायेगे। इस सम्‍बन्‍ध में सम्‍पत्ति से सम्‍ब‍न्धित एलाइड लाइन वाले जोखिमों में भिन्‍न प्रकार के जोखिम सम्मिलित है जिनमे भारी वर्षा और जल के कारण हुई क्षति भी सम्मिलित है।

      वादिनी की ओर से स्‍पष्‍ट रूप से कथन किया गया है कि ईट भट्टे की करीब 800000 कच्‍ची ईटे बरसात से खराब हो गई जिनकी अनुमानित लागत 1300/रु प्रति हजार की दर से लगभग 1100000/- रु होता है। बीमा कम्‍पनी की ओर से प्रतिवाद पत्र में मात्र यह कथन किया गया है कि ईटो के पथाई कराया गई लोकेशन पालिसी की शर्तो में नहीं है और विशेष रूप से यह कथन नहीं किया गया है कि बरसात के कारण कच्‍ची ईटो के नष्‍ट होने से कोई नुकसान नहीं हुआ अत: यह स्‍थापित हो जाता है कि वादिनी को बरसात के कारण कच्‍ची ईटो के नष्‍ट होने से नुकसान हुआ जो पूर्वोक्‍त विवेचना के अनुसार बीमा पालिसी में जोखिम के रुप में सम्मिलित है।

      जहॉं तक वादिनी के फर्म ईट भट्ठा की ईटे अनुबन्धित खेतो में ईटे पथवाये जाने का प्रश्‍न है, ये खेत ग्राम कोटा खास तहसील गभाना में स्थित है और  वादी  फर्म  भी

 

 

-5-

ग्राम कोटा खास तहसील गभाना में स्थित है जिसके लिये अनुबन्धित खेतो में ईटे पथवाई गई थी। वादिनी फर्म निश्चित रुप से बीमित है। और बीमा कम्‍पनी में वादिनी फर्म की लोकेशन ग्राम कोटा है जहॉं पर अनुबन्धित खेत स्थित है जहां पर जोखिम में नष्‍ट होने वाली ईटे पथवायी गयी थी। यह स्‍वाभाविक है कि वादिनी फर्म द्वारा एक ही लोकेशन में भट्ठा स्थित होने के स्‍थान से अन्‍य स्‍थान पर भी ईटे पथवाये जाने का कार्य किया जा सकता था। बीमा एक समाज कल्‍याण की व्‍यवस्‍था है जिसमे तकनीकि पहलू की बजाय व्‍यवहारिक पहलू पर भी ध्‍यान देना आवश्‍यक है। वादिनी द्वारा ईट भट्ठे के लिए जो ग्राम कोटा खास में स्थित है उसी ग्राम में ईटे पथवाये जाना व्‍यवहारिक रुप से अनुचित नहीं है और ऐसे किसी कारण से जोखिम की भरपाई के लिए वादिनी फर्म को अयोग्‍य नहीं ठहराया जा सकता है।

      उपरोक्‍त विवेचना के अनुसार हमारी राय में बीमा कम्‍पनी वादिनी फर्म को रु 1200000/- (बारह लाख) व क्षतिपूर्ति हेतु भुगतान करने के लिए उत्‍तदायी है। वादिनी फर्म द्वारा प्रतिवादी सं0 1 से ऋण लिया गया था जिसके सम्‍बन्‍ध में बीमा कम्‍पनी द्वारा बीमा किया गया था अत: बीमित धनराशि पर प्रतिवादी बैंक का प्रथमत: अधिभार होगा।''

सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों का सम्‍यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय  पारित किया गया, जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। अतएव, प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

अपीलार्थीगण द्वारा प्रस्‍तुत अपील में जमा धनराशि 6,00,000/-रू0 अर्जित ब्‍याज सहित जिला उपभोक्‍ता आयोग, अलीगढ़ को 01 माह में विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

                           (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)           

                         अध्‍यक्ष             

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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